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रसायन विज्ञान के One Liner
By:-- Nurool Ain Ahmad
- आधुनिक रसायन विज्ञान का पिता सेवोसियर को कहा जाता है l
 - विश्लेषिका रसायन में विभिन्न द्रव्यों का गुणात्मक तथा मात्रात्मक विश्लेषण किया जाता है l
 - सबसे हल्का तत्व हाइड्रोजन है l
 - शुद्ध वायु समांग मिश्रण का उदाहरण होती है l
 - मिश्र धातुएँ समांगी मिश्रण होती हैं l
 - वायु , गैस एवं जलवाष्प का मिश्रण है l
 - एल्कोहल एवं जल का मिश्रण समांगी मिश्रण है l
 - पेट्रोल एवं जल का मिश्रण विषमांगी मिश्रण है l
 - तांबा प्रदूषण रहित तत्व हैं l
 - कार्बन मुख्यतः एक मिश्रण है लोहा एवं कार्बन का l
 - आसुत जल आसवन विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है l
 - निलंबन विषमांगी की तरह का मिश्रण है l
 - कोलॉइड विषमांगी की तरह का मिश्रण है l
 - द्रव की प्लाज्मा अवस्था विद्युत् की सुचालक होती है l
 - आर्सेनिक एवं एंटिमनी उपधातु श्रेणी के तत्व हैं l
 - ब्रोमीन कमरे के तप पर द्रव अवस्था में पाया जाता हैl
 - आस्तु जल आसवन विधि से प्राप्त किया जाता है पीतल , तांबा एवं जस्ते का मिश्रण है l
 - कोल्ड ड्रिंक में कार्बन डाईऑक्साइड गैस का जल में विलयन होता है l
 - तांबा , शुद्ध पदार्थ है l
 - आर्सेनिक में धातु एवं अधातु दोनों तरह के तत्व पाए जाते हैं l
 - नील्स बोर के मॉडल को आधुनिक भौतिकी की आधारशिला कहा जाता है l
 - परमाणु का अधिकांश द्रव्यमान नाभिक में निहित होता है l
 - नील्स बोर ने अपना परमाणु मॉडल 1913 ई० में प्रस्तुत किया l
 - इलेक्ट्रॉन को नाभिक का चक्कर लगाने के लिये आवश्यक अभिकेंद्र बल इलेक्ट्रॉन एवं नाभिक के बीच कार्यकारी स्थिर वैद्युत आकर्षण बल से प्राप्त होता है l
 - रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल परमाणु के स्थायित्व एवं रेखीय स्पेक्ट्रम की संतोषजनक व्याख्या नहीं प्रस्तुत क्र सका l
 - बोर एवं बरी ने साथ मिलकर तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की योजना प्रस्तुत की थी l
 - हाइड्रोजन के सूक्ष्म स्पेक्ट्रम की व्याख्या सोमरफील्ड ने की l
 - हाइजेनबर्ग की अनिश्चितता का सिद्धांत बड़े कानों पर लागु नहीं होता है क्योंकि बड़े कणों का द्रव्यमान अधिक होता है l
 - परमाणु संरचना का आधुनिक विचार इलेक्ट्रॉन की तरंग प्रकृति पर आधारित है l
 - हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत बड़े कणों पर लागु नहीं होता है क्योंकि बड़े कणों का द्रव्यमान अधिक होता है l
 - परमाणु संरचना का आधुनिक विचार इलेक्ट्रॉन की तरंग प्रकृति पर आधारित है l
 - हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत ‘संवेग तथा स्थिति में अनिश्चितता विद्यमान होती है l “
 - परमाणु की संरचना का आधुनिक विचार श्रांडिगर ने दिया l
