Saturday, January 18, 2025

भारत का भूगोल (Geography of India)






      भारत का भूगोल (Geography of India)

                                  By:-- Nurool Ain Ahmad
     

                    दोस्तो आज की हमारी इस पोस्ट में हम आपको भारत का भूगोल (Indian Geography) से संबंधित Most Important Question and Answer बताने जा रहे हैं जो कि हर तरह के Competitive Exams के लिये बेहद Importent हैं!!!!!

   
  • उत्तर पूर्वी राज्यों की ‘ सात  बहनों’  का भाग नहीं है –  पश्चिम बंगाल
  • वर्ष 1953 में,  जब आंध्र प्रदेश एक अलग राज्य बना,  तब उसकी राजधानी थी –  कुरनूल
  • सबसे अधिक जिले हैं –  उत्तर प्रदेश में
  • 4 दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश,  कर्नाटक,  केरल और तमिलनाडु में से सबसे अधिक भारतीय राज्यों के साथ सीमावर्ती है –  आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में से प्रत्येक
  • तेलंगाना राज्य की सीमा बनाता है –  आंध्र प्रदेश,  कर्नाटक,  महाराष्ट्र,  छत्तीसगढ़
  • मणिपुर की राजधानी है –  इम्‍फाल
  • गुजरात की राजधानी है – गांधीनगर
  • राजस्थान की राजधानी है –  जयपुर
  • अरुणाचल प्रदेश की राजधानी है –  ईटानगर
  • भारत के 29वें राज्य तेलंगाना की राजधानी है –  हैदराबाद
  • मिजोरम की राजधानी है –  आइजोल
  • चंडीगढ़,  भुवनेश्वर,  बेंगलुरु एवं गांधीनगर में से सुनियोजित राजधानी नगर नहीं है –  बेंगलुरु
  • भारत में केंद्र शासित राज्यों की संख्या है –  7
  • भारत का सबसे बड़ा संघ राज्य है –  दिल्ली
  • भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित क्षेत्र है –  लक्षद्वीप
  • पांडिचेरी का क्षेत्र / पाया जाता है – तमिलनाडु,  केरल एवं आंध्र प्रदेश राज्य में
  • त्रिपुरा,  दमन एवं दीव,  लक्षद्वीप एवं पुडुचेरी  में से केंद्र शासित क्षेत्र नहीं है – त्रिपुरा
  • दमन और दीव के बारे में सत्य कथन है – दमन और दीव के बीच खंभात की खाड़ी है।  इसकी राजधानी दमन है।
  • सिलवासा राजधानी है – दादरा एवं नगर हवेली की
  • भारत के केंद्र शासित प्रदेश है – दिल्ली,  चंडीगढ़,  लक्षद्वीप,  दादरा एवं नगर हवेली,  पुडुचेरी,  अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह  तथा दमन  दीव।
  • ” यह पीले वर्ण के, तिर्यक नेत्र,  उठी हुई कपोल अस्थि,  छुटपुट केश और मध्यम ऊंचाई वाले व्यक्ति होते हैं।”  इसका संदर्भ है –  मंगोलायड जनों से
  • उत्तर पूर्वी भारत के पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्रों में प्रजातीय समूह पाया जाता है –  मंडोलायड
  • प्रोटो-ऑस्‍ट्रेलॉयड प्रजाति से संबंधित भारतीय जनजाति है – संथाल
  • राज्य जिसमे जनजातीय समुदाय की पहचान नहीं की गई है,  वह है –  हरियाणा
  • वह जनजाति दिवाली को  शोक का त्यौहार मानती है –  थारु
  • थारू लोगों का निवास है –  उत्तर प्रदेश में
  • संथाल निवासी हैं –  पूर्व भारत के
  • ऋतु प्रवास क्रिया करते हैं –  भूटिया
  • बोडो निवासी (Inhabitants)  है – गारो पहाड़ी के
  • गारो जनजाति है –  मेघालय,  असम एवं मिजोरम की
  • ‘ खासी’ एवं ‘ गारो’ भाषा बोलने वाली जनसंख्या पाई जाती है –  मेघालयअसम एवं मिजोरम राज्यों में
  • चेंचू, लेप्‍चा, डफला एवं डाफर जनजातियों में से केरल में पाई जाने वाली जानजाति है – चेंचू
  • भारत की सबसे बड़ी जनजाति है – भील जनजाति
  • टोडा एक जनजाति है जो निवास करती है –  नीलगिरी की पहाड़ियों पर
  • एक जनजाति,  जो सरहुल त्यौहार मनाती है –  मुंडा
  • उत्तराखंड की सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति है – जौनसारी
  • मिजोरम में बस्‍ती संरूप मुख्यतः  कटकों  के साथ साथ ‘रैखिक-प्रतिरूप’ का है क्योंकि – घाटियां कटकों की अपेक्षा ठंडी है।
  • भील जनजाति पाई जाती है – महाराष्ट्र,  गुजरात,  राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में
  • बहुपतित्व की प्रथा मनाई जाती है – जौनसारी,  टोडा,  खस,  कोटा,  बोटा,  तिवान,  इरावा एवं नायर जनजातियों में
  • सहरिया जनजाति के लोग, जो हाल में चर्चा में थे,  निवासी हैं  –  राजस्थान के
  • भारत में जनजातियों के निर्धारण का आधार है – सांस्कृतिक विशेषीकरण और विभिन्न आवास
  • भारत के चाग्‍पा समुदाय के संदर्भ में सही कथन है – वे अच्छे किस्म का ऊन देने वाली पश्मीना बकरी बकरियों को पालते हैं। उन्हें अनुसूचित जनजातियों की श्रेणी में रखा जाता है।
