Thursday, March 6, 2025

कम्प्यूटर (Computer)

कम्प्यूटर (Computer)


कम्प्यूटर (Computer)

कम्प्यूटर का अर्थ

कम्प्यूटर (Computer) शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के कम्प्यूट (Comput) शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है गणना करना। यद्यपि प्रारंभ में कम्प्यूटर का उपयोग विशेषतः गणनात्मक कार्यों के लिए किया जाता था, परन्तु अब इसका कार्य क्षेत्र बहुत बढ़ गया है। अतः कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक युक्ति (electronic device) है जो दिए गए निर्देशन समूह (set of instructions) के आधार पर सूचना (Information) को संसाधित करती है। इस निर्देशन समूह को प्रोग्राम (Program) कहते हैं। इस प्रकार, कम्प्यूटर केवल एक गणक (Calculator) ही नहीं है बल्कि यह गणितीय तथा अगणितीय सभी प्रकार की सूचनाओं को संसाधित करने वाला उपकरण है।

कम्प्यूटर का विकास

(i) 1642 ई० में ब्लेज पास्कल (Blaise Pascal) ने विश्व का पहला यांत्रिक कैलकुलेटर (Mechanical Calculator) बनाया। इसे पास्कलीन (Pascalene) कहते हैं।

(ii) 1833 ई० में अंग्रेज वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने स्वचालित कैलकुलेटर अर्थात् कम्प्यूटर की पहली बार परिकल्पना की। पर 40 वर्ष के अथक परिश्रम के बावजूद वे इसे बना न सके। उन्हें आधुनिक कंप्यूटर का जन्मदाता (Father of Modern Computer) कहा जाता है। सर्वप्रथम कम्प्यूटर प्रोग्राम (Computer Program) ầATT करने का श्रेय उनकी शिष्या एडा ऑगस्टा लवलेस (Ada Augsta Lovelace) को जाता है। उन्होंने अॅपने नाम पर कम्प्यूटर प्रोग्राम का नाम रखा– एडा (Ada)।

(iii) 1880 ई० में हर्मन होलोरिथ ने बैबेज की परिकल्पना को साकार किया। उन्होंने एक इलेक्ट्रॉनिक टेबुलेटिंग मशीन बनाई, जो पंच कार्ड (punch cards) की मदद से सारा कार्य स्वचालित रूप से करती थी। हर्मन होलोरिथ द्वारा पंच कार्ड के आविष्कार ने कम्प्यूटर के विकास में महती योगदान दिया। यही पंच कार्ड आज भी कम्प्यूटर में प्रयोग किया जाता है।

(iv) 1937 में होवार्ड ऐकिन ने पहला यांत्रिक कंप्यूटर (Mechanical computer) मार्क I बनाया।


(v) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान (1939-45) कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध के उपरांत आधुनिक कम्प्यूटर के सभी प्रमुख सिद्धांतों का विकास हुआ।

(vi) गणना मशीन के क्षेत्र में प्रथम क्रांति 1946 में तब आई जब जे० पी० एकर्ट एवं जॉन मॉश्ली ने विश्व के पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर ENIAC-I (Electronic Numerical Integrator And calculator) का आविष्कार किया । इसमें स्विच के रूप में इलेक्ट्रॉनिक वाल्व या वैक्यूम ट्यूब (Electronic Valve or Vacuum Tube) का उपयोग किया गया था।

(vii) कम्प्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान जान वान न्यूमैन का है। जान वान न्यूमैन ने 1951 में कम्प्यूटर क्रांति को सही दिशा दी (द्वितीय क्रांति)। उन्होंने EDVAC (Electronic Descrete variable Automatic Computer) का आविष्कार किया। इसमें उन्होंने संचयित प्रोग्राम (stored program) का इस्तेमाल किया। कम्प्यूटर के कार्य के लिए द्विआधारी पद्धति (Binary system) के प्रयोग का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।

कम्प्यूटर तकनीक की पीढ़ियाँ

कम्प्यूटर का विकास 5 विभिन्न चरणों में हुआ है जिसके आधार पर कम्प्यूटर तकनीक को 5 पीढ़ियों में विभाजित किया गया है। इन पाँच पीढ़ियों के कम्प्यूटर में अन्तर उनके स्विचन अवयव के आधार पर किया जाता है।

पीढ़ीकालमुख्य इलेक्ट्रॉनिक घटकमुख्य कंप्यूटर
प्रथम पीढ़ी1940-52इलेक्ट्रॉनिक ट्यूब (वैक्यूम ट्यूब)EDSAC, EDVAC, UNIVAC
द्वितीय पीढ़ी1952-64ट्रांजिस्टरIBM-700, IBM-1401, IBM-1620, CDC
-1604, CDC-3600, ATLAS, ICL-1901
तृतीय पीढ़ी1964-71इण्टिग्रेटेड सर्किट (IC)IBM-360, IBM-370, NCR-395, CDC-
1700, ICL-2903
चतुर्थ पीढ़ी1971 से अब तकवृहद् एकीकृत सर्किट (LSI)APPLE, DCM
पाँचवीं पीढ़ीअनुसंधान जारीऑप्टिकल फाइबर

कम्प्यूटर के प्रकार Type of Computer

कम्प्यूटर को उनके आकार एवं कार्य पद्धति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है-

आकार पर आधारित वर्गीकरण: आकार के आधार पर कम्प्यूटर चार प्रकार के होते हैं। ये हैं-

माइक्रो कम्प्यूटर Micro Computer

ये वस्तुतः एक ही व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले कम्प्यूटर होते हैं जिसके कारण इस प्रकार के कम्प्यूटरों को प्रायः व्यक्तिगत कम्प्यूटर (Personal Computer) या पी.सी. (P.C.) के नाम से पुकारा जाता है। ये एक छोटी मेज पर आ सकते हैं। ऑफिस, घरों या व्यवसायों में इस प्रकार के कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है। स्टोरेज क्षमता और ऑकड़ों की बड़ी मात्रा का रख-रखाव करने में अपनी सामर्थ्य के कारण आज इसका व्यापक पैमाने पर उपयोग हो रहा है।

मिनी कम्प्यूटर Mini Computer

इस प्रकार के कम्प्यूटर आकार तथा कार्यक्षमता की दृष्टि से छोटे होते हैं। इस प्रकार के कम्प्यूटर एक बड़ी मेज पर आ सकते हैं तथा इन पर एक साथ बीस-तीस टर्मिनल पर कार्य किया जा सकता है। यह माइक्रो कम्प्यूटर से लगभग 5 से 50 गुणा अधिक क्षमता वाला होता है।

मेन फ्रेम कंप्यूटर Main Frame Computer


इस प्रकार के कम्प्यूटर बड़े आकार के होते हैं और इनका डिजाइन स्टील के फ्रेम में लगाकर किया जाता है। इस कम्प्यूटर की मेमोरी पी० सी० तथा मिनी कम्प्यूटर से अधिक होती है। इस प्रकार के कम्प्यूटरों पर समय सहभागिता (time sharing) तथा बहुकार्य क्षमता (multi tasking) के द्वारा एक साथ अनेक व्यक्ति, कभी-कभी 100 से अधिक व्यक्ति अलग-अलग टर्मिनलों पर कार्य कर सकते हैं।

सुपर कम्प्यूटर super Computer

सुपर कम्प्यूटर बहुत शक्तिशाली (powerful) होते हैं। ये अत्यंत जटिल संक्रियाओं को भी बहुत अधिक शीघ्र गति से करते हैं। इनकी संग्रहण क्षमता (storage capacity) भी अधिक होती है। सुपर कम्प्यूटर अभी तक सबसे तेज कार्य करने वाला और सबसे महँगा कम्प्यूटर है।

सुपर कम्प्यूटर की मुख्य विशेषताएँ

(i) इनमें 32 या 64 समानांतर परिपथों में कार्य कर रहे माइक्रो प्रोसेसर की सहायता से प्राप्त सूचनाओं पर एक साथ कार्य किया जा सकता है।

