भारत की महत्वपूर्ण नदियां
(Important rivers of India)
आज की हमारी इस पोस्ट में हम आपको भारत की महत्वपूर्ण नदियों के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि Exams की द्रष्टि से बहुत ही उपयोगी है !
नदी भूतल पर प्रवाहित एक जलधारा है, जिसका स्रोत प्रायः कोई झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी होता है तथा किसी सागर अथवा झील में गिरती है। नदी शब्द संस्कृत के नद्यः से आया है। संस्कृत में ही इसे सरिता भी कहते हैं।नदी दो प्रकार की होती है- सदानीरा या बरसाती। सदानीरा नदियों का स्रोत झील, झरना अथवा हिमनद होता है और वर्ष भर जलपूर्ण रहती हैं, जबकि बरसाती नदियाँ बरसात के पानी पर निर्भर करती हैं। गंगा, यमुना, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, अमेज़न, नील आदि सदानीरा नदियाँ हैं। नदी के साथ मनुष्य का गहरा सम्बंध है। नदियों से केवल फसल ही नहीं उपजाई जाती है बल्कि वे सभ्यता को जन्म देती हैं अपितु उसका लालन-पालन भी करती हैं। इसलिए मनुष्य हमेशा नदी को देवी के रूप में देखता आया है।
भारत की नदियों को दो भागों हिमालयी भारत की नदियां तथा प्रायद्वीपीय भारत की नदियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
हिमालयी भारत की नदियां
सिन्धु नदी
- उद्गम क्षेत्र – तिब्बत कैलाश मानसरोवर
- प्रवाह क्षेत्र – भारत का जम्मू कश्मीर एवं पाकिस्तान
- मुहाना – पाकिस्तान – अरब सागर
- लम्बाई – 2880 किमी
- किनारे स्थित नगर – कराची
सतलज (सतुद्री) नदी
- उद्गम क्षेत्र – तिब्बत मानसरोवर ढील (राकसताल)
- प्रवाह क्षेत्र – हिमाचल प्रदेश, पंजाब, पाकिस्तान
- मुहाना – मिठानकोट के निकट सिन्धु नदी में
- लम्बाई – 1440 किमी
व्यास (विपासा) नदी
- उद्गम क्षेत्र – रोहतांग दर्रा
- प्रवाह क्षेत्र – हिमाचल प्रदेश, पंजाब
- मुहाना – हरिके के निकट सतलज नदी में
- लम्बाई – 615 किमी
रावी (पारूषणी) नदी
- उद्गम क्षेत्र – हिमाचल प्रदेश के कुल्लू पहाड़ी
- प्रवाह क्षेत्र – हिमाचल प्रदेश, पंजाब एवं पाकिस्तान
- मुहाना – मिल्तान के निकट चिनाब नदी
- लम्बाई – 720 किमी
चेनाव (असिकनी / चन्द्रभागा) नदी
- सिन्धु की सबसे बड़ी सहायक नदी
- उद्गम क्षेत्र – हिमाचल बड़ा लाचा दर्रा (लाहौल)
- प्रवाह क्षेत्र – हिमाचल प्रदेश, जम्मू, पाकिस्तान
- मुहाना – पाकिस्तान में सतलज सिन्धु नदी
- लम्बाई – 1180 किमी
झेलम (वितिस्ता) नदी
- उद्गम क्षेत्र – शेषनाग झील
- प्रवाह क्षेत्र – जम्मू कश्मीर, पाकिस्तान
- मुहाना – पाकिस्तान में चेनाब नदी
- लम्बाई – 400 किमी
गंगा नदी
- उद्गम क्षेत्र – गढ़वाल हिमाल में मंगोत्री हिमद
- प्रवाह क्षेत्र – उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, बिहार, प. बंगाल
- मुहाना – बंगाल की खाड़ी में डेल्टा
- लम्बाई – 2510 किमी
- शीर्ष नदी – अलकनन्दा और भागीरथी – देवप्रयाग में संगम
यमुना नदी – गंगा की प्रमुख सहायक नदी