  • ‘लोहासुर’ को अपने देवता मानती है – अगरिया जनजाति
  • शोंपेन जनजाति पाई जाती है –  निकोबार द्वीप समूह में
  • केंद्र शासित प्रदेशों में से औंज जनजाति के लोग रहते हैं – अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में
  • जारवा जनजाति के लोग,  जो  हाल में चर्चा में रहे,  निवासी हैं –  अंडमान निकोबार के
  • भारत के सर्वाधिक आद्य जनजाति है –  जारवा
  • मंगानियार  के नाम से जाना जाने वाले लोगों का समुदाय –  पश्चिमोत्तर भारत में अपनी संगीत परंपरा के लिए विख्यात है।
  • झूमिंग करते हैं –  खासी जनजाति के लोग 
  • भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली भाषाओं में बोलने वालों की सर्वाधिक संख्या के आधार पर हिंदी के बाद नंबर आता है – बांग्ला भाषा का
  • आस्ट्रिक समूह की भाषा है – खासी
  • भारत का सबसे बड़ा भाषाई समूह है –  इंडो आर्यन
  • गंगा नदी उदाहरण है – पूर्ववर्ती अपवाह का
  • बांग्लादेश में गंगा नदी को पुकारा जाता है – पद्मा
  • सुंदरबन डेल्टा का निर्माण करने वाली नदियां है – गंगा और ब्रह्मपुत्र
  • गंगा की जलोढ़ मृदा की गहराई भूमि सतह के नीचे लगभग –  6000 मीटर तक होती है। 
  • सत्य कथन है – देवप्रयागअलकनंदा एवं भागीरथी नदी के संगम पर स्थित है।  रुद्रप्रयागअलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी के संगम पर अवस्थित है।  अलकनंदा नदी पति नाथ से बहती है।
  • अलकनंदा तथा भागीरथी का संगम होता है – देवप्रयाग में
  • मंदाकिनी नदी जल प्रवाह अथवा मुख्य नदी संबंधित है – अलकनंदा से
  • केदारनाथ से रुद्रप्रयाग के मध्य बहती है –  मंदाकिनी नदी
  • वह नदी का तट   जिस पर बद्रीनाथ का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है –  अलकनंदा
  • भारत की सबसे बड़ी वाह नदी है –  गंगा
  • भागीरथी नदी निकलती है –  गोमुख से
  • गंगा नदी की एकमात्र सहायक नदी जिसका उद्गम मैदान में से है –  गोमती
  • बेतवा,  चंबल,   केन तथा रामगंगा नदियों में से यमुना की सहायक नदी नहीं है – राम गंगा
  • यमुना नदी का उद्गम स्थान है –  बंदरपूंछ चोटी
  • बेतवा नदी मिलती है – यमुना से
  • गंगा कि वह सहायक नदी जो उत्तरवाहिनी है –  सोन
  • गंगा नदी में बाएं से नहीं मिलती है –  सोन नदी
  • यमुना और सोन के मध्य जलद्विभाजक का कार्य करने वाली श्रेणी है –  कैमूर श्रेणी
  • तिब्बत में उत्पत्ति पाने वाली ब्रह्मपुत्र,  इरावती और मेकांग नदियां अपने ऊपरी पौधों में संकरण और समांतर पर्वत श्रेणियों से होकर प्रवाहित होती है।  इन नदियों में ब्रम्हपुत्र भारत में प्रविष्ट होने से ठीक पहले अपने प्रवाह में यू टर्न लेती है। यह यू टर्न बनता है –  भूवैज्ञानिक कि तरुण हिमालय के अक्षसंघीय नमन के कारण
  • भारत में ‘यरलूंग जंगबो नदी’ को जाना जाता है –  ब्रम्हपुत्र नाम से
  • तिब्बत में मानसरोवर झील के पास जिस नदी का स्रोत है वह है –  ब्रम्हपुत्र,  सतलज,  सिंधु
  • अरुणाचल प्रदेश से होकर बहने वाली नदियां है –  रोहित और सुबनसिरि 
  • मानस नदी सहायक नदी है – ब्रम्हपुत्र की
  • ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में जानी जाती है – सांग्पो नाम से
  • ब्रह्मपुत्र नदी का बहाव क्षेत्र है – तिब्बत,  बांग्लादेश,  भारत
  • ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है/ नदियां है – दिबांगकमेंगलोहित
  • वह नदियां जिनका स्रोत बिंदु लगभग एक ही है –  ब्रम्हपुत्र और सिंधु
  • नर्मदा नदी पश्चिम की ओर बहती है, जबकि अधिकांश अन्य प्रायद्वीपीय बड़ी नदियां पूर्व की ओर बहती है,  क्योंकि –  यह एक रेखीय विभ्रंश (रिफ्टघाटी में विस्तृत है।
  • नर्मदा घाटी चीन पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है वह है –  विंध्य और सतपुड़ा
  • भारत की पश्चिम की ओर बहने वाली नदियां जो डेल्टा का निर्माण नहीं करती है – नर्मदा ताप्ती पेरियार
  • कृष्णा, गोदावरी,  ताप्‍ती एवं कावेरी नदियों में से वह नदी जो डेल्टा का निर्माण नहीं करती है –  नर्मदा,  ताप्ती,  पेरियार
  • अमरकंटक से उद्गम होता है –  नर्मदा नदी का
  • नर्मदा घाटी उदाहरण है –  भ्रंश  घाटी का
  • रिफ्ट घाटी का भ्रंश द्रोणी  से होकर बहने वाली नदी है –  नर्मदा
  • पश्चिम वाहिनी नदियों में दो पर्वत श्रेणियों के बीच बहने वाली नदी है –  नर्मदा
  • तवा सहायक नदी है –  नर्मदा की
  • गोदावरी,  ताप्ती,  कृष्णा एवं महानदी में से अरब सागर में गिरने वाली नदी है –  ताप्ती
  • वह नदी जो तीन बार दो धाराओं में विभक्त हो जाती है और कुछ  मील आगे जाकर  पुनः मिल जाती है और इस प्रकार श्रीरंगपट्टनम,  शिवसमुद्रम और श्रीरंगम के द्वीपों का निर्माण करती है –  कावेरी
  • कावेरी नदी का उद्गम है – ब्रह्मगिरी पहाड़ियों में
  • कावेरी नदी किन राज्यों से होकर गुजरती है,  वह है –  कर्नाटक,  केरल,  तमिलनाडु
  • दक्षिण की गंगा कहा जाता है –  कावेरी को
  • कृष्णा नदी जल विवाद है – आंध्र प्रदेश,  कर्नाटक और महाराष्ट्र के मध्य
  • वह नदी जिन को जोड़ने का कार्य किया गया –  गोदावरी और कृष्णा
  • गोदावरी,  कावेरी,  ताप्ती  एवं महानदी में से वह नदी जो एश्‍चुअरी बनाती है –  ताप्ती
  • गोदावरी,   महानदी,  नर्मदा व ताप्ती नदियों की लंबाई के अवरोही क्रम में सही अनुक्रम है –  गोदावरी– नर्मदा– महानदी– ताप्‍ती
  • प्रायद्वीपीय भारत में पूर्व दिशा में बहने वाली नदियों का उत्तर दक्षिण का सही क्रम है – सुवर्णरेखा,  महानदी,  गोदावरी,  कृष्णा,  पेन्‍नार,  कावेरी और वेंगई
  • दक्षिण भारत की नदियों का प्रमुख अपवाह तंत्र है – वृक्षनुमा
  • सोन, नर्मदा तथा महा नदी निकलती है – अमरकंटक से
  • वह नदी जो एस्चुअरी नहीं बनाती है, वह है – महानदी
  • ओडिशा में अपना डेल्टा बनाती है – महानदी
  • वह नदियां जिनके घाटों में जल का अभाव है – साबरमती तथा ताप्ती के घाटों में
  • वह स्थान जहां से भारत की दो महत्वपूर्ण नदियों का उद्गम होता है, जिनमें एक उत्तर की तरफ प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी की तरफ प्रवाहित होने वाली दूसरी महत्वपूर्ण नदी में मिलती है और  दूसरी अरब सागर की तरफ प्रवाहित होती है – अमरकंटक
  • मध्य प्रदेश के पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित होने वाली नदियां है – नर्मदा, ताप्ती और माही
  • नर्मदा, महानदी,  गोदावरी एवं कृष्णा नदियों में से सर्वाधिक बड़ा जल ग्रहण क्षेत्र है –  गोदावरी नदी का
  • प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है – गोदावरी
  • वशधारा, इंद्रावती,  प्रणहिता  एवं  पेन्नार नदियों में से गोदावरी की सहायक नदियां हैं –  इंद्रावती और प्रणहिता
  • हिमालय की सभी श्रेणियों को काटने वाली नदी – सतलज नदी
  • दूध गंगा नदी अवस्थित है – जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड तथा महाराष्ट्र में
  • बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां हैं – गंगा, ब्रम्हपुत्र, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी, पेन्नार, स्वर्णरेखा तथा ब्राह्मणी
  • कृष्णा नदी की सहायक नदी है – कोयना, यरला, डीना, वर्णा, घाटप्रभा आदि
  • हंगरी सहायक नदी है – तुंगभद्रा की
  • सोन नदी का वास्तविक स्रोत है – शहडोल जिले में अमरकंटक से
  • दामोदर नदी से निकाली गई नहर है – एडन नहर
  • दामोदर सहायक नदी है – हुगली की
  • दामोदर नदी निकलती है – छोटा नागपुर के पठार से
  • पूर्व की ओर बहने वाली भारत की नदी जिसमें निम्नावलन (Down warping) के कारण विभ्रंश घाटी (Rift valley) है – दामोदर
  • भारत की सर्वाधिक प्रदूषित नदी है – दोनों
  • भारत में भूमि पर मृत नदी है – लूनी नदी
  • लूनी नदी के संदर्भ में, सही कथन है – यह कच्छ की रन की दलदली भूमि में लुप्त हो जाती है।
  • माही, घग्‍घर, नर्मदा और कृष्णा नदियों में से अंत: अंतः स्थलीय नदी  का उदाहरण है –  घग्‍घर
  • सबसे अधिक नदी पथ परिवर्तन (Maximum Shifting of Course) करने वाली नदी है – कोसी नदी
  • खारी नदी अपवाह तंत्र का अंग है, वह है – बंगाल की खाड़ी
  • वह नदी जिसका स्रोत हिमनदों में नहीं है – कोसी नदी
  • त्रिवेणी नहर में पानी आता है – गंडक नदी से
  • बिहार की वह नदी जिसने वर्ष 2008 में अपना मार्ग परिवर्तित किया एवं आपदा की स्थिति उत्पन्न की थी – कोसी नदी
  • संथाल परगना में लगने वाला दुमका का हिजला मेला आयोजित किया जाता है – मयूराक्षी नदी पर
  • 2 राज्यों में पहली बार दो नदियों को जोड़ने की परियोजना के संबंध में समझौते के स्मृति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए है। राज्य और नदियों के नाम है – उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश : केन एवं बेतवा
  • उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्य में संयुक्त ‘राजघाट नदी घाटी परियोजना’ लागू की गई है, वह स्थित है – बेतवा नदी पर
  • भारत में विश्व का सबसे ऊंचा पुल बनाया जा रहा है – चिनाब नदी पर
  • महात्मा गांधी सेतु स्थित है – बिहार में
  • वह नदी जिसका उद्गम स्थल भारत में नहीं है – सतलज
  • कपिली किसकी सहायक नदी है,  वह है – ब्रह्मा (ब्रम्हपुत्र)
  • अध्यारोपित नदी का उदाहरण है – चंबल
  • संकोश नदी सीमा बनाती है – असम एवं पश्चिम बंगाल के बीच
  • वह नदी जो मध्य प्रदेश से निकलती है और खंभात की खाड़ी में गिरती है – माही नदी
  • किशनगंगा एक सहायक नदी है – झेलम नदी की
  • मुंबई की मीठी नदी झील से निकलती है,  वह है – विहार झील
  • गंगा नदी के किनारे सबसे बड़ा शहर है – कानपुर
  • भागीरथी नदी के किनारे स्थित शहर है – उत्तर काशी
  • लेह अवस्थित है – सिंधु नदी के दाएं तट पर
  • लुधियाना अवस्थित है – सतलज नदी के तट पर
  • हैदराबाद अवस्थित है – मूसी नदी के तट पर
  • भुनेश्वर अवस्थित है – महानदी के तट पर
  • हुंडू प्रपात निर्मित है – सुवर्णरेखा (स्वर्णरेखा) नदी पर
  • सुमेलित कीजिए – कपिलधारा प्रपात – नर्मदा नदी, जोग प्रताप – शरावती नदी, शिवसमुद्रम प्रपात – कावेरी नदी पर अवस्थित है।
  • भारत का सबसे बड़ा जलप्रपात, जोग प्रताप स्थित है – शरावती नदी पर
  • भारत का वह जलप्रपात जिसे  लोकप्रिय रूप से नियाग्रा जलप्रपात के तौर पर जाना जाता है – चित्रकूट प्रपात
  • भारत के गोवा में स्थित जलप्रपात है – दूधसागर प्रपात
  • भेड़ाघाट पर स्थित जलप्रपात है – धुआंधार जलप्रपात
  • विश्व जल प्रपात डेटाबेस की वर्तमान स्थिति के अनुसार, भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात है – नोहकालिकई (मेघालय)
  • बेम्‍बनाद झील है – केरल में
  • पेरियार झील 55 किलोमीटर क्षेत्र में फैली है, जो है – कृत्रिम झील
  • चिल्का झील जहां स्थित है, वह है – उत्तरी सरकार तट पर
  • चिल्का झील स्थित है – ओडिशा में
  • लोकटक झील अवस्थित है – मणिपुर राज्य में
  • दो भारतीय राज्यों की साझेदारी वाली झील – पुलीकट
  • फुल्‍हर झील स्थित है – उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में
  • असम में अवस्थित झील है – चपनाला
  • ‘रहस्यमई झील’ कहा जाता है – रूपकुंड झील को
  • जम्मू एवं कश्मीर में अवस्थित झील है – अंचार झील (श्रीनगर)
  • बर्फ से ढकी झील घेपन स्थित है – हिमाचल प्रदेश में
  • ‘मानसून’ शब्द की व्युत्पत्ति हुई है – अरबी भाषा से
  • भारत का वह राज्य जहां मानसून का आगमन सबसे पहले होता है – केरल
  • भारत में ग्रीष्मकालीन मानसून के प्रवाह की सामान्य दिशा है – दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व
  • भारतीय उपमहाद्वीप पर ग्रीष्म ऋतु में उच्च ताप और निम्न दाब, हिंद महासागर से वायु का कर्षण (Draw) करते हैं,  जिसके कारण प्रवाहित होती है – दक्षिण-पश्चिमी मानसून
  • भारत का सबसे सुखा स्थान है – लेह
  • भारत को उष्ण कटिबंध और उपोष्ण कटिबंध में विभाजन करने के आधार के रूप में मानी गई जनवरी का समताप रेखा है – 18 डिग्री सेल्सियस
  • भारत में सर्वाधिक दैनिक तापांतर पाया जाता है – राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में
  • तमिलनाडु में मानसून के सामान्य महीने हैं – नवंबर दिसंबर
  • भारतीय मानसून मौसम विस्थापन से इंगित है, जिसका कारण है – स्थल तथा समुद्र का विभेदी तापन
  • सत्य कथन है – दक्षिणी भारत से उतरी भारत की ओर मानसून की अवधि घटती है। उत्तरी भारत के मैदानों में वार्षिक वृद्धि की मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर घटती है।
  • अमृतसर एवं शिमला लगभग एक ही अक्षांश पर स्थित है, परंतु उनकी जलवायु में भिन्नता का कारण है – उनकी ऊंचाई में भिन्नता
  • मानसून का निवर्तन इंगित होता है – साफ आकाश से, बंगाल की खाड़ी में अधिक दाब परिस्थिति से, स्थल पर तापमान के बढ़ने से
  • सही कथन है – पूरे वर्ष 300N और 600S अक्षांशों के बीच बहने वाली हवाएं पछुआ हवाएं (वेस्‍टरलीज) कहलाती हैं, भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में शीतकालीन वर्षा लाने वाली आर्द्र वायु संहतियां (मॉइस्‍ट एयर मासेज) पछुआ हवाओं के भाग हैं।
  • भारत के सर्वाधिक वर्षा मुख्यतः प्राप्त होती है – दक्षिण पश्चिम मानसून से
  • उत्तरी पूर्वी मानसून से सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाला राज्य है – तमिलनाडु
  • अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, केरल एवं जम्मू-कश्मीर राज्यों में से अधिकतम औसत वार्षिक वर्षा होती है – सिक्किम में
  • भारतीय नगरों पटना, कोच्चि, कोलकाता एवं दिल्ली में सामान्य वर्षा का सही अवरोही क्रम है – कोच्चि, कोलकाता, पटना, दिल्ली
  • आम्र वर्षा (Mango Shower) संबंधित है – आम की फसल से
  • भारत में सबसे कम वर्षा वाला स्थान है – लेह
  • दक्षिण पश्चिम मानसून काल में कोलकाता, मंगलोर, चेन्नई एवं दिल्ली में सबसे कम वर्षा होती है – चेन्नई में
  • चेरापूंजी अवस्थित है – मेघालय राज्य में
  • भारत वर्ष में सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र है – पश्चिमी घाट, हिमालय क्षेत्र तथा मेघालय
  • भारत में वर्षा का आदित्य होते हुए भी देश प्यासी धरती समझा जाता है। इसका कारण है – वर्षा के पानी का तेजी से बह जाना, वर्षा के पानी का शीघ्रता से भाप बनकर उड़ जाना, वर्षा का कुछ थोड़े ही महीनों में जोर होना।
  • वह जल प्रबंधन युक्ति, जो भारत में लागत का अधिकतम लाभ देने वाली है – वर्षा के जल का संचयन
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की परिभाषा के अनुसार, वर्षा का दिन वह होता है, जब किसी विशेष स्थान पर इस वर्षा की मात्रा होती है – 24 घंटे में5 मिली मीटर से ऊपर
  • गंगा के मैदान में यदि कोई पश्चिम और उत्तर पश्चिम को चले, तो मानसूनी वर्षा करती हुई मिलेगी – क्योंकि गंगा के मैदान में कोई ज्यों-ज्यों ऊपर को बढ़ता जाएगा, आद्रता धारी मानसून पवन और ऊंची जाती मिलेगी।
  • भारत के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में जल बाल विकास का प्रमाणक चिन्ह है – मौसमी नदियों के जल का तटबंधीकरण करके जलाशयों के तंत्र की स्थापना
  • भारत में मरुस्थली विकास योजना अब क्रियान्वित है – 40 जिलों में (7 राज्यों में)
  • भारत के उत्तरी मैदानों में शीत ऋतु में वर्षा होती है – प.विक्षोभों से
  • भारत में शरद कालीन वर्षा का क्षेत्र है – पंजाब, तमिलनाडु
  • तमिलनाडु में शरद कालीन वर्षा अधिकांशत: जिन कारणों से होती है, वह हैं – उत्तरी पूर्वी मानसून
  • वह राज्य जिसमें जाड़े के मौसम में बारिश मिलती है वह है – तमिलनाडु
  • भारत में शीतकाल में वर्षा होती है – उत्तर पश्चिम में
  • वर्ष 2004 की सुनामी द्वारा भारत के तत्वों में से सर्वाधिक दुष्प्रभावित हुआ था – कोरोमंडल तट
  • ‘हुदहुद चक्रवात’ से भारत का जो तटीय क्षेत्र प्रभावित हुआ था,  वह  था – आंध्र प्रदेश तट
  • भारत के बारे में सही कथन है – यह स्थलमंडल के कुल क्षेत्रफल का लगभगप्रतिशत भाग अधिकृत किए हुए हैं।  820 30′ पूर्वी देशांतर का उपयोग भारतीय मानक समय चक्र को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
  • भारतवर्ष आकार (क्षेत्रफल) में विश्व का – सातवां सबसे बड़ा देश है।
  • भारत का क्षेत्रफल संसार के क्षेत्रफल का 2 पॉइंट 4% है, परंतु इसकी जनसंख्या है – 17.5% (जनगणना, 2011 के अनुसार)
  • भारतवर्ष में गांव की संख्या है – लगभग 6 लाख 40 हजार 9  सौ 30 (जनगणना, 2011 के अनुसार)
  • भारत विस्तृत है – 804′ उत्तर से 3706′ उत्तरी अक्षांशों तथा 6807′ पूर्व से 97025′ पूर्वी देशांतरों के मध्य।
  • भारत के लगभग बीचो बीच से होकर गुजरती है – कर्क रेखा
  • कर्क रेखा किन राज्यों से होकर गुजरती है – गुजरात,   राजस्थान,  मध्य प्रदेश,  झारखंड,  छत्तीसगढ़,  पश्चिम बंगाल,  त्रिपुरा,  मिजोरम
  • भारत में कर्क रेखा गुजरती है – 8  राज्यों से
  • अगरतला, गांधीनगर,   जबलपुर एवं उज्जैन में से कर्क रेखा से निकटतम दूरी पर स्थित नगर है – गांधीनगर
  • दिल्ली,  कोलकाता,  जोधपुर तथा नागपुर शहरों में से कर्क रेखा के निकट है –  कोलकाता 
  • भारत को दो लगभग बराबर भागों में विभाजित करने वाला अक्षांश है – 23030′  उत्तरी अक्षांश ( कर्क रेखा)
  • झारखंड,  मणिपुर,  मिजोरम तथा   त्रिपुरा  राज्यों में से कर्क रेखा के उत्तर में स्थित भारतीय राज्य है –  मणिपुर
  • हैदराबाद,  चेन्नई,  भोपाल तथा दिल्ली शहरों में से जून माह में दिन की अवधि अधिकतम होगी –  दिल्ली में
  • गुजरात के सबसे पश्चिमी गांव और अरुणाचल प्रदेश के सबसे पूर्वी छोर पर स्थित वाला उनके समय में कितने घंटे का अंतराल होगा – 2 घंटे का
  • आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़,  महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश राज्य में से भारतीय मानक समय की याम्योत्तर नहीं गुजरती है  –  महाराष्ट्र से
  • भारतीय मानक समय की देशांतर रेखा (820 30′) गुजरती है –  इलाहाबाद से
  • भारत की प्रामाणिक मध्यान्‍ह रेखा कहलाती है – 820 30′ पूर्वी देशांतर
  • भारतीय मानक समय (IST) एवं ग्रीनविच माध्य समय (GMT) मैं अंतर पाया जाता है – ±5.30 घंटे का
  • यदि अरुणाचल प्रदेश में तिरप (Tirap) मैं सूर्योदय00 बजे प्रातः (IST) होता है,  तो गुजरात में कांडला में सूर्योदय होगा –  लगभग 7.00  बजे प्रातः
  • भारत का सुदूर दक्षिणी बिंदु (Southernmost Point) है –  इंदिरा पॉइंट पर
  • भारत का दक्षिणतम बिंदु स्थित है – बड़ा निकोबार ( ग्रेट निकोबार)  में
  • भरत के राज्यों में सबसे पूर्वी और सबसे पश्चिमी राज्य को इंगित करता है –  क्रमशः अरुणाचल प्रदेश और गुजरात
  • भारत का सुदूर पश्चिम का बिंदु है – 680 7′  पूर्व ( गौर मोता)  गुजरात में
  • मेघालय, त्रिपुरा,  मणिपुर तथा मिजोरम राज्यों में से  वह राज्य देश की सीमा बांग्लादेश से नहीं मिलती है –   मणिपुर
  • बांग्लादेश की सीमा से लगे भारत के राज्य हैं – मेघालय,  असम,  पश्चिम बंगाल,  त्रिपुरा एवं मिजोरम
  • सिक्किम, मेघालय,  अरुणाचल प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल राज्य में से भूटान के साथ सीमा नहीं मिलती है –  मेघालय की
  • वह भारतीय राज्य जिसकी अधिकतम सीमा म्यांमार से स्पर्श करती है –  अरुणाचल प्रदेश
  • म्यांमार से घनिष्ठ की सीमा नहीं है – असम की
  • पाकिस्तान से सीमा बनाने वाले भारतीय राज्य हैं –  पंजाब,  जम्मू एवं कश्मीर,  राजस्थान तथा गुजरात
  • नेपाल के पड़ोसी भारतीय राज्य हैं –  उत्तराखंड,  उत्तर प्रदेश,  बिहार,  पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम
  • भारत के साथ सबसे लंबी स्थलीय सीमा है –  बांग्लादेश की
  • असम,  नागालैंड,   मेघालय  एवं मिजोरम  राज्यों में से बांग्लादेश से अपनी सीमा नहीं बनाने वाला भारतीय राज्य है –  नागालैंड
  • भारत तथा पाकिस्तान के बीच सीमा निर्धारित की गई थी –  रेडक्लिफ रेखा द्वारा
  • डूरंड लाइन भारत की सीमा निर्धारित करती है –  अफगानिस्तान से
  • भारत तथा पाकिस्तान के मध्य सीमा रेखा एक उदाहरण है –  परवर्ती सीमा का
  • भारत और चीन की उत्तर-पूर्व सीमा का सीमांकन करने वाली रेखा है –  मैक मोहन रेखा
  • भारत-श्रीलंका से अलग होता है –  पाक जलडमरूमध्य द्वारा
  • नेपाल,  भूटान एवं चीन की सीमा से मिलने वाला भारतीय राज्य है –  सिक्किम
  • तीन तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं ( बांग्लादेश) से घिरा भारतीय राज्य है – त्रिपुरा
  • भारत से उपबंध पुराचुंबकीय परिणामों से संकेत मिलते हैं कि भूतकाल में भारतीय स्थल पिंड सरका है – उत्तर की ओर
  • भारतीय उपमहाद्वीप मूलतः एक विशाल भूखंड का भाग  था,  जिसे कहते हैं –  गोंडवाना लैंड
  • भारत विभाजित है – 4  प्राकृतिक प्रदेशों में
  • उत्तराखंड में पाताल तोड़ कुए पाए जाते हैं –  तराई क्षेत्र में
  • यदि हिमालय पर्वत श्रेणियां नहीं होती,  तो भारत पर सर्वाधिक संभव भौगोलिक प्रभाव है –  देश के अधिकांश भाग में साइबेरिया से आने वाली शीत लहरों का अनुभव होता,  सिंधुगंगा मैदान इतनी विस्तृत जलोढ़ मृदा से वंचित होता,  मानसून का प्रतिरूप वर्तमान प्रति रूप से भिन्न होता।
  • भारत के पश्चिम समुद्र तट का निर्माण हुआ है – भूमि के उत्थान एवं निर्गमन के कारण
  • सही सुमेलन है – दक्‍कन ट्रैप – क्रिटेशियस-आदि नूतन, पश्चिमी घाट – उत्‍तर नूतन, अरावली – प्री-कैम्ब्रियन, नर्मदा-ताप्‍ती जलोढ़ निक्षेप –अत्‍यन्‍त नूतन
  • केरल का कुट्टानाड या कुट्टानाडु प्रसिद्ध है –  भारत के न्यूनतम ऊंचाई वाले क्षेत्र के रूप में,  इसे केरल का ‘ धान का कटोर‘  कहा जाता है। FAO  द्वारा इसे वैश्विक महत्वपूर्ण कृषि विरासत  प्रणाली (GIAHS)  घोषित किया गया है।
  • हिमालय की रचना समांतर वाले श्रेणियों से हुई है, जिस में से प्राचीनतम श्रेणी है –  वृहत हिमालय श्रेणी
  • उत्तर भारत के उप हिमालय क्षेत्र के सहारे फैले समतल मैदान को कहा जाता है – भावर
  • हिमालय का पर्वत पदीय प्रदेश है – शिवालिक
  • शिवालिक पहाड़ियां हिस्सा है –  हिमालय का
  • शिवालिक श्रेणी का निर्माण हुआ – सेनोजोइक (प्लायोसीनयुग में
  • शिवालिक श्रेणियों की ऊंचाई है – 850-1200 मीटर के मध्य
  • उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश,  सिक्किम एवम हिमाचल प्रदेश में से हिमालय पर्वत श्रेणियां हिस्सा नहीं है – उत्तर प्रदेश का
  • हिमालय के तरुण वलित पर्वत ( नवीन मोड़दार पर्व) के साक्ष्य कहां जा सकते हैं –  गहरे खड्ड, U  घुमाव वाले नदी मार्ग,  समानांतर पर्वत श्रेणियां,  भूस्खलन के लिए उत्तरदाई तीव्र ढाल प्रवणता
  • लघु हिमालय स्थित है – शिवालिक और महान हिमालय के मध्य में
  • पश्चिमी भाग में हिमालय की श्रेणियों का दक्षिण से उत्तर की ओर सही क्रम है – शिवालिकलघु हिमालय –महान हिमालय
  • सबसे नवीन पर्वत श्रेणी है – शिवालिक
  • दक्षिण भारत में नवीनतम चट्टान प्रणाली है – गोंडवाना
  • उच्चावच आकृतियों का दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ते हुए सही क्रम है –  धौलाधर,  जास्कर,  लद्दाख  और काराकोरम
  • हिमालय में उत्तर दिशा की ओर के क्रम वाली पर्वत श्रेणी है – पीर पंजाल पर्वत श्रेणी,  जास्कर पर्वत श्रेणी,  लद्दाख पर्वत श्रेणी,  काराकोरम पर्वत श्रेणी
  • हिमालय में पूर्व से पश्चिम की ओर पर्वत शिखरों का सही क्रम है –  कंचनजंगा,  एवरेस्ट,  अन्नपूर्णा,  धौलागिरी
  • पूर्वी हिमालय की तुलना में ट्री- लाइन  का ऊंचाई मान पश्चिमी हिमालय में होता है –  कम
  • हिमालय की पहाड़ी श्रृंखला में ऊंचाई के साथ साथ इन कारणों से वनस्पति में परिवर्तन आता है –  तापमान में गिरावट,  वर्षा में बदलाव,  मिट्टी का अनुपजाऊ होना।
  • उत्पत्ति की दृष्टि से सबसे नवीनतम पर्वत श्रेणी है – पटकाई श्रेणीयां (हिमालय)
  • नागालैंड, त्रिपुरा,  मणिपुर एवं मिजोरम राज्यों में से पटकाई पहाड़ियों से संलग्न नहीं है –  त्रिपुरा
  • पीर पंजाल श्रेणी पाई जाती है –  जम्मू एवं कश्मीर में
  • कश्मीर घाटी स्थित है –  वृहत हिमालय और पीर पंजाल श्रेणियों के मध्य
  • अक्साई चीन का भाग है –  लद्दाख पठार
  • पश्चिमी हिमालय संसाधन प्रदेश के प्रमुख संसाधन है –  वन
  • ग्रेट हिमालय की ऊंचाई है – 8850 मी.एस.एल. (8848 मी.)
  • हिमाचल पर्यायवाची है –  मध्य हिमालय का
  • भारत में सबसे प्राचीन पर्वत श्रंखला है – अरावली
  • राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश राज्यों में से अरावली श्रेणियों स्थित है –  राजस्थान में
  • अरावली श्रेणियों की अनुमानित आयु है –  570 मिलियन वर्ष
  • ‘रेजीड्युल पर्वत’ का उदाहरण है –  अरावली
  • दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी है –  अन्नाईमुडी
  • भारतीय प्रायद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है –  अन्नाईमुडी
  • नर्मदा एवं ताप्ती नदियों के मध्य स्थित है –  सतपुड़ा श्रेणी
  • उत्तर से शुरू कर दक्षिण की ओर पहाड़ियों का सही अनुक्रम है –  नल्लामलाई पहाड़ियां –  जवादी पहाड़ियां –  नीलगिरि पहाड़ियां –  अन्नामलाई पहाड़ियां 
  • पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट मिलते हैं –  नीलगिरी पहाड़ियों में
  • कर्नाटक,  केरल  एवं तमिलनाडु राज्य के मिलन स्थल पर स्थित है –  नीलगिरि पहाड़ियां
  • नीलगिरि पर्वत स्थित है –  केरल,  कर्नाटक एवं तमिलनाडु राज्य में
  • भारतीय समुद्र शास्त्रियों ने अरब सागर के तल में, मुंबई से पश्चिम दक्षिण पश्चिम में लगभग 455 किलोमीटर  दूर,  एक नए 1505 मीटर  ऊंचे पर्वत की खोज की है।  इस पर्वत का नाम रखा गया है –  रमन सागर पर्वत
  • अरावली,  सतपुड़ा,  अजंता और सह्याद्री पर्वत श्रेणियों में से वह जो केवल एक ही राज्य में विस्तृत है –  अजंता पर्वत श्रेणी ( महाराष्ट्र)
  • महाराष्ट्र,  कर्नाटक एवं गोवा में पश्चिमी घाट कहलाते हैं –  सहयाद्रि
  • पहाड़ियों का दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ते हुए सही अनुक्रम है –  सतमाला पहाड़ीयां,  पीर पंजाल श्रेणी,  नागा पहाड़ियां,  कैमूर पहाड़ियां
  • कार्डामम पहाड़ी या जिन राज्यों की सीमाओं पर स्थित है, वह है –  केरल एवं तमिलनाडु
  • शेवराए  पहाड़िया अवस्थित है –  तमिलनाडु में
  • बालाघाट श्रेणी,    हरिश्चंद्र  श्रेणी,  मांडव पहाड़ी तथा सतमाला पहाड़ियों में से महाराष्ट्र में स्थित नहीं है –  मांडव पहाड़ियां
  • महादेव पहाड़ियां भाग है – सतपुड़ा पर्वत श्रेणी का
  • धूपगढ़ चोटी स्थित है –  सतपुड़ा रेंज में
  • रामगिरी की पहाड़ियां भाग है –  पूर्वी घाट या महेंद्र पर्वत का
  • माउंट एवरेस्ट स्थित है – नेपाल में
  • सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है –  माउंट एवरेस्ट
  • प्रथम भारतीय नारी जो एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने में सफल हुई थी –  बछेंद्री पाल
  • माउंट एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने वाली पहली महिला थी  –  जुंको ताबेई
  • दो बार माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने वाली महिला  पर्वतारोही है –  संतोष यादव
  • एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दूसरी भारतीय महिला है –  संतोष यादव
  • भारत की सर्वोच्च पर्वत चोटी है – K2  गॉडविन ऑस्टिन
  • हिमालय की ऊंची चोटी कंचनजंगा स्थित है – नेपाल एवं सिक्किम में
  • नंदा देवी चोटी –  गढ़वाल हिमालय का भाग है।
  • नंदा देवी शिखर स्थित है –   उत्तराखंड में
  • गुरु शिखर पर्वत चोटी अवस्थित है –  राजस्थान में
  • अरावली का उच्चतम शिखर है –  गुरु शिखर
  • हिमालय की चोटियों का पूर्व से पश्चिम दिशा में सही क्रम है –  नमचा बरवा,  कंचनजंगा,  माउंट एवरेस्ट,  नंदा देवी
  • गोसाई थान,  कॉमेट,  नंदा देवी एवं त्रिशूल पर्वत शिखरों में से भारत में स्थित पर्वत शिखर नहीं है –  गोसाई थान
  • कुल्लू घाटी जिम पर्वत श्रेणी के बीच अवस्थित है, वह है  –  धौलाधार तथा पीर पंजाल
  • नेलांग घाटी स्थित है –  उत्तराखंड राज्य में
  • मरखा घाटी स्थित है – जम्मू और कश्मीर में
  • जुकू घाटी स्थित है –  नागालैंड में
  • सांगला घाटी अवस्थित –  हिमाचल प्रदेश में
  • यूथांग घाटी अवस्थित है –  सिक्किम में
  • पालघाट स्थित है –  नीलगिरी और अन्नामलाई पहाड़ियों के मध्य
  • भोर घाट स्थित है –  महाराष्ट्र में
  • लिपुलेख दर्रा स्थित है –  उत्तराखंड में
  • लेह जाने का रास्ता है –  जोजिला दर्रे से
  • नाथूला दर्रा स्थित है –  सिक्किम में
  • वर्ष  2006  के लगभग मध्य में भारत और चीन के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए पुनः खोला गया –  नाथूला दर्रा
  • मांणा पहाड़ी दर्रा –  उत्तराखंड राज्य में अवस्थित है।
  • जोजिला पहाड़ी दर्रा –  जम्मू एवं कश्मीर में अवस्थित है।
  • बनिहाल दर्रा –  जम्मू एवं कश्मीर में अवस्थित है।
  • नाथूला दर्रा सिक्किम में अवस्थित है जबकि नीति दर्रा – उत्तराखंड में
  • बुम ला दर्रा –  अरुणाचल प्रदेश में
  • जेलेप ला दर्रा –  सिक्किम में
  • मुलिंग ला दर्रा –  उत्तराखंड में
  • शिपकी ला दर्रा –  हिमाचल प्रदेश में अवस्थित है।
  • रोहतांग दर्रा स्थित है –  हिमाचल प्रदेश में
  • माना दर्रा स्थित है –  उत्तराखंड में
  • पर्वती दलों का पश्चिम से पूर्व का सही क्रम है –  शिपकी लालिपू लेख,  नाथूला,  बोमडि ला
  • हिमालय में हिम रेखा है – 4300   से  6000  मीटर के बीच पूर्व में
  • सबसे बड़ा हिमनद है –  सियाचिन
  • चोरा वाली ग्लेशियर स्थित है –  केदारनाथ मंदिर के उत्तर में
  • हिमालय के हिमनद के पिघलने की गति –  सबसे अधिक है।
  • उत्तराखंड के कुमाऊं प्रक्षेत्र में अवस्थित हिमनद है –  मिलाम हिमनद
  • भारत के दक्कन के पठार पर बेसाल्ट निर्मित   लावा  शैलों का निर्माण हुआ है –  क्रिटेशियस युग में
  • मेघालय का पठार भाग है –  प्रायद्वीपीय खंड का
  • भारत के अतिरिक्त प्रायद्वीपीय पर्वत निर्मित हुए – पैलियोजोइक महाकल्प में
  • छोटा नागपुर पठार का सर्वाधिक घना बसा जिला धनबाद है –  खनन उद्योग का विकास तथा औद्योगिकीकरण के कारण
  • छोटा नागपुर पठार है –  एक अग्र गंभीर
  • मालवा का पठार, छोटा नागपुर का पठार, दक्कन का पठार तथा प्रायद्वीप का पठार में से अरावली एवं विंध्य श्रृंखलाओं के मध्य स्थित पठार है –  मालवा का पठार
  • दंडकारण्य क्षेत्र अवस्थित है –  छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा में
  • दंडकारण्य भारत में स्थित है –  मध्यवर्ती क्षेत्र में
  • भारत का औसत समुद्र तल मापा जाता है – चेन्नई   तट से
  • भारत के प्रादेशिक जल क्षेत्र का विस्तार है –  तट से  12 समुद्री मील तक
  • भारत की तट रेखा की कुल लंबाई है –  लगभग 7500 किलोमीटर
  • भारत में सबसे अधिक लंबा समुद्री तट है –  गुजरात राज्य का
  • भारत में तटरेखा से लगे राज्य हैं –  9
  • प्राचीन भारतीय इतिहास भूगोल में ‘ रत्नाकर’  नाम सूचक था – हिंद महासागर का
  • भारतवर्ष के पश्चिम पट्टी शहरों कन्नूर, नागरकोइल,  जंजीरा एवं सिंधुदुर्ग का उत्तर से दक्षिण सही क्रम है –  जंजीरा,  कन्नूर,  नागरकोइल,  सिंधुदुर्ग
  • तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तट का नाम है –  कोरोमंडल
  • भारत के तत्वों में कृष्णा डेल्टा एवं क्रेप कॉमोरिन के मध्य स्थित है – कोरोमंडल तट
  • ‘केप कॉमोरिन’ के नाम से भी जाना जाता है –  कन्याकुमारी
  • अंडमान और निकोबार दीप समूह के सर्वोच्च शिखर ‘पल्याण शिखर” (सैंडलपीक) स्थित है –  उत्तरी अंडमान में
  • अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह स