Monday, April 7, 2025

मानव रोग (Diseases): कारण, प्रभाव और बचाव (Human diseases: causes, effects and prevention)

मानव रोग (Diseases): कारण, प्रभाव और बचाव (Human diseases: causes, effects and prevention)

मानव रोग (Diseases): कारण, प्रभाव और बचाव (Human diseases: causes, effects and prevention)


मानव रोग (Diseases): कारण, प्रभाव और बचाव

(Human diseases: causes, effects and prevention)

रोग एक विशेष असामान्य स्थिति है जो किसी जीव के सभी या उसके हिस्से की संरचना या कार्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है और यह किसी बाहरी   चोट के कारण तुरंत नहीं होती है । बीमारियों को अक्सर   चिकित्सा स्थितियों    के रूप में जाना जाता है जो विशिष्ट   संकेतों और लक्षणों    से जुड़ी होती हैं । रोग बाहरी कारकों जैसे   रोगजनकों या आंतरिक शिथिलता के कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, प्रतिरक्षा प्रणाली.  की आंतरिक शिथिलता   विभिन्न प्रकार की विभिन्न बीमारियों का उत्पादन कर सकती है, जिसमें विभिन्न प्रकार की   प्रतिरक्षा विहीनता , अति. संवेदनशीलता , एलर्जी और ऑटो इम्यून विकार   शामिल हैं ।

मनुष्यों में, बीमारी का इस्तेमाल अक्सर किसी भी ऐसी स्थिति को संदर्भित करने के लिए अधिक व्यापक रूप से किया जाता है जो प्रभावित व्यक्ति को   दर्द , शिथिलता , संकट , सामाजिक समस्याएँ   या   मृत्यु  या व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों को इसी तरह की समस्याएँ देती है। इस व्यापक अर्थ में, इसमें कभी-कभी   चोट , विकलांगता , विकार , सिंड्रोम , संक्रमण , अलग-अलग लक्षण, विचलित   व्यवहार और संरचना और कार्य के असामान्य    बदलाव   शामिल होते हैं, जबकि अन्य संदर्भों और अन्य उद्देश्यों के लिए इन्हें अलग-अलग श्रेणियों में माना जा सकता है। बीमारियाँ लोगों को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित कर सकती हैं, क्योंकि बीमारी से पीड़ित होना और उसके साथ रहना प्रभावित व्यक्ति के जीवन के प्रति दृष्टिकोण को बदल सकता है।

बीमारी के कारण होने वाली मृत्यु को   प्राकृतिक कारणों से मृत्यु कहा जाता है । बीमारी के चार मुख्य प्रकार हैं: संक्रामक रोग, कमी से होने वाली बीमारियाँ , वंशानुगत बीमारियाँ (आनुवंशिक और गैर-आनुवंशिक दोनों तरह की वंशानुगत बीमारियाँ   शामिल हैं ), और शारीरिक बीमारियाँ। बीमारियों को अन्य तरीकों से भी वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे   संचारी . बनाम   गैर-संचारी.  रोग। मनुष्यों में सबसे घातक बीमारियाँ   कोरोनरी धमनी रोग (रक्त प्रवाह अवरोध) हैं, इसके बाद   सेरेब्रोवास्कुलर रोग   और   निचले श्वसन संक्रमण हैं ।  विकसित देशों में, जो बीमारियाँ सबसे अधिक बीमारी का कारण बनती हैं, वे न्यूरोसाइकिएट्रिक स्थितियाँ    हैं , जैसे   अवसाद  और   lचिंता ।

रोग के अध्ययन को पैथोलॉजी कहा जाता है, जिसमें   एटियोलॉजी   या कारण   का अध्ययन शामिल होता है ।


❖ रोग :-

  • किसी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक व सामाजिक कारकों का असंतुलन होना।
  • विश्व स्वास्थ्य दिवस → 7 अप्रैल
  • चिकित्सा विज्ञान का जनक → हिप्पोक्रेट्स
  • शल्य चिकित्सा का जनक → शुश्रुत
  • होम्योपेथिक का जनक → हनीमैन

➞ नोट :-
• रोगो का अध्ययन → पेथोलॉजी (Pathology)
• रोगों के कारणों का अध्ययन → इटियोलॉजी(Etiology)
• रोगकारक/रोगजनक (Pathogen) → जिसके कारण रोग होता हैं।
• वाहक/रोगवाहक → जिसके कारण रोग फैलता हैं।

रोग

जन्मजात रोग

वे रोग जो जन्म से ही उत्पन्न होते हैं।
वंशानुगत रोग – पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने वाले रोग
आनुवांशिक रोग – माता-पिता से संतान में आने वाले रोग

उपार्जित/अर्जित रोग

वे रोग जो जन्म के बाद सूक्ष्म जीवों व खान-पान से होते हैं।

❖ जन्मजात रोग

गुणसूत्रीय विकार (गुणसूत्र→ 46±)

सिन्ड्रोम –

  • क्लाइन-फेल्टर सिन्ड्रोम (Kline-Felter syndrome)
  • टर्नर सिन्ड्रोम (Turner syndrome)
  • पटायू सिन्ड्रोम (Patau syndrome)
  • एडवर्ड सिन्ड्रोम (Edwards syndrome)
  • डाऊन सिन्ड्रोम (Down syndrome)
  • जैकब्स सिन्ड्रोम (Jacobs syndrome)

मेण्डेलियन विकार (गुणसूत्र→ 46)

  • वर्णन्धता
  • हीमोफीलिया

❖ उपार्जित/अर्जित रोग :-

➤ संक्रामक रोग :-

वे रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं।
फैलने के माध्यम :-
• वायु द्वारा → टी.बी., खसरा, स्वाइन फ्लू, न्यूमोनिया, बर्ड फ्लू, सर्दी-जुकाम
• दूषित जल/भोजन से → हैजा, टायफाइड, पेचिश, पोलयों, पीलियाँ व हिपेटाइटिस- A व E
• छूने से → चेचक व कुष्ठ
• यौन संबंध से → AIDS (Acquired immunodeficiency syndrome) हिपेटाइटिस-B, गोनेरिया, सिफिलिस

➤ असंक्रामक रोग :-

वे रोग जो किसी भी माध्यम से नहीं फैलते हैं।
उदा.- पोषण विकार (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा व विटामिन)
• तत्व/प्रदूषण जनित रोग
• हॉर्मोन्स की कमी/अधिकता से
• कैंसर
• टिटनस

❖ सूक्ष्म जीवों से होने वाले रोग :-

  • जीवाणु जनित
  • वायरस जनित
  • प्रोटोजोआ जनित
  • कवक/फफूँद जनि
  • कृमि जनित

➤ जीवाणु जनित रोग –

रोगजीवाणु का नामप्रभावित अंगजाँच / टीका / औषधिअन्य नामवाहक/रोग वाहक
टाइफाइडसाल्मोनेला टाइफीछोटी आंतविडाल टेस्ट,
TAB का टीका
मियादी बुखार, आंत्रिय बुखार, मोतीझरा, पानीझराघरेलू मक्खी
टी.बी.माइक्रोबेक्टिरियम ट्यूबर कूलोसिसफेफड़ेंBCG का टीका,
DOTS प्रणाली
तपेदिक, क्षय रोग
हैजाविब्रियों कॉलेरीछोटी आंतORS का घोल,
ACV का टीका
घरेलू मक्खी
प्लेगयारसीनिया पेस्टिज या पाश्चुरेला पेस्टिजफेफड़ेंकाली मौतचूहा (पिस्सु)
कोढ़ / कुष्ठमाइक्रोबेक्टिरियम लैप्रीत्वचा व तंत्रिकाएँMDT प्रणालीहेन्सन रोग
न्यूमोनियास्ट्रेप्टोकोकस या डिप्लोकोकस न्यूमोनीश्वसन तंत्र (फेफड़ें)
डिप्थीरियाकोरिनोबैक्टिरियम डिप्थेरीमुख व गलाDPT का टीकागलघोंटू
पर्ट्यूसिसहीमोफिल्स पर्ट्यूसिसगला व श्वासनलीDPT का टीकाकाली खांसी, कूकर खांसी, हूपिंग कफ, 100 day Cough
टिटनसक्लॉस्ट्रीडियम टिटेनीपीठ व जबड़ें की मांसपेशीDPT का टीका,
ATS का इंजेक्शन,
T. T. का इंजेक्शन
धनुषियाँ, लॉकजॉ

➞ नोट :-
TAB → टायफाइड एंटी बैक्टिरिया
BCG → बैसिलस कॉल्मेट ग्यूरीन
DOTS → Direct Observation Treatment For Short Course
ORS → Oral Rehydration Solution
ACV → Anti Cholera Vaccine
MDT → Multi Drug Therapy
DPT→ डिप्थीरिया पर्ट्यूसिस टिटनस
ATS → एंटी टिटनस सीरम