- उद्गम क्षेत्र – यमुनोत्री हिमनद
- प्रवाह क्षेत्र – उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश
- मुहाना – इलाहाबाद के निकट गंगा में
- लम्बाई – 1375 किमी
चम्बल नदी
- उद्गम क्षेत्र – मध्यप्रदेश में महोबा
- प्रवाह क्षेत्र – मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश
- मुहाना – इटावा से 40 किमी पूर्व यमुना
- लम्बाई – 965 किमी
बेतवा – यमुना की सहायक नदी
- उद्गम क्षेत्र – भोपाल के निकट पहाड़ी क्षेत्र
- प्रवाह क्षेत्र – मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश
- मुहाना – हमीरपुर के निकट यमुना
घाघरा (करनाली) नदी
- उद्गम क्षेत्र – तिब्बत पठार मापचूँग हिमनद
- प्रवाह क्षेत्र – तिब्बत, उत्तरप्रदेश, बिहार
- मुहाना – छपरा के निकट गंगा
- लम्बाई – 1080 किमी
शारदा नदी – अन्य नाम गौरी गंगा
- उद्गम क्षेत्र – कुमाऊँ हिमालय मिलाप हिमनद
- प्रवाह क्षेत्र – उत्तरप्रदेश
- मुहाना – बरहम घाट के पास घाघरा नदी
गंडक / शालिग्रामी / नारायणी
- उद्गम क्षेत्र – नेपाल की महाभारत श्रेणी
- प्रवाह क्षेत्र – नेपाल, बिहार
- मुहाना – हाजीपुर के निकट गंगा में
- लम्बाई – 425 किमी
कोसी – बिहार की शोक नदी
- अन्य नाम – अरूण नदी
- उद्गम क्षेत्र – नेपाल की पहाड़ी
- प्रवाह क्षेत्र – नेपाल, बिहार
- मुहाना – मनिहारी से 32 किमी पश्चिम गंगा नदी
- लम्बाई – 730 किमी
सोन नदी
- उद्गम क्षेत्र – मध्यप्रदेश अमरकंटक पहाड़ी
- प्रवाह क्षेत्र – मध्यप्रदेश, बिहार
- मुहाना – मनेर (पटना)से पश्चिम गंगा नदी में
- लम्बाई – 780 किमी
दामोदर नदी – बंगाल का शोक
- उद्गम क्षेत्र – छोटा नागपुर का पठार
- प्रवाह क्षेत्र – पश्चिम बंगाल
- मुहाना – पश्चिम बंगाल में डायमण्ड हार्बर के निकट हुगली
- लम्बाई – 541 किमी
बह्मपुत्र / सांगपो नदी
- उद्गम क्षेत्र – तिब्बद मानसरोवर झील चेमायुंगडंग हिमानी
- प्रवाह क्षेत्र – नेपाल भारतएवं बांग्लादेश
- मुहाना – बंगाल की खाड़ी
- लम्बाई – 2900 किमी
- सहायक नदी – लोहित, धनसिरी, कापिली
- बांग्लादेश में नाम – जमुना नदी
- पदमा से मिलकर – मेघना नदी
प्रायद्वीपीय भारत की नदियां
गोदावरी (वृद्ध गंगा / दक्षिण की गंगा) – प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी
- उद्गम क्षेत्र – नासिक में पश्चिमी घाट पर्वत
- प्रवाह क्षेत्र – महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश
- मुहाना – आंध्रप्रदेश में बंगाल की खाड़ी में डेल्टा
- लम्बाई – 1465 किमी
- सहायक नदियाँ – प्रवदा, पूर्णा, मान प्रदभा, इन्द्रावती, वर्धा, प्राणहिता, वैनगंगा इत्यादि।
कृष्णा नदी – प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सर्वाधिक लम्बी नदी
- उद्गम क्षेत्र – महाराष्ट्र में महाबलेश्वर के निकट पश्चिमी घाट
- प्रवाह क्षेत्र – महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश
- मुहाना – आंध्रप्रदेश में बंगाल की खाड़ी