(ii) इनमें उच्च भंडारण घनत्व वाली चुम्बकीय बबल स्मृति या आवेशित युग्म युक्तियों (Magnetic Bubble Memories- MBM or, Charge Coupled Devices-CCDs) का उपयोग किया जाता है जिसके कारण छोटी-सी जगह में सूचनाओं का वृहद् भंडार संग्रहित किया जा सकता है।

(iii) इनके लिए विशिष्ट प्रकार के वातानुकूलन विश्व में विकसित सुपर कम्प्यूटर (air conditioning) की आवश्यकता पड़ती है।

(iv) सुपर कम्प्यूटर की जरूरत तभी होती है जब अनवरत रूप से बदल रहे अनेक आँकड़ों को समानुक्रमित करना होता है।

सुपर कम्प्यूटर का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है। मौसम का पूर्वानुमान करने में सुपर कंप्यूटर का प्रयोग किया किया जाता है। अन्तरिक्ष अनुसंधान तथा उपग्रहों के प्रक्षेपण, कम्पूटरीकृत परमाणु परीक्षण व प्रक्षेपास्त्र परीक्षण सहित बड़े वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों में सुपर कम्प्यूटर की सहायता से जटिल आँकड़ों को अनुसंधान कार्यों जटिल प्रोग्रामो की एक श्रृंखला द्वारा विश्लेषण किया जाता है।

क्वान्टम कम्प्यूटर Quanturn Computer

कम्प्यूटरों के उपर्युक्त प्रकारों के अतिरिक्त क्वान्टम कम्प्यूटर विकास की अंतिम अवस्था में है। यह सुपर कम्प्यूटर से भी तीव्र गति से और जटिल से जटिल समस्याओं को सेकण्डों में हल करने में सक्षम होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह क्वाण्टम कम्प्यूटर मानव के मस्तिष्क से भी उन्नत हो सकता है।

यह फरमैट के आखिरी प्रमेय जैसी पेचीदा अंतर्राष्ट्रीय गणितीय समस्या, जिसे हल करने में 300 साल लगते हैं, को भी हल करने में सक्षम होगा। गणित की सबसे प्रसिद्ध अनसुलझी समस्या रीमैन्स हाइपोथिसिस को भी क्वांटम कम्प्यूटर कुछ समय में हल कर सकेगा। क्वांटम कम्प्यूटर द्वारा सभी प्रकार की पेचीदा समस्याओं को हल करने के लिए क्वांटम मैकेनिक्स जैसे भौतिकी के गूढ़ क्षेत्रों का प्रयोग किया जाएगा।

क्वांटम कम्प्यूटर में बाइनरी बिट (Binary Bits) के स्थान पर क्यूबिट (Q-Bit) का प्रयोग किया जाएगा, जो शून्य और एक का अध्यारोपण है।

कम्प्यूटर के प्रकार (आकार के आधार पर)

नामआकार (के बराबर)स्मृति भंडारCPU की गति/क्षमताउदाहरण / उपयोग
 क्षेत्र
माइक्रो कम्प्यूटरटेलीविजन सेट256 KB1–10 MIPSपर्सनल कम्प्यूटर
(P.C.), होम तक
कम्प्यूटर, एजुकेशनल
 कम्प्यूटर,
इलेक्ट्रॉनिक डायरी
 (या, ब्रीफकेस)
मिनी कम्प्यूटरछोटी आलमारी256KB–80 MB10-30 MIPSबीमा कंपनी, बैंक,
उद्योग, ट्रैफिक
मेनफ्रेम कम्प्यूटरस्टील के बड़े चौखट10MB-128 MB30-100 MIPSविमान सेवा, रेलवे
स्टेशन
सुपर कंप्यूटरविशाल आकर के52MB–512 MB500 MFLOPsCRAY K 1S,
cosMos, के
Deep Blue,
Blue Gene,
FLO SOLVER,
 PARAM,
ANUPAM

नोट : KB = Kilo Byte, MB = Mega Byte

MIPS = Mega Instructions Per Second

MFLOPS = Mega Floating Operations Per Second

विश्व में विकसित सुपर कंप्यूटर
नामनिर्माण करने वाला संस्थान
CRAY K1SCRAY K Research Co., USA
Deep GeneIBM Co., USA
Blue GeneIBM Co., USA
COSMOSCambridge University, UK
भारत में विकसित सुपर कम्प्यूटर
नामनिर्माण करने वाला संसथान
FLO SOLVERNAL Bangalore
PACEDRDO
PARAM 10000C-DAC, Pune
CHIPP-16C-Dot, Bangalore
MULTI MICROIIS, Bangalore
MACHIIT Bombay
ANUPAMBARC, Bombay

कार्य पद्धति के आधार पर वर्गीकरण: कार्य पद्धति के अनुसार कम्प्यूटर के पाँच प्रकार होते हैं। ये हैं-

अंकीय कम्प्यूटर Digital Computers

रोजमर्रा की भाषा में जब हम कम्प्यूटर शब्द का उच्चारण करते हैं तो उसका सीधा अर्थ होता है- अंकीय कम्प्यूटर। ये कम्प्यूटर सभी प्रकार की सूचनाओं को द्विआधारी पद्धति में बदलकर अपना कार्य करते हैं। ये सभी प्रकार की गणनाएँ गिनकर (जोड़कर) करते हैं। ये बहुत अधिक क्षमता से कार्य कर सकते हैं। लेकिन विशेषता यह होती है कि इनकी गणना अत्यंत शुद्ध होती है। इसमें किसी भी प्रकार की संक्रियाएँ की जा सकती हैं।

अनुरूप कंप्यूटर Analogue Computers

  1. एनालॉग एक ग्रीक है जिसका अर्थ है- दो राशियों में अनुरूपता खोजना । एनालॉग कम्प्यूटर में किसी भौतिक विधि या राशि को इलेक्ट्रॉनिक परिपथों की सहायता से विद्युत् संकेतों में अनुरूपित किया जाता है। जिस प्रकार अंकीय कम्प्यूटर राशियों को गिनकर कार्य करता है, उसी प्रकार अनुरूप कम्प्यूटर मापकर या नापकर अपना कार्य करता है। इन कम्प्यूटरों की मदद से की गई गणनाओं की यथार्थता बहुत शुद्ध नहीं होती फिर भी 99% शुद्धता प्राप्त की जा सकती है।

संकर कम्प्यूटर Hybrid Computers

इस प्रकार के कम्प्यूटर में अंकीय एवं अनुरूप दोनों कम्प्यूटरों की विशेषताओं का फायदा उठाया जाता है। इनका उपयोग स्वचालित उपकरणों में बहुतायत से किया जाता है। इस प्रकार का एक उपकरण रोबोट (Robot) है जिसकी सहायता से आजकल कई कार्य स्वचालित रूप से किये जा रहे हैं।

प्रकाशीय कम्प्यूटर Optical Computers

पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटरों के विकास-क्रम में इस प्रकार के कम्प्यूटर बनाये जा रहे हैं, जिनमें एक अवयव को दूसरे से जोड़ने का कार्य ऑप्टिकल फाइबर के तन्तु से किया गया है एवं गणना अवयव प्रकाशीय पद्धति पर बनाये गये हैं।

एटॉमिक कम्प्यूटर Atomic Computer

कार्नेगी विश्वविद्यालय में ऐसे परमाण्विक कम्प्यूटर पर अनुसंधान कार्य जारी है जो कि किसी खास प्रोटॉन परमाणुओं को एकीकृत परिपथ में बदल दे और कम्प्यूटर को इतनी अधिक स्मृति क्षमता प्रदान कर दे कि ऐसा कम्प्यूटर आज के कम्प्यूटर से 10,000 गुनी क्षमता वाला हो जाए।

कम्प्यूटर के कार्य Functions of Computer

कम्प्यूटर के प्रमुख तकनीकी कार्य चार प्रकार के होते हैं-

  • आँकड़ों का संकलन तथा निवेशन (Collection and Input),
  • ऑकड़ों का संचयन (Storage),
  • ऑकड़ों का संसाधनं (Processing) और
  • आँकड़ों या प्राप्त जानकारियों का निर्गमन या पुनर्निर्गमन (Output or Retrieval)। ये आँकड़े या जानकारी लिखित, मुद्रित, श्रव्य, दृश्य, आरेखित या यांत्रिक चेष्टाओं के रूप मे हो सकते हैं।

कम्प्यूटर की इकाइयाँ

कम्प्यूटर की चार मुख्य इकाईयाँ होती हैं-

  • निवेश इकाई (Input Unit),
  • केन्द्रीय संसाधन ईकाई (Central Processing Unit—CPU),
  • वाह्य स्मृति इकाई (External Memory Unit)
  • निर्गम ईकाई (output Unit)

डाटा को कंप्यूटर में इनपुट यूनिट के द्वारा प्रविष्ट किया जाता है, सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट द्वारा आवश्यकतानुसार एक्सटर्नल मेमोरी यूनिट के सहयोग से डेटा को व्यवस्थित तथा संसाधित किया जाता है और अंत में आउटपुट यूनिट द्वारा उन्हें डेटा या इनफार्मेशन के रूप में निर्गमित किया जाता है। सी०पी०यू० को कम्प्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है। सी०पी०यू० को माइक्रो प्रोसेसर (Micro Processor) भी कहा जाता है। माइक्रो प्रोसेसर का आविष्कार रॉबर्ट नोयस (Robert Noyce) एवं गार्डन मूर (Gordon Moore) ने 1971 ई. में किया।


कम्प्यूटर के भाग

कम्प्यूटर के दो भाग होते हैं- मूल भाग (Basic Part) एवं वैकल्पिक भाग (Optional Part)

मूल भाग


कंप्यूटर यूनिट या मेन कंप्यूटर Computer Unit or Main Computer

पर्सनल कम्प्यूटर की सभी क्रियाओं को सिस्टम यूनिट ही नियंत्रित करता है और लागू करता है। इस यूनिट के पिछले भाग में लगे केबुल के जरिए (Key-Board), मॉनिटर (Monitor), माउस (Mouse), प्रिन्टर (Printer) आदि का संबंध स्थापित किया जाता है। हार्ड डिस्क (Hard Disc) तथा फ्लापी डिस्क (Floppy Disc) भी इसी यूनिट के अंदर होते हैं। यह दो रूपों में आता है- डेस्क टॉप टाइप (Desk Top Type) और टावर टाइप (Tower Type)।

मॉनीटर Monitor

एक कम्प्यूटर का मॉनीटर टेलीविजन की तरह ही होता है। मॉनीटर के पर्दे पर जो चित्र दिखाई देते हैं वे छोटे-छोटे बिन्दुओं से बने होते हैं जिन्हें पिक्सेल (Pixels) कहते हैं।

हार्ड डिस्क व फ्लापी डिस्क ड्राइव Hard Disc & Floppy Disc Drive

सूचना स्टोर करने के लिए कम्प्यूटरों में डिस्क (Discor Disk) इस्तेमाल होते हैं। डिस्क दो प्रकार की होती है-हार्ड डिस्क तथा फ्लापी डिस्क। हार्ड डिस्क कम्प्यूटर की स्थायी डिस्क होती है जबकि फ्लापी डिस्क का प्रयोग तब किया जाता है जब एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर पर डेटा का स्थानांतरित करना हो। हार्ड डिस्क फ्लापी डिस्क की तुलना में आकार में बड़ी तथा गति में तीव्र होती है। कम्प्यूटर के सामने के भाग में एक खाँचा होता है जिसमें फ्लापी डिस्क लगाया जाता है जिसे फ्लापी डिस्क ड्राइव कहते हैं।


वैकल्पिक भाग

माउस Mouse

माउस हाथ में पकड़ा जाने वाला एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा की बोर्ड का इस्तेमाल किये बिना कम्प्यूटर का नियंत्रण किया जाता है।

प्रिन्टर Printer

प्रिन्टर एक ऐसा साधन है जो किसी भी डाक्यूमेंट को अपने कम्प्यूटर पर प्रिन्ट करता है। प्रिन्टर कई प्रकार के होते हैं- डाट मैट्रिक्स प्रिन्टर (Dot Matrix Printer), लाइन लाइन प्रिंटर (Line Printer), इंकजेट प्रिन्टर (Inkjet Printer), लेसर प्रिंटर (Laser Printer)I लेसर प्रिन्टर कम्प्यूटर की प्रिंटिंग तकनीक में सर्वोत्तम होते हैं लेकिन इनकी कीमत भी सबसे अधिक होती है। लेजर प्रिन्टर एक फोटो-कॉपियर मशीन की तरह ही होता है अंतर सिर्फ इतना है कि एक फोटो-कॉपियर मशीन की तरह लिखित डाक्यूमेन्ट पर फोटोग्राफ करने के बजाय यह आकृति बनाने में लेजर बीम (laser bearn) का प्रयोग करता है। ये बेहतर किस्म के प्रिन्टआउट निकालते हैं। साथ-ही-साथ गति भी सबसे अधिक होती है, लगभग 13,000 पंक्तियाँ प्रति मिनट।

स्कैनर Scanner

स्कैनर एक ऐसा साधन है जो एक फोटोग्राफ के प्रतिबिम्ब या जानकारी को सीधा ही कम्प्यूटर में संचित कर सकता है। यह एक फोटोग्राफी मशीन की तरह कार्य करता है अन्तर सिर्फ यह है कि एक पेपर पर कापी बनाने की जगह यह कम्प्यूटर में फोटोकापी बनाता है।

कंप्यूटर पद्धतियाँ Computer Systems

कम्प्यूटर दो पद्धतियों से कार्य करता है- 1. हार्डवेयर व 2. सॉफ्टवेयर।

  1. हार्डवेयर (Hardware): कम्प्यूटर और उससे संलग्न सभी यंत्रों और उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है। इसके अन्तर्गत केन्द्रीय संसाधन एकक, आतंरिक स्मृति, बाह्य स्मृति, निवेश एवं निर्गम एकक आदि आते है। हार्डवेयर के दो मुख्य भाग होते हैं कम्प्यूटर तथा उससे जुड़ी हुई सारी युक्तियां जैसे मोडम, प्रिन्टर, डिस्क, टेपरिकडिर आदि जिन्हें सम्मिलित रूप से परिधीय युक्तियाँ (Peripheral Devices) कहा जाता है।
  2. सॉफ्टवेयर (software): कम्प्यूटर के संचालन के लिए निर्मित प्रोग्रामों को सॉफ्टवेयर जाता है। ये निम्न प्रकार के होते हैं-
  • प्रचालन पद्धति (Operating system): कम्प्यूटर के आंतरिक कार्यों के लिए एवं कम्प्यूटर के साथ लगे अन्य युक्तियों के प्रचालन के लिए बनाए गए प्रोग्राम को प्रचालन पद्धति (operating system) कहते हैं।
  • भाषा संसाधक (Language processor): कम्प्यूटर के उपयोग करने वालों को दिए जाने वाले प्रोग्राम की भाषा संसाधक कहते हैं।
  • उपयोगिता प्रोग्राम (Application programme): बाजार में बनाए जाने वाले प्रोग्रामों से अपने अनुकूल प्रोग्राम का चयन कर उसे अपने सूची पत्र (Menu) में डालकर उसका उपयोग करना उपयोगिता प्रोग्राम कहलाता है।
  • उपनित्यक्रम प्रोग्राम (subroutine programme): एक ही प्रोग्राम में बार-बार उपयोग में आने वाले छोटे-छोटे प्रोग्राम की उपनित्यक्रम प्रोग्राम कहते हैं।
  • नित्यक्रम प्रोग्राम (Utility programme): जो सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जुड़े होते हैं तथा एक ही प्रोग्राम या अनेक प्रोग्राम में बार-बार उपयोग में लाए जाते हैं, उसे नित्यक्रम प्रोग्राम कहते हैं। 

कम्प्यूटर की भाषाएँ

कम्प्यूटर की भाषा की निम्न तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है-

  1. मशीनी कूट भाषा (Machine code language): इस भाषा में प्रत्येक आदेश के दो भाग होते हैं-आदेश कोड (operation code) तथा स्थिति कोड (location code)। इन दोनों को 0 और 1 के क्रम में समूहित कर व्यक्त किया जाता है। कम्प्यूटर के आरंभिक दिनों में प्रोग्रामरों द्वारा कम्प्यूटर को आदेश देने के लिए 0 तथा 1 के विभिन्न क्रमों का ही प्रयोग किया जाता था। यह भाषा समयग्राही थी, जिसके कारण एसेम्बली एवं उच्च स्तरीय भाषाओं का विकास किया गया।
  2. एसेम्बली भाषा (Assembly language): इस भाषा में याद रखे जाने लायक कोड का प्रयोग किया गया, जिसे नेमोनिक कोड (Mnenomic code) कहा गया । जैसे ADDITION के लिए ADD, SUBSTRACTION के लिए SUB एवं JUMP के लिए JMP लिखा गया। परन्तु इस भाषा का प्रयोग एक निश्चित संरचना वाले कम्प्यूटर तक ही सीमित था, अतः इन भाषाओं को निम्न स्तरीय भाषा (Low level languages) कहा गया।
  3. उच्चस्तरीय भाषाएँ (High level languages): उच्चस्तरीय भाषाओं के विकास का श्रेय IBM कम्पनी को जाता है। फfरद्रान (FORTRAN) नामक पहली उच्चस्तरीय भाषा का विकास इसी कम्पनी के प्रयास से हुआ। इसके बाद सैकड़ों उच्चस्तरीय भाषाओं का विकास हुआ। ये भाषाएँ मनुष्य के बोलचाल और लिखने में प्रयुक्त होने वाली भाषाओं के काफी करीब है। कुछ उच्चस्तरीय भाषाएँ निम्न हैं-

(i) फॉरट्रान (FORTRAN): यह अंग्रेजी के शब्दों फॉर्मूला ट्रान्सलेशन (Formula Translation) का संक्षिप्त रूप है। कम्प्यूटर की इस भाषा का विकास IBM के सौजन्य से जे० डब्ल्यू बेकस ने 1957 ई० में किया था। इस भाषा का विकास गणितीय सूत्रों को आसानी से और कम समय में हल करने के लिए किया गया था। वैज्ञानिक कार्यों के लिए इस भाषा का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

(ii) कोबोल (COBOL): कोबोल वास्तव में कॉमन विजिनेस ओरियेन्टेड लैंग्वेज (Common Business Oriented Language) of संक्षिप्त रूप है। इस भाषा का विकास व्यावसायिक हितों के लिए किया गया। इस भाषा के संक्रिया के लिए लिखे गए वाक्यों के समूह को पैराग्राफ कहते हैं। सभी पैराग्राफ मिलकर एक सेक्शन बनाते हैं और सेक्शनों से मिलकर डिवीजन बनता है।

(iii) बेसिक (BASIC): यह अंग्रेजी के शब्दों बिगनर्स ऑल पर्पस सिम्बलिक इंस्ट्रक्शन कोड (Beginners All Purpose symbolic Instruction Code) का संक्षिप्त रूप है। इस भाषा में प्रोग्राम में निहित आदेश के किसी निश्चित भाग को निष्पादित किया जा सकता है, जबकि इससे पहले की भाषाओं में पूरे प्रोग्राम को कम्प्यूटर में डालना होता था और प्रोग्राम के ठीक होने पर आगे के कार्य निष्पादित होते थे।

(iv) अल्गॉल (ALGOL): यह अंग्रेजी के अल्गोरिथमिक लैंग्वेज (Algorithmic Language) का संक्षिप्त रूप है। इसका निर्माण जटिल बीजगणितीय गणनाओं में प्रयोग हेतु बनाया गया था।

(v) पास्कल (PASCAL) – यह अल्गोल का परिवर्द्धित रूप है। इसमें सभी चरों को परिभाषित किया गया है, जिसके कारण यह अल्गोल एवं बेसिक से भिन्न है। इसका नामकरण फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज पास्कल (Blaise Pascal) के नाम पर किया गया है।

(vi) कोमाल (COMAL): यह Common Algorithmic Language का संक्षिप्त रूप है। इस भाषा का प्रयोग माध्यमिक स्तर के छात्रों के लिए किया जाता है।

(vii) लोगो (LOGO): इस भाषा का प्रयोग छोटी उम्र के बच्चों को ग्राफिक रेखानुकृतियों की शिक्षा देने के लिए किया जाता है।

(viii) प्रोलॉग (PROLOG): यह अंग्रेजी शब्द प्रोग्रामिंग इन लॉजिक का संक्षिप्त रूप है। इस भाषा का विकास 1973 ई० में फ्रांस में किया गया था। इसका विकास कृत्रिम बुद्धि के कार्यों के लिए किया गया है, जो तार्किक प्रोग्रामिंग में सक्षम है।

(ix) फोर्थ (FORTH) : इस भाषा का आविष्कार चार्ल्स मूरे ने किया था। इसका उपयोग कम्प्यूटर के सभी प्रकार के कार्यों में होता है।

इन सभी उच्च स्तरीय भाषाओं में एक समानता है कि लगभग सभी में अंग्रेजी के वणाँ (A, B, C, D, … आदि) एवं इण्डो-अरेबिक अंकों (0, 1, 2, 3, … आदि) का प्रयोग किया जाता है।

नोट: PILOT, C, C++, LISP, UNIX, LINUX, ADA, PL-1 एवं SNOBOL कुछ अन्य उच्च स्तरीय भाषाएँ है।

विभिन्न पीढ़ियों की मुख्य भाषाएँ
पीढ़ीभाषाएँ
प्रथम पीढ़ी (1940-52)FORTRAN-I
द्वितीय पीढ़ी (1952-64)FORTRAN-II, ALGOL-60, COBOL, LISP
तृतीय पीढ़ी (1964-77)PL/I, ALGOL-W, ALGOL-68, Pascal, SIMULA 67, APL, SNOBOL, 4 BASIC, C
चतुर्थ पीढ़ी (1971 से अब तक)CLUE, ALFARD, UCLID, Reformed Pascal, MODULA, EDA, ORACLE
पंचम पीढ़ी (भविष्य के)Artificial Intelligence Languages

कम्प्यूटर वायरस

कम्प्यूटर वायरस (virus) एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक कोड है, जिसका उपयोग कम्प्यूटर में समाहित सूचनाओं को समाप्त करने के लिए होता है। इसे कम्प्यूटर प्रोग्राम में, किसी टेलीफोन लाइन से दुर्भावनावश प्रेषित किया जाता है। इस कोड से गलत सूचनाएँ मिल सकती हैं, एकत्रित जानकारी नष्ट हो सकती है तथा यदि कोई कम्प्यूटर किसी नेटवर्क से जुड़ा है, तो इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े होने के कारण यह वायरस सम्पूर्ण नेटवर्क को प्रभावित कर सकता है। फ्लॉपियों के आदान-प्रदान से भी वायरस के फैलने का डर रहता है। ये महीनों, सालों तक बिना पहचाने गए ही कम्प्यूटर में पड़े रह सकते हैं और उसे क्षति पहुँचा सकते हैं। इनकी रोकथाम के लिए इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा-व्यवस्था विकसित की गयी है। कुछ मुख्य कम्प्यूटर वायरस हैं- माइकेलएंजलो, डार्क एवेंजर, किलो, फिलिप, मैकमग, स्कोर्स, कैस्केड, जेरुसलम, डेटा क्राइम, कोलंबस क्राइम, इन्टरनेट वायरस, पैचकॉम, पैच EXE, कॉम-EXE, मरिजुआना, मेलिसा, अन्ना कोर्निकोवा, माई डूम, प्वाइजन आईवी, सी ब्रेन, ब्लडी, चेज मुंगू एवं देसी।

नोट: (i) माइकल एंजेलो वायरस सवप्रथम 6 मार्च 1993 को देखा गया। जिस दिन इसकी पाया गया उस दिन इटली के प्रसिद्ध चित्रकार माइकल एंजेलो की पुण्य तिथि थी। अतः इस वायरस का नाम माइकल एंजेलो वायरस रखा गया।

(ii) भारत में पाया गया प्रथम कम्प्यूटर वायरस सी ब्रेन है जो मद्रास (चेन्नई) में 1988 में प्रकट हुआ था।

(iii) भारत में बेंगलुरु की एक कम्पनी वायरस विरोधी प्रोग्रामों में विशेष दक्षता रखती है।


कम्प्यूटर नेटवर्किंग

कम्प्यूटर नेटवर्किंग (Computer Networking) का प्रयोग कम्प्यूटर क्षेत्र में अभी अपेक्षाकृत नया है लेकिन अधिक उपयोगी होने के कारण कम समय में ही यह तकनीक काफी प्रचलित हो गई है। कम्प्यूटर तथा दूरसंचार तकनीकों के मिलन से इस विधि का जन्म हुआ है।

कम्प्यूटर नेटवकिग कई कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ने की तकनीक है। कम्प्यूटर नेटवर्किंग से सभी कम्प्यूटरों की क्षमता का सामूहिक उपयोग किया जाता है। नेटवर्किंग (संयोजन) दो प्रकार से की जाती है – Local Area Networking (LAN) तथा Wide Area Networking (WAN)। LAN के द्वारा एक ही बिल्डिग में रखे सभी कम्प्यूटरों को जोड़ा जाता है जैसे विश्वविद्यालय परिसर, कार्यालय आदि। WAN के द्वारा एक बड़े क्षेत्र में रखे सभी कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ा जाता है, जैसे शहर के सभी कार्यालयों के बीच। भारत में INDONET नामक बड़े कम्प्यूटर नेटवर्क की स्थापना की जा रही है, जिसका उद्देश्य भारत के मुख्य शहरों को कम्प्यूटरों के जरिए जोड़ना है।

कम्प्यूटर संबंधी महत्त्वपूर्ण तथ्य Important Facts Related to Computer 

  1. कम्प्यूटर का हिन्दी नाम संगणक है।
  2. चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का पितामह कहा जाता है।
  3. जान वान न्यूमैन का कम्प्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान है।
  4. आधुनिक कम्प्यूटर का आविष्कार सर्वप्रथम 1946 ई० में हुआ।
  5. कम्प्यूटर के क्षेत्र में महान क्रांति 1960 ई० से आई।
  6. विश्व में सर्वाधिक कम्प्यूटरों वाला देश संयुक्त राज्य अमरीका है। इसके पश्चात क्रमशः जापान, जर्मनी, ब्रिटेन एवं फ्रांस का स्थान आता है। भारत का इस सूची में 19वां स्थान है।
  7. कम्प्यूटर साक्षरता (Computer Literacy) का अर्थ है- कम्प्यूटर क्या कर सकता है और क्या नहीं, इस बात की जानकारी होना।
  8. 2 दिसम्बर कम्प्यूटर साक्षरता दिवस (Computer Literacy Day) के रूप मनाया जाता है।
  9. भारत में नई कम्प्यूटर नीति की घोषणा नवम्बर 1984 में की गई थी।
  10. भारत में निर्मित प्रथम कम्प्यूटर सिद्धार्थ है। इसका निर्माण इलेक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया ने किया था।
  11. भारत में प्रथम कम्प्यूटर (HEC-2M) वर्ष 1955 में आई. एस. ओ. कोलकाता में लगाया गया था | भारत का
  12. प्रथम कम्प्यूटरीकृत डाकघर नई दिल्ली का है।
  13. भारत का प्रथम प्रदूषण रहित कम्प्यूटरीकृत पेट्रोल पम्प मुम्बई में है।
  14. निजी क्षेत्र के अंतर्गत स्थापित होने वाला भारत का प्रथम कम्प्यूटर विश्वविद्यालय राजीव गांधी कम्प्यूटर विश्वविद्यालय है।
  15. भारत में प्रथम कम्प्यूटर आरक्षण पद्धति नई दिल्ली में लागू की गई थी।
  16. भारत की सिलिकॉन घाटी (silicon valley) बेंगलुरु में स्थित है।
  17. इंटरनेट पर उपलब्ध होने वाली प्रथम भारतीय समाचार पत्र द हिन्दू है।
  18. इंटरनेट पर उपलब्ध होने वाली प्रथम भारतीय पत्रिका इण्डिया टुडे है।
  19. भारतीय जनता पार्टी भारत की पहली ऐसी पार्टी है, जिसने इंटरनेट पर अपना वेबसाइट बनाया है।
  20. कम्प्यूटर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- डिजिटल, एनालॉग एवं हाइब्रिड।
  21. वह कम्प्यूटर जो गणितीय गणना करता है, डिजिटल कम्प्यूटर कहलाता है।
  22. वह कम्प्यूटर जो आकलन के सिद्धान्त के अनुसार कार्य करता है, एनालॉग कम्प्यूटर कहलाता है।
  23. एनालॉग एवं डिजिटल के संयुक्त स्वरूप को हाइब्रिड कम्प्यूटर कहते हैं।
  24. मध्यम आकार के कम्प्यूटर को मिनी कम्प्यूटर कहते हैं।
  25. सूक्ष्मतम आकार के कम्प्यूटर को माइक्रो कम्प्यूटर कहते हैं।
  26. सामान्य कम्प्यूटर की अपेक्षा 10 गुना तेज कार्य करने वाले बड़े कम्प्यूटर को सुपर कम्प्यूटर कहते हैं।
  27. एक सुपर कम्प्यूटर में करीब 40,000 माइक्रो कम्प्यूटर जितनी परिकलन क्षमता होती है। इसकी गति को मेगाफ्लॉप में मापा जाता है।
  28. विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर क्रे के 1-एस (CRAY K 1-S) था, जो 1979 में बनकर तैयार हुआ था। इसे अमेरिका के क्रे के रिसर्च कम्पनी ने बनाया था।
  29. 32 कम्प्यूटरों के बराबर कार्य कर सकने वाला डीप ब्ल्यू (Deep Blue) कम्प्यूटर एक सेकण्ड में शतरंज की 20 करोड़ चालें सोच सकता है। इसी सुपर कम्प्यूटर ने विश्व चैम्पियन गैरी कास्पारोव को पराजित किया था।
  30. विश्व के प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर का नाम एनीयक (ENIAC) है।
  31. विश्व का सबसे बड़ा कम्प्यूटर नेटवर्क का नाम इंटरनेट (Internet) है।
  32. कम्प्यूटर्स की 5 पीढ़ियाँ विकसित की गयी है।
  33. पहली पीढ़ी के कम्प्यूटर में निर्वात ट्यूब प्रयुक्त होता है।
  34. आधुनिक कम्प्यूटर में प्रायः सेमी कण्डक्टर मेमोरी (स्मरण शक्ति) का कार्य करती है।
  35. कम्प्यूटर बोर्ड में कुल आठ संयोजक होते हैं।
  36. 1 किलो बाइट (KB) 1024 बाइट के बराबर होता है।
  37. 1 MB या मेगाबाइट (Mega Byte) 1024 KB (अर्थात् 1MB = 1024 KB) बराबर होता है।
  38. 1 GB या गीगा बाइट 1024 MB के बराबर है।
  39. सूचना के आगमन एवं कार्यक्रम की खोज करने के लिए SNOBOL विशिष्ट भाषा का प्रयोग होता है। सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रचालन प्रणाली विन्डोज (WINDOWS) है।
  40. USENET सभी विश्वविद्यालयों को एक साथ जोड़ने की प्रणाली है।
  41. जब किसी नेटवर्क का इंटरनेट धारक अन्य नेटवर्क के साथ जुड़ता है, तो उसे गेटवे (Gateway) कहते हैं।
  42. इन्टेल का अधुनातन माइक्रोप्रोसेसर Pentium-iv है।
  43. पर्सनल कम्प्यूटर पर सर्वप्रथम पुस्तक टेड नेल्सन ने लिखा।
  44. कम्प्यूटर पर लिखी पुस्तक सोल ऑफ न्यू मशीन (लेखक- टैसी किडर) को पुलित्जर पुरस्कार दिया गया।
  45. कम्प्यूटर की प्रथम पत्रिका कम्प्यूटर एण्ड आटोमेशन है।
  46. प्रथम घरेलू कम्प्यूटर कमोडोर VIC/20 है।
  47. वैज्ञानिकों के अनुसार भारतीय भाषा संस्कृत कम्प्यूटरीकृत करने के लिए सबसे आसान है।
  48. कम्प्यूटर में प्रोग्राम की सूची की मेन्यू (Menu) कहा जाता है।
  49. डेटा प्रोसेसिंग का अर्थ है- वाणिज्यिक उपयोग के लिए जानकारी तैयार करना।
  50. रिकार्ड्स का संग्रह फाइल (File) कहलाता है।
  51. डिजिटल कम्प्यूटर की कार्य पद्धति गणना और सिद्धांत पर आधारित है।
  52. विश्व का प्रथम व्यावहारिक डिजिटल कम्प्यूटर यूनीवेक (UNIVAC) था।
  53. फोरट्रॉन प्रोग्रामन हेतु विकसित की गई सर्वप्रथम भाषा है।
  54. हिन्दी कमाण्ड स्वीकार करने वाला कम्प्यूटर भाषा प्रदेश है।
  55. कोबोल उच्च स्तरीय भाषा (HLL) अंग्रेजी भाषा के समान है।
  56. कोबोल भाषा में सर्वाधिक उपयुक्त डॉक्यूमेन्टेशन संभव है।
  57. अनुवादक की असेम्बली भाषा की मशीन कोड में बदलता है असेम्बलर (Assembler) कहलाता है।
  58. अनुवाद प्रोगाम जो उच्चस्तरीय भाषा का निम्नस्तरीय भाषा में अनुवाद करता है कम्पाइलर (Compiler) कहलाता है।
  59. बेसिक (BASIC) भाषा की फोरट्रॉन, एलगोल, पास्कल आदि को सिखाने के लिए नींव का पत्थर कहा जाता है।
  60. माइक्रोप्रोसेसर चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटर हैं।
  61. प्रोलोग (PROLOG) पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटर की भाषा है।
  62. इन्टीग्रेटेड सर्किट चिप का विकास जे० एस० किल्बी ने किया।
  63. इन्टीग्रेटेड सर्किट चिप (Chip) पर सिलिकॉन (silicon) की परत होती है।
  64. कम्प्यूटर अशुद्धि को बग (Bug) कहा जाता है।
  65. वर्ष 1988 में C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing) की पुणे में स्थापना की गई।
  66. पुणे के सी-डैक (C-DAC) के वैज्ञानिक ने 28 मार्च 1998 को प्रति सेकण्ड एक खरब गणना करने की क्षमता से युक्त कम्प्यूटर परम-10000 का निर्माण किया इसके विकास का मुख्य श्रेय C-DAC के कार्यकारी निदेशक डॉ० विजय पी० भास्कर को जाता है।
  67. भारत में सर्वप्रथम नेशनल एयरोनौटिक्स लेबोरेटरीज (बेंगलुरु) ने फ्लो साल्वर (FLO SOLVER) नामक सुपर कम्प्यूटर विकसित करने में सफलता पायी थी।
  68. कम्प्यूटर पर परमाणु परीक्षणों को सबक्रिटिकल परीक्षण (subcritical Test) कहा जाता है।
  69. लेजर प्रिन्टर सर्वाधिक तेज गति का प्रिन्टर है।
  70. IBM (International Business Machine) अमेरिका की एक कंप्यूटर कंपनी है।
  71. कम्प्यूटर वाइरस एक मानव निर्मित डिजीटल परजीवी है, जो फाइल संक्रामक के नाम से जाना जाता है।
  72. वाई-टू के (Y-2k) संकट अर्थात इयर टू थाउजेंड (Year 2000 crisis) तारीखों से संबंधित कम्प्यूटर समस्या थी।
  73. Y-2k संकट को मिलियन बग भी कहा गया। मोडेम कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ने का उपकरण है, जो टेलीफोन लाइन पर काम करता है।
  74. इंटरनेट से जुड़ा वह संगणक जहाँ विशेष प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध हो, साइट (site) कहलाता है। पास या दूर के किसी संगणक या नेटवर्क से सूचनाएँ मोडेम की मदद से अपने संगणक में लाने की प्रक्रिया को डाउनलोड (Download) कहते है।
  75. पास या दूर के किसी संगणक को अपने संगणक से सूचनाएँ भेजना अपलोड (Upload) कहलाता है।
  76. किसी कम्प्यूटर या उसके हार्ड डिस्क या किसी चलते हुए कार्यक्रम (प्रोग्राम) का अचानक खराब हो जाना या समाप्त हो जाना कैश (Crash) कहलाता है।
  77. भारत में कम्प्यूटर का विकास 1955 से आरंभ हुआ।
  78. साइंस, बेंगलुरु ने सिम्प्यूटर (simputer) नामक हथेली के आकार का टचस्क्रीन वाला बहुभाषी कम्प्यूटर विकसित किया है।
  79. भारत में प्रथम कम्प्यूटरेरियम (कम्प्यूटर मंडल) कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थापित किया गया है।
  80. केरल के तिरुअनन्तपुरम जिले के वेल्लानाड गाँव को भारत का पहला पूर्णरूपेण कम्प्यूटरीकृत गाँव घोषित किया गया है।
  81. पर्सनल कम्प्यूटर (), होम कम्प्यूटर, इलेक्ट्रानिक डायरी (या, ब्रीफकेस कम्प्यूटर) आदि माइक्रो कम्प्यूटर के उदाहरण हैं।
  82. माइक्रो कम्प्यूटरों में प्रचलित कुछ प्रचालन प्रणाली (Operating system) हैं – CP/M, Mac OS (Apple), DOS, ProDOS, MS/DOS/PC.DOS, XENIX, UNIX, WINDOWS, LINUX आदि।
  83. CPU की गति को क्लॉक स्पीड (clock speed) कहते हैं।
  84. कम्प्यूटर प्रयोगकर्ता द्वारा कम्प्यूटर को दिया गया निर्देश कमांड (Command) कहलाता है।
  85. दुनिया के विभिन्न स्थानों पर स्थापित टेलीफोन लाइनों अथवा उपग्रहों की सहायता से एक दूसरे के साथ जुड़े कम्प्यूटरों का नेटवर्क इंटरनेट (INTERNET) कहलाता है।
  86. इंटरनेट पद्धति में सम्पूर्ण सूचनाएँ कम्प्यूटरों में भरी होती है, इन्हें तकनीकी भाषा में वेब सर्वर (Web Server) कहा जाता है।
  87. प्रत्येक कम्प्यूटर में निहित जानकारी को होम पेज (Home Page) के नाम से जाना जाता है।
  88. ATM (Automated Teller Machine) के आविष्कारक का नाम है- जॉन शेफर्ड बार्नेस (स्कॉटलैंड, इंग्लैंड)।

अमेरिका के दो व्यक्तियों-जोएल एन्जेल (Joel Engel) एवं रिचर्ड फ्रकिएल (Richard Frenkiel)-ने 1971 ई. में मोबाइल फोन/सेल फोन का आविष्कार किया।


कम्प्यूटर शब्दावली Computer Glossary

एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Programme): एक ऐसा प्रोग्राम जो कोई निश्चित कार्य ही करता हो, एप्लीकेशन प्रोग्राम कहलाता है, जैसे- वर्ड प्रोसेसिंग या डेटाबेस प्रबन्धन अथवा अकाउंटिंग का कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर। इनमें वर्ड प्रोसेसिंग के लिए एम एस वर्ड (M sword), डेटाबेस प्रबन्धन के लिए विजुअल फॉक्स प्रो (visual FOX PRO), डिजाइनर्निग के लिए ऐडोब फोटोशॉप (Adobe Photoshop) या अकाउंटिंग के लिए टैली (Tally) प्रसिद्द एप्लीकेशन प्रोग्राम है। इन्हें सॉफ्टवेयर के नाम से भी जाना जाता है।

बिट (Bit): इलेक्ट्रॉनिक डेटा को मापने की एक यूनिट बिट कहलाती है। एक बिट 0 या 1 कोई एक होती है। यह बिट की संख्या पर निर्भर करता है कि वह कितना डेटा अपने में स्टोर करने में सक्षम है। उदाहरण के लिए 8 बिट में 16 बिट की तुलना में कम डेटा समा पाएगा। 4 बिट मिलकर एक निबल (Nibble) का निर्माण करते हैं। 8 बिट मिलकर एक बाईट का निर्माण करते हैं।

बूट (Boot): कम्प्यूटर को कार्यावस्था में लाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाने वाला प्रारम्भिक कार्य बूट कहलाता है।

बग (Bug): कम्प्यूटर प्रोग्राम या सिस्टम में एरर के कारण को बग कहा जाता है। उदाहरण के लिए यदि कोई प्रोग्राम गलत परिणाम देने लगे तो यह कहा जा सकता है कि इस प्रोग्राम में बग है। बग को निकालने की अर्थात् एरर हटाने को डिबग (Debug) कहा जाता है।

बाईट (Byte): कुल आठ बिट मिलकर एक बाईट का निर्माण करती है। किसी भी आस्की केरेक्टर को स्टोर करने के लिए एक बाईट खर्च होती है।

केश (Cache): मेमोरी का ही एक भाग जिसे अस्थाई स्टोरेज के लिए प्रयोग किया जाता है, कैश कहलाता है। इसमें वे डेटा रखे जाते हैं, जिसकी बार-बार जरूरत होती है। इससे कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग गति में वृद्धि होती है। कैश कई स्तरों पर होता है। सामान्यतः जिस कैश की बात की जाती है उसकी गति रैम से अधिक किन्तु प्रोसेसर से कम होती है। इसका कार्य प्रोसेसर एवं रैम के मध्य एक पुल की भाँति कार्य करना है, ताकि दोनों की प्रोसेसिंग गति में अन्तर को पाटा जा सके।

सीडी-रॉम (CD-ROM): म्यूजिक सीडी जैसी ही सीडी जिस पर डेटा स्टोर किया जा सकता है, सीडी रोम कहलाता है। एक सीडी पर फ्लॉपी की तुलना में काफी अधिक डेटा स्टोर हो सकता है। इस पर डेटा लिखने एवं इससे डेटा पढ़ने के लिए सीडी ड्राइव एवं राइटर की आवश्यकता होती है।


चिप (Chip): यह एक पतली चिप्पी है, जिस पर विशेष प्रक्रिया से सर्किट बनाये जाते हैं। यह प्रायः सिलिकान की बनी होती है। सिलिकान के स्थान पर गैलियम आर्सेनाइड चिप तथा प्रोटीन चिप (जिसे बायोचिप भी कहा जाता है) पर अनुसंधान चल रहा है।

कम्प्यूटर प्रोग्राम (Computer Program) – कम्प्यूटर के कार्य निर्देशन के लिए निम्न या उच्च स्तरीय भाषा में लिखे गये आदेशों की श्रृंखला, कम्प्यूटर प्रोग्राम कहलाता है।

कम्पाइलर (Compiler): वह प्रोग्राम जो उच्च स्तरीय भाषा को मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, कम्पाइलर कहलाता है।

सीपीयू (CPU): इसे विस्तृत रूप से सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कहा जाता है। यह कम्प्यूटर का दिलो-दिमाग कहलाता है। समस्त मुख्य प्रोसेसिंग यहीं पर होती है। PIII, P4, AMD Athlon आदि सीपीयू के कुछ उदाहरण हैं।

कर्सर की (Cursor Key): की-बोर्ड पर पाए जाने वाले वे बटन जिन पर तीर के निशान बने होते हैं, कर्सर-की कहलाता है। इनका प्रयोग स्क्रीन पर कर्सर को मूव करने के लिए किया जाता है।

डेटाबेस (Database): डेटा का संग्रह, जिसमें फोन बुक से लेकर कम्पनी के इवेंट्री प्रबन्धन से सम्बन्धित डेटा तक शामिल होते हैं, डेटाबेस कहलाता है।

एरर मैसेज (Error Message): किसी सॉफ्टवेयर द्वारा किसी गड़बड़ी के बारे में दर्शाया जाने वाला संदेश, एरर मैसेज कहलाता है। यह एरर के प्रकार के बारे में जानकारी भी देता है।

फाइल (File): डेटा का वह संग्रह जिसे किसी नाम से सेव किया जाता है, फाइल कहलाता है। उदाहरण के लिए यह आपकी सैलेरीशीट हो सकती है या कोई MP3 गाना भी हो सकता है।

फ्लापी डिस्क (Floppy Disk): यह डेटा स्टोर करने के लिए एक माध्यम है। आकार में काफी छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में आसानी से रखा जा सकता है। आज अधिकतर 3.5 इंच आकार की फ्लॉपी डिस्क प्रयोग में लाई जा रही है। जिसमें काफी कम डेटा स्टोर हो पाता है।

गीगाबाईट (Giga Byte): 1024 मेगाबाईट को गीगाबाईट कहा जाता है। एक मेगाबाईट में 1024 × 1024 बाईट्स होती हैं। आजकल हार्डडिस्क का आकार भी गीगाबाईट्स में ही होता है।

ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (Graphical User Interface-GUI): यह एक विजुअल इंटरफेस है, जो कि फाइलों, कमांड्स, सॉफ्टवेयर्स आदि को आइकन (ग्राफिकल चिह्न) के रूप में दर्शाता है। इन आइकन्स को माउस जैसे किसी पॉइंटिंग डिवाइस के माध्यम से चुना एवं प्रयोग किया जाता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस विंडोज वातावरण में उपलब्ध है, जिसमें एक यूजर आइकन्स पर क्लिक करते हुए कार्य करता है।

हैकर (Hacker): जान-बूझकर दूसरे का कम्प्यूटर खराब करने वाला व्यक्ति हैकर कहलाता है।

हार्ड डिस्क (Hard Disk) यह डेटा स्टोरेज के लिए एक डिवाइस है, जिसे सामान्यतः केबिनेट के भीतर रखा जाता है। इस पर काफी अधिक डेटा स्टोर किया जा सकता है। चूंकि हार्डडिस्क अलग-अलग आकारों में आती है, अतः एक यूजर अपनी आवश्यकता के अनुसार इसका चुनाव कर सकता है।

हार्डवेयर (Hardware): कम्प्यूटर का भौतिक (Physical) भाग जिसे देखा और छुआ जा सकता हो, हार्डवेयर कहलाता है। उदाहरण-मॉनीटर या की-बोर्ड।

आइकन (Icon): स्क्रीन पर दर्शित छोटे ग्राफिकल चिन्ह जो कि किसी प्रोग्राम, कमांड या फाइल को इंगित करते हैं, आइकन कहलाता है। इन्हें चुनने के लिए यूजर को इन आइकन पर माउस पॉइंटर रखते हुए क्लिक करना होता है।

मेगाहर्ट्ज (MHz): एक मेगाहर्ट्ज 1,000,000 चक्र प्रति सेकण्ड दर्शाती है। माइक्रोप्रोसेसर की गति को क्लॉक स्पीड से मापा जाता है। उदाहरण के लिए यदि एक माइक्रोप्रोसेसर 200 मेगाहर्ट्ज पर कार्य करता है तो वह 200,000,000 चक्र प्रति सेकण्ड रन करता है। इससे यह भी जाना जाता है कि प्रोसेसर कितना शक्तिशाली है।

मेमोरी सिस्टम (Memory system): वह जगह जहाँ पर कम्प्यूटर डेटा एवं प्रोग्राम को अस्थाई तौर पर रखता है, मेमोरी सिस्टम कहलाता है। सामान्यतः मेमोरी से आशय RAM से है।

मॉडम (Modem): वह डिवाइस जो कि डिजिटल सिग्नलों को ऐनालॉग सिग्नलों (टेलीफोन प्रणाली में काम में आनेवाला सिग्नल) एवं एनालॉग सिग्नलों को डिजिटल सिग्नलों में परिवर्तित कर सके, मॉडम कहलाता है। इससे टेलीफोन के माध्यम से कम्प्यूटर को जोड़ने का काम लिया जाता है। इंटरनेट से जुड़ने के लिए भी मॉडम की जरूरत होती है।

मदर बोर्ड (Mother Board): कम्प्यूटर के केबिनेट के भीतर का मुख्य बोर्ड जिस पर सीपीयू, मेमोरी एवं अन्य सर्किट बने होते हैं, मदर बोर्ड कहलाता है। इसी पर अन्य कार्ड लगाए जा सकते हैं।

नेटवर्क (Network): विभिन्न कम्प्यूटरों का एक जाल जिसमें सभी कम्प्यूटर एक दूसरे से केबल (Cable) या अन्य माध्यम से जुड़े रहते हैं, नेटवर्क कहलाता है। नेटवर्क का फायदा यह होता है कि यूजर अपनी फाइल को शेयर कर सकता है ताकि अन्य यूजर उसको उपयोग कर सकें।

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating system): वह सॉफ्टवेयर जो आधारभूत सिस्टम कार्य करने में सक्षम हो, ऑपरेटिंग सिस्टम कहलाता है। इन आधारभूत सिस्टम कार्यों में डिस्क से डेटा पढ़ना, डिस्क पर डेटा लिखना, रिसोर्स प्रबन्धन आदि सम्मिलित हैं। इसके उदाहरणों में विंडोज (WINDOWS), लिनक्स (LINUX) आदि को लिया जा सकता है।

पेरिफेरल (Peripheral): कम्प्यूटर में अतिरिक्त रूप से लगनेवाली हार्डवेयर डिवाइसों को पेरिफेरल कहा जाता है। कम्प्यूटर को काम में लाने के लिए इस भाग का होना आवश्यक नहीं होता है।

पिक्सेल (Pixel): किसी भी इमेज का सबसे छोटा भाग, पिक्सेल कहलाता है। एक मॉनीटर का एक पिक्सेल एक महीन से डॉट (.) के रूप में होता है। यही विभिन्न डॉट मिलकर एक इमेज का निर्माण करते हैं। एक निश्चित जगह पर जितने अधिक पिक्सेल होंगे, इमेज क्वालिटी उतनी ही अच्छी होगी।

पॉइंटर (Pointer): माउस के द्वारा नियंत्रित किया जाने वाला अवयव जो कि स्क्रीन पर दर्शित होता है, पॉइंटर कहलाता है। जिस दिशा में माउस को माउस पैड पर मूव किया जाता है उसी दिशा में यह पाइंटर भी घूमता है।

पोर्ट (Port): यह एक कनेक्टर होता है, जो बाह्य डिवाइसों को मदरबोर्ड से जोड़ता है। जैसे कि पैरेलल पोर्ट या सीरियल पोर्ट या यूएसबी पोर्ट।

रैम (RAM): विस्तार में इसे रेडम ऐक्सेस मेमोरी कहा जाता है। यह वह स्थान है जहाँ पर प्रोसेसिंग में काम आनेवाले डेटा को अस्थाई रूप से रखा जाता है। यह मेमोरी अस्थायी मेमोरी होती है। इसे जैसे ही पावर मिलना बन्द होता है वैसे ही इसका कटेंट भी समाप्त हो जाता है। इसे मेगाबाईट्स में मापा जाता है।

रोम (ROM): विस्तार में इसे रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है। यह मेमोरी स्थायी (Nonvalatile) है जो विद्युत् आपूर्ति समाप्त होने पर भी लुप्त नहीं होती है।

रीबूट (Reboot): जहाँ बूटिंग से आशय कम्प्यूटर को बन्द अवस्था से जागृत अवस्था में लाना है वही रीबूट से आशय कम्प्यूटर को दोबारा स्टार्ट करने से है। ऐसा तब किया जाता है, जबकि कम्प्यूटर ने बीच में ही कार्य करना बन्द कर दिया हो या कोई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल / अनइंस्टॉल किया हो।

साउंड कार्ड (sound Card): यह एक ऐक्सपांशन कार्ड है जो कि पर्सनल कम्प्यूटर में साउंड पर कार्य करने की क्षमता जोड़ता है।

स्कैनर (scanner) एक ऐसी डिवाइस जो कि ग्राफिक इमेज को डिजिटल इमेज में परिवर्तित कर देता है, स्कैनर कहलाता है।

सिस्टम यूनिट (system Unit): डेस्कटॉप पीसी का बाक्सनुमा केबिनेट भाग, सिस्टम यूनिट कहलाता है। इसके अंदर मदरबोर्ड एवं अन्य चिप होती है।

टच स्क्रीन (Touch screen): वह कम्प्यूटर जिसमें की बोर्ड के बजाय मॉनीटर को छुकर कम्प्यूटर को निर्देश देते हैं।

वायरस (virus): एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कि कम्प्यूटर के डेटा को नुकसान पहुँचाने के लिए बनाया गया हो। वायरस सामान्यतः ऑपरेटिंग सिस्टम की फाइलों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करता है।

कम्प्यूटर संबंधी शब्द संक्षेप

ALU Arithmetic Logic Unit

ALGOL Algorithmic Language

ASCII American Standard Code for Information Interchange BASIC Beginner’s All Purpose Symbolic Instruction Code BCD Binary Coded Decimal

BIOS Basic InputOutput System

CPU Central Processing Unit

CAD Computer Aided Design

CAM Computer Aided Manufacturing

CAT Scan Computerised Axial Tomography Scan

COBOL Common Business Oriented Language

CD Compact Disk

C-DOT Centre for Development of Telematics

COMAL Common Algorithmic Language

DOS Disk Operating System

DTS Desk Top System

DTP Desk Top Publishing E-Commerce Electronic Commerce

E-Mail Electronic Mail

ENIAC Electronic Numerical Integrator And Calculator

FAX Facsimile Automated. Xerox

FLOPS Floating Operations Per Second

FFORTRAN Formula Translation

H.L.L High Level Languages

HTML High TextMarkup Language

IBM International Business Machine

IC Integrated Circuit

ISH Information Super Highway

LAN Local Area Network

LDU Liquid Display Unit

LISP List Processing

LLL Low Level Language

MICR Magnetic Ink Character Recogenizer

MIPS Millions of Instructions Per Second

MOPS Millions of Operations Per Second

MODEM Modulator-Demodulator

MPU Micro Processor Unit

NICNET National Information Centre Network

OMR Optical Mark Reader

PC-DOS Personal Computer Disk Operating System

PROM Programmable Read Only Memory RAM Random Access Memory

ROM Read Only Memory

SNOBOL String Oriented Symbolic Language

UPS Uninterruptable Power Supply

VDU Visual Display Unit

VLS Very Large Scale Integrated

WAN Wide Area Network

www World Wide Web

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