➤ वायरस / विषाणु जनित रोग :-

रोगवायरस का नामप्रभावित अंगवाहक/रोग वाहकअन्य नामजाँच/टीका/औषधि
एड्सHIV वायरसअस्थिमज्जा की T-लिम्फोसाइट कोशिकाELISA टेस्ट, वेस्टर्न ब्लॉट जाँच,
PCR तकनीकी
डेंगूआरबोफ्लेवी वायरसयकृत व प्लीहामादा एडिज इजिप्टी मच्छरहड्डी तोड़ बुखारटॉर्निक्विट परीक्षण
रेबिजरेब्डो वायरसमस्तिष्क (तंत्रिका तंत्र)कुत्ता, बिल्ली, बंदर, लोमड़ी व सियारहाइड्रोफोबिया, जलभित्ति, जलातंकARV का टीका
चेचकवेरिओला वायरससम्पूर्ण शरीरबड़ी माता, शीतलाचेचक का टीका
छोटी चेचकवेरिसेला वायरससम्पूर्ण शरीरछोटी माता
Chicken Pox
चेचक का टीका
मम्पसपेरामिक्सो वायरसपेरोटिड ग्रंथिगलसुआ, कनफेडMMR का टीका
मीजल्स (खसरा)पेरामिक्सो या मोर्बेली वायरससम्पूर्ण शरीर4th Day FeverMMR का टीका
खसरा का टीका
निपाह एन्सिफेलाइट्सनिपाह वायरसमस्तिष्कचमगादड़ व बंदरदिमागी बुखार
जापानी एन्सिफेलाइट्सफ्लेवी वायरसमस्तिष्कमादा क्यूलैक्स मच्छरदिमागी बुखार
पोलियोपोलियो वायरस (एन्टेरो वायरस)तंत्रिका तंत्रपोलियो का टीका
हिपेटाइटिसहिपेटाइटिस वायरस (हिपेडिना वायरस)यकृतयकृत शोधशैनबेक-B टीका
सर्दी- जुकामराइनो वायरसनाक
SARSSARS-Cov-1श्वसन तंत्रचमगादड़ व बंदरकिलर निमोनिया, साइलेन्ट किलर
COVID-19SARS-Cov-2श्वसन तंत्रचमगादड़मोडर्ना, फाईजर, स्पुतनिक, कोविशिल्ड, कोवेक्सीन,
जायकोव-D
स्वाइन फ्लूH1N1 वायरसश्वसन तंत्रसुअरइन्फ्लुएंजा-A
बर्ड फ्लूएवियन वायरस (H5N1 व H9N2)श्वसन तंत्रमुर्गियाँएवियन फ्लू
पीतज्वरअल्फा वायरसयकृत व वृक्कमादा क्यूलैक्स मच्छरयलो फीवरपीतज्वर का टीका

➞ नोट :-

टीकाआविष्कार
पोलियो का टीकासाल्क व साबिन
रेबिज का टीकालूई पाश्चर
खसरे का टीकामोरिस हिलमेन
चेचक का टीकाएडवर्ड जेनर
पीतज्वर का टीकामेक्स थीलर

➤ प्रोटोजोआ जनित रोग :-

रोगरोग कारकप्रभावित अंगवाहक/रोग वाहकअन्य नामजाँच/औषधि/टीका
अमीबीय दस्तएन्ट अमीबा हिस्टोलाइटिकाबड़ी आंतअमीबायोसिस, पेचिश, अतिसार
निंद्रा रोगट्रिपनोसोमा गेम्बिएंसमस्तिष्कसी-सी मक्खीसोने की बीमारी, अफ्रिकन स्लिपिंग सिकनेस
मलेरियाप्लाज्मोडियम– RBC
– यकृत व प्लीहा
मादा एनाफिलीज मच्छरशीतज्वर– RAPID Test
– कूनैन औषधि
काला जारलिश्मानिया डोनोवानीयकृत व प्लीहाबालू मक्खीदमदम बुखार
पायरियाएन्टअमीबा जीन्जीवेलिसदांत

➞ नोट :-
 मलेरिया की खोज → सर रोनाल्ड रॉस
• मलेरिया (प्लाज्मोडियम) की सबसे खतरनाक/घातक प्रजाति → प्लाज्मोडियम पेल्सीफेरम
• मलेरिया दिवस → 25 अप्रैल
• मलेरिया उन्मूलन हेतु –
• रासायनिक उपाय → DDT का छिड़काव
• जैविक उपाय→गेम्बुसिया मछली 
• DDT → डाई क्लोरो डाई फेनाइल ट्राई क्लोरो इथेन

➤ कृमि जनित रोग :-

  1. टीनिएसिस –
    • रोगकारक → टीनिया सोलियम कृमि
    • यह रोग सुअर का कच्चा एवं अधपक्का मांस खाने से होता हैं।
  2. नारू रोग –
    • रोगकारक → ड्रेकन कूलस कृमि
    • प्रभावित अंग → त्वचा
  3. फाइलेरिया –
    • रोगकारक → वाउचेरेरिया बेन्क्रोफ्टाई
    • प्रभावित अंग → लसिका तंत्र
    • रोगवाहक → मादा क्यूलैक्स मच्छर
    अन्य नाम –
    • हाथी पांव
    • फील पांव
    • एलिफेन्टिएसिस
    • श्लीपद
    • उपचार हेतु → शल्य क्रिया
  4. एन्टीरोबिएसिस/चुना रोग –
    • रोगकारक → एन्टीरोबिया कृमि
    • इस रोग में मीठा खाने पर गुदा द्वार पर खुजली चलती हैं।

➤ कवक/फफूँद जनित रोग:-

♦ Trick :-
• गंगू एथलीट खाएँ दाल दमादम
• गंगू → गंजापन
• एथलीट → एथलीट फूट/मदूरै फूट
• खाएँ → खाज/खुजली
• दाल → दाद/रिंगवर्म
• दमादम → दमा/अस्थमा

❖ आनुवांशिक रोग :-

  1. वर्णान्धता –
    • अन्य नाम → डाल्टोनिज्म
    • कारण → X – गुणसूत्र पर अप्रभावी जीन
     वाहक → मादा
    • इसमें रोगी, रंगो में विभेद नहीं कर पाता है
    • प्राथमिक रंग → लाल, नीला व हरा
    • सर्वाधिक प्रभावित रंग → लाल व हरा
  2. हीमोफीलिया –
    • अन्य नाम → ब्लीडर्स/शाही रोग
    • कारण → X – गुणसूत्र पर अप्रभावी जीन
    • वाहक → मादा
    • इसमें रोगी के चोट लगने पर रक्त का थक्का नहीं बनता हैं।
  3. क्लाईन-फेल्टर सिन्ड्रोम –
    • गुणसूत्र → 44 + XXY = 47
    • X – गुणसूत्र की ट्राईसोमी (पुनरावर्ती)
  4. टर्नर सिन्ड्रोम –
    • गुणसूत्र → 44 + XO = 45
    • X – गुणसूत्र की मोनोसोमी
  5. पटायू सिन्ड्रोम –
    → गुणसूत्र –
    • नर → 45 + XY = 47
    • मादा → 45 + XX = 47
    → 13वीं जोड़ी के गुणसूत्र की ट्राईसोमी
  6. एडवर्ड सिन्ड्रोम –
    → गुणसूत्र –
    • नर →45 + XY = 47
    • मादा → 45 + XX = 47
    → 18वीं जोड़ी के गुणसूत्र की ट्राईसोमी
  7. डाऊन सिन्ड्रोम/मंगोलिज्म/मंगोलमूर्खता –
    → गुणसूत्र –
    • नर → 45 + XY = 47
    • मादा → 45 + XX = 47
    → 21वीं जोड़ी के गुणसूत्र की ट्राईसोमी
  8. जैकब्स सिन्ड्रोम –
    • नर → 44 + XYY
    • मादा → 44 + XXX
    • इस सिन्ड्रोम वाले रोगी अपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं।
    • इस रोग को सुपर मेल व सुपर फीमेल भी कहते हैं।

❖ तत्त्व/प्रदूषण जनित रोग :-

• पारा की अधिकता → मिनीमाटा रोग
 कैडमियम की अधिकता → इटाई-इटाई रोग (आउच-आउच रोग)
• आर्सेनिक की अधिकता → ब्लैक फूट रोग
• पेयजल में नाइट्रेट की अधिकता → ब्लू बेबी सिन्ड्रोम


 आयरन –
• कमी → एनिमिया
• अधिकता → सिडेरोसिस
• फ्लोराइड 
• कमी → दंत क्षरण
• अधिकता → फ्लोरोसिस (दाँतो का पीलापन)
• सिलिका की अधिकता → सिलिकोसिस

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