- लम्बाई – 1400 किमी
- सहायक नदियां – मूसी, काेयना, भीमा, मालप्रभा, घाटप्रभा, पंचगंगा, दूधगंगा इत्यादि।
नर्मदा नदी – विन्ध्यांचल और सतपुड़ा की भ्रंश घाटी में प्रवाहित नदी
- उद्गम क्षेत्र – मैकाल पहाड़ी की अमरकंटक पहाड़
- प्रवाह क्षेत्र – मध्यप्रेश, महाराष्ट्र
- मुहाना – अरब सागर
- लम्बाई – 1300 किमी
- अरब सागर में गिरने वाली सबसे लम्बी नदी
- इस पर सरदार सरोवर परियोजना का निर्माण
ताप्ती नदी – सतपुड़ा और अजन्ता की भ्रंश घाटी में
- उद्गम क्षेत्र – बैतूल जिला की मुलताई पहाड़ी
- प्रवाह क्षेत्र – मध्यप्रेश, महाराष्ट्र, गुजरात
- मुहाना – अरब सागर
- लम्बाई – 724 किमी
महानदी
- उद्गम क्षेत्र – अमरकंटक पहाड़ी में सिहावा के निकट
- प्रवाह क्षेत्र – मध्यप्रेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा
- मुहाना – बंगाल की खाड़ी (कटक के पास)
- लम्बाई – 875 किमी
- सहायक नदियां – हंसदेव, शिवनाथ, मण्ड, तेल
- इस पर हीराकुण्ड परियोजना का निर्माण हुआ है।
कावेरी नदी – दक्षिण गंगा
- उद्गम क्षेत्र – पश्चिमी घाट पर्वत के ब्रह्मगिरि माला
- प्रवाह क्षेत्र – कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु
- मुहाना – बंागल की खाड़ी – तमिलनाडु में डेल्टा
- लम्बाई – 805 किमी
- शिव समुद्रम के निकट जलप्रपात
- सहायक नदियां – हेमावती, लोकपावनी, सिमसा, लक्ष्मणतीर्थ, भवानी, अम्रावती
साबरमती नदी
- उद्गम क्षेत्र – राजस्थान की अरावली श्रेणी
- प्रवाह क्षेत्र – राजस्थान, गुजरात
- मुहाना – कच्छ की खाड़ी
- लम्बाई – 416 किमी
- किनारे स्थित नगर – अहमदाबाद
- सहायक नदी – वाकल
माही नदी
- उद्गम क्षेत्र – विन्ध्यांचल पर्वत
- प्रवाह क्षेत्र – मध्यप्रेश, गुजरात
- मुहाना – खम्भात की खाड़ी
- लम्बाई – 533 किमी
- सहायक नदियां – सोम एवं जाखम
लूनी नदी – भारत की अन्त:स्थलीय नदी
- उद्गम क्षेत्र – अजमेर के दक्षिण पश्चिम नाग पर्वत
- प्रवाह क्षेत्र – राजस्थान, गुजरात
- लम्बाई – 320 किमी
- सहायक नदियां – सुखड़ी, मिठाई, जवाई
हमारी नदियाँ केवल जल का स्रोत नहीं हैं, बल्कि वे हमारे सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों का अभिन्न हिस्सा भी हैं। इनके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी पर है। आज के समय में प्रदूषण और अव्यवस्थित विकास ने इनकी स्थिति को गंभीर बना दिया है। ऐसे में, यह आवश्यक हो जाता है कि हम व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर ठोस कदम उठाएं।
नदियों की सफाई के लिए सबसे पहले हमें उनके किनारे बसे क्षेत्रों में जागरूकता फैलानी होगी। स्थानीय समुदायों को इस अभियान में शामिल करके हम अधिक प्रभावी परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, हमें उन उद्योगों पर भी नियंत्रण रखना होगा जो बिना सोच-समझे अपने कचरे को नदियों में डालते हैं।
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