 - कक्षक के आकृति सबसे जटिल होती है l
 - किसी कोष की कर्म संख्या (Order ) उस कोश में उपकोशों की संख्या व्यक्त करती है l
 - P उपकोश में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या 6 हो सकती है l
 - किसी परमाणु या आयन के चुंबकीय गुणों की व्याख्या चक्रण क्वांटम संख्या करता है l
 - एक परमाणु में दो इलेक्ट्रॉनोंकी चारों संख्याएँ समान नहीं हो सकतीं I यह नियम ‘पाउली का अपवर्जन नियम है I’
 - एक मोल इलेक्ट्रॉन का भर 0.55 मिग्रा. होता है I
 - परमाणु की बाह्यतम कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रॉन संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं I
 - इलेक्ट्रॉन की खोज जे.जे. थॉमसन ने की I
 - इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु का 1/1837वें भाग के बराबर होता है I
 - परमाणु के नाभिक की खोज रदरफोर्ड ने 1911 ई. में की थी I
 - किसी तत्व के परमाण्विक भार को एटॉमिक मॉस यूनिट (a.m.u.)में व्यक्त किया जाता है I
 - न्यूट्रॉन एक वैद्युत उदासीन कण है I
 - हाइड्रोजन ही एकमात्र ऐसा तत्व है ,जिसके सभी समस्थानिकों के नाम अलग -अलग होते हैं I
 - पोलोनियम (Po) सर्वाधिक समस्थानिकों वाला तत्व है I
 - जीवाश्मों, मृत पेड पौधे की आयु निर्धारण (कार्बन डेटिंग ) के लिए कार्बन के रेडियोसक्रिय` समस्थानिक का उपयोग किया जाता है I
 - सबसे मजबूत बंध एकल बंध (Single bond) होता है I
 - त्रिबंध से युक्त यौगिक सबसे क्रियाशील होते है I
 - विद्युत संयोजी यौगिकों के बंध युक्त यौगिकों के क्वथनांक अधिक होते है I
 - सोडियम क्लोराइड (NaCL)एवं कैल्शियम क्लोराइड में विद्युत् संयोजी बंध बनता है I
 - अधिक इलेक्ट्रॉन बंधता वाला तत्व इलेक्ट्रॉन ग्राही प्रवृति का होता है I
 - विद्युत संयोजक यौगिकों में अणु संरचना का अभाव पाया जाता है I
 - कार्बनिक यौगिकों में सह-संयोजक बंध पाया जाता है I
 - सह-संयोजक यौगिकों के अणु आपस में वांडरवाल्स बल से बंधे होते है I
 - सह-संयोजी यौगिक अध्रुवीय तथा कार्बनिक विलायकों में आसानी से घुल जाते है
 - ग्रेफाइट तत्व का अणु सह-संयोजक बंध होने के बावजूद विद्युत का सुचालक है I
 - धात्विक ठोसों परमाणुओं के मध्य धात्विक बंध पाया जाता है I
 - पुरानी पुस्तकों के पन्ने ऑक्सीकरण के कारण पीले पड़ जाते हैं I
 - ऑक्साइड बनाने की क्रिया को ऑक्सीकरण कहते हैं I
 - द्रव्यमान संरक्षण का नियम सर्वप्रथम लोमोनोसॉफ ने प्रतिपादित किया I
 - हवा में चांदी के बर्तनो का काला होना रासायनिक परिवर्तन है I
 - दूध से दही का बनना रासायनिक परिवर्तन है I
 - जल का वाष्प में परिवर्तन भौतिक परिवर्तन है I
 - नोबल गैस समान गुणों वाइए रासायनिक तत्वों का एक समूह होता है I प्रमुख नोबल गैस हैं – हीलियम, नीऑन, आर्गन, क्रिप्टन, जौनॉन रेडॉनI
 - एक जलती हुई माचिस की तीली जब हाइड्रोजन गैस के सम्पर्क में आती है तो वह बुझ जाती है एवं गैस ‘चाप’ ध्वनि के बाद जल जाती है I
 - प्रकाश संश्लेषण तथा श्वसन भी रासायनिक परिवर्तन है I
 - पानी का चीनी में घुलना भौतिक परिवर्तन का उद्दाहरण है I
 - प्रिज्म से गुजरने पर श्वेत प्रकाश का सात रंगों में विभक्त होना भौतिक परिवर्तन है I
 - गलन, वाष्पन, संघनन, हिमायन, आसवन, ऊर्ध्वपातन आदि भौतिक परिवर्तन हैं I
 - जल मैं विद्युत् प्रवाहित करने पर हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन प्राप्त होना रासायनिक परिवर्तन है l
 - ऊष्माक्षेपी प्रतिक्रिया में ताप की उत्पति होती है l
 - रासायनिक समीकरणों को द्रव्यमान संरक्षण के नियम द्वारा संतुलित किया जाता है l
 - कच्चे फल का पकना रासायनिक परिवर्तन है l
 - लोहे पर जंग लोहे का ऑक्सीकरण होने के कारण लगती है l
 - सिरके का मुख्य घटक एसिटिक एसिड है l
 - अम्लों एवं क्षारों की पहचान के लिये मुख्यतया लिटमस पेपर , फिनाफ्थेलिन और मेथिल ऑरेंज का प्रयोग किया जाता है l
 - लिटमस लाइकेन से प्राप्त किया जाता है l
 - अम्ल वर्षा मुख्यतया SO2 , NO2 आदि के कारण होता है l
 - चाय में टेनिक अम्ल पाया जाता है l
 - सिरके में एसिटिक अम्ल पाया जाता है l
 - घरों में सिरका स्टार्च के किण्वन से बनता है l
 - अम्लों के अम्लीय गुणों हेतु उत्तरदायी अम्लों के जलीय विलय में मुक्त हाइड्रोजन (H+) आयन होता है l
 - अम्लों एवं क्षारों की आधुनिक संकल्पना लॉरी एवं ब्रॉन्स्टेड ने 1923 ई० में दी l
 - जल में कार्बन डाईऑक्साइड (CO2 ) प्रवाहित करने पर बना सोडा वाटर अम्लीय प्रकृति का होता है l
 - दूध में लैक्टिक अम्ल पाया जाता है l
 - अचार के परिरक्षण हेतु उसमें एसिटिक एसिड मिलाया जाता है l
 - सेब में मैलिक अम्ल पाया जाता है l
 - फोटोग्राफी में ऑक्जैलिक अम्ल प्रयुक्त होता है l
 - इमली में टार्टरिक अम्ल पाया जाता है l
 - चाय में टेनिक अम्ल पाया जाता है l
 - खाद्य पदार्थों के संरक्षण में बेन्जोइक अम्ल का उपयोग किया जाता है l
 - जल की कठोरता सोडियम कार्बोनेट एवं कैल्शियम हाइड्रोक्साइड द्वारा दूर की जाती है l
 - मक्खन में ब्यूटाईरिक अम्ल पाया जाता है l
 - फार्मिक अम्ल एवं एसिटिक अम्ल दोनों ही कार्बनिक एवं दुर्बल अम्ल हैं l
 - शीतल पेयों एवं एसिटिक अम्ल दोनों ही कार्बनिक एवं दुर्बल अम्ल हैं l
 - बेकिंग पाउडर निर्माण में पर्युक्त अम्ल टार्टरिक अम्ल है l
 - चीटियों में फार्मिक अम्ल पाया जाता है l
 - लंबे समय तक कठोर शारीरिक श्रम के पश्चात मांसपेशियों में थकान पेशियों में लैक्टिक अम्ल के कारण होता है l
 - कोकाकोला का खट्टा स्वाद फास्फोरिक अम्ल के कारण होता है l
 - कपडे के स्याही एवं जंग के दाग धब्बे छुड़ाने हेतु आक्जैलिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है l
 - नींबू का खट्टापन इसमें उपस्थित सिट्रिक अम्ल के कारण होता हैं l
 - घी की प्रकृति अम्लीय होती है जिसका pH मान लगभग 6.5 होता है l
 - वर्षा जल का pH मान 5.4 या कम होने को अम्ल वर्षा की संज्ञा देते है l
 - जठर रस में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पाया जाता है l
 - पौधों की अच्छी वृद्धि के लिये मृदा का pH मान 7 के आस – पास होना चाहिये l
 - मृदा का pH मान 8 से अधिक होना क्षारीय मृदा कहलाता है l
 - pH मूल्य किसी घोल के अम्लीय या क्षारीय होने का मूल्यांकन दर्शाता है l
 - फलों के रास के परिरक्षण के लिये सोडियम बेंजोइक का उपयोग किया जाता है l
 - सोडियम बाई कार्बोनेट का वाणिज्यिक नाम बेकिंग सोडा है l
 - मानव शरीर सामान्यतः 7 से 7.8 pH मान के बीच कार्य करता है l
 - रक्त में उपस्थित फॉस्फोरस हमारे शरीर में अम्लीयता एवं क्षारीयता जे बीच संतुलन बनाए रखता है l
 - सातवां आवर्त अभी भी अपूर्ण है l
 - डी ब्लॉक के कुछ तत्व ऑफबाऊ के नियम का पालन नहीं करते हैं l
 - शीतलीकरण में नाइट्रोजन तत्व का ऑक्साइड होता होता है l
 - आधुनिक आवर्त सरणी का आधार परमाणु क्रमांक है l
 - पकृति में उपलब्ध अंतिम तत्व यूरेनियम है l
 - तत्वों का एक्टिनाइट समूह रेडियो सक्रिय समूह कहलाता है l
 - यूनूनोक्तियम (Uo ) खोजा गया नया तत्व है l
 - जिंक धातु एसिड एवं एल्कली के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन निकलती है l
 - जर्मन सिल्वर में चांदी की मात्रा नहीं होती है l
 - पारा धातु सामान्य ताप पर द्रव अवस्था में रहता है l
 - स्टील मुख्यतः लोहा एवं कार्बन का मिश्रण है l
 - बोक्साइड एल्युमीनियम धातु का अयस्क है l
 - एंटिमनी स्टीबनाईट तत्व का अयस्क है l
 - लोहे में जंग लगने से उसके भार में वृद्धि हो जाती है l
 - प्लेटिनम कठोरतम धातुओं में से एक है l
 - तांबा एक ऐसा धातु है जो पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता l
 - श्वेत फॉस्फोरस को पानी में रखा जाता है क्योंकि ये हवा की ऑक्सीजन से क्रिया कर जल उठता है परन्तु जल से कोई प्रतिक्रिया नहीं करता l
 - जीवों में नाइट्रोजन प्रोटीन के रूप में पाया जाता है l
 - सर्वधिक कठोर तत्व हिरा है l
 - पोटैशियम ब्रोमाइट का प्रयोग नींद लेन वाली दवा के रूप में होता है l
 - एक से अधिक धातुओं तथा अधातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्र धातु कहते है l
 - मिश्र धातुओं के गुण अवयवी धातुओं के गुणों से भिन्न होते है l
 - बेंजीन अरोमैटिक प्रकार के योगिक हैं l
 - प्रथम संश्लेषित कार्बनिक यौगिक का प्रियोगशाला में निर्माण व्होलर नई किया था l
 - किसी कार्बनिक यौगिक के मुख्य गुण यौगिक के क्रियात्मक समूह पर निर्भर करता है l
 - एथेन खुली श्रृंखला का यौगिक है l
 - न चिपकने वाले खाना पकने वाले बर्तनों में टेफ्लॉन का लेप चढ़ा होता है l
 - पॉलीथिन एथिलीन के बहुलीकरण द्वारा संश्लेषित किया जाता है l
 - रेयॉन सेलुलोज से बनाया जाता है l
 - थायोकाल रबर एक प्रकार की संश्लिष्ट रबर है l
 - न्यूनतम ज्वलनशील रेशा टेरेलीन है l
 - बकेलाइट एवं फिनॉल फर्मेल्डिहाइट के सहबहुलक हैं l
 - निप्रोप्रीन संश्लेषित रबर है l
 - रबर को वल्कनीकृत करने के लिये प्रयुक्त तत्व सल्फर है l
 - कागज पौधों के सलूलोज से बनाया जाता है l
 - प्राकृतिक रबर आइसोप्रीन का बहुलक है जो कि रबर के वृक्ष से लेटैक्स के रूप में प्राप्त होता है l
 - CFC एक ‘ हरित गृह गैस ‘ है , जो ओजोन (O3 ) क्षरण के लिये जिम्मेदार है l
 - मीथेन को ‘मार्श’ गैस के नाम से भी जाना जाता है l
 - इथाइलीन रंगहीन गैस है इसे सूंघने से बेहोशी आ जाती है l
 - औद्योगिक स्तर पर एथाइलिन का निर्माण , पेट्रोलियम के भंजन द्वारा किया जाता है l
 - एसिटिलीन रंगहीन गैस है , कुछ अशुद्धियों के कारण इसमें लहसुन जैसी गंध होती है l
 - भीड़ को तीतर -बितर करने के लिये अश्रु गैस का उपयोग होता है l
 - मिथाइल एल्कोहल रंगहीन , ज्वनशील द्रव होता है जो अत्यधिक विषैला होता है l
 - इथाइल एल्कोहल को ‘ स्पिरिट ऑफ वाइन’ भी कहा जाता है l
 - डाई इथाइल ईथर रंगहीन , अतीवाष्पशील द्रव होता है , जिसे त्वचा में डालने से ठंडा अनुभव होता है l
 - प्लास्टिक कृत्रिम रेशे , खाद्य परिरक्षक , स्नेहक , रेजिन , एंटीफ्रीज आदि बनाने में गिलसरोल का उपयोग किया जाता है l
 - एसिटिक अम्ल , सिरके का प्रमुख अवयव होता है l
 - लैक्टिक अम्ल सभी प्रकार के दुग्ध में पाया जाता है l
 - फॉर्मिक अम्ल या मेथेनोइक अम्ल लाल चीटियों , बिच्छू तथा मधुमक्खी आदि के डंक में पाया जाता है l
 - मानव मूत्र में यूरिया पाया जाता है l
 - कैल्शियम ऑक्ज्लेट की मात्रा अधिक हो जाने पर मानव गुर्दे में पथरी पड़ जाती है l
 - संश्लेषित रबड़ , क्लोरोप्रीन अथवा आइसोब्यूटाइलिन का बहुलक होती है l
 - नायलॉन मानव द्वारा संश्लेषित किया गया प्रथम रेशा है l
 - सोडियम बेन्जोएट का सर्वाधिक उपयोग खाघ परिरक्षक के रूप में होता है l
 - अपमार्जक कठोर जल के साथ कैल्शियम एवं मैग्नीशियम के घुलनशील लवण बनाते है l
 - कैनोलो, जेट्रोफा, सैलिफॉर्निया आदि पौधों से हरित डीज़ल प्राप्त किया जाता है l
 - गैसेहॉल में 90 % सीसा रहित पेट्रोल तथा 10 % एल्कोहल का मिश्रण होता है l
 - निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में तेलों के हाइड्रोजनीकरण द्वारा खाघ वनस्पति तेल, वनस्पति घी में बदल दिये जाते है l
 - ग्रेफाइट एक स्नेह (लुब्रिकेंट) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है l
 - यूरेनियम जीवाश्म ईंधन नहीं है l
 - सभी जैव यौगिक का अनिवार्य मूल तत्व कार्बन है l
 - बुलेटप्रूफ पदार्थ बनाने के लिये पोलिऐमाइड नामक बहुलक प्रयुक्त होता है l
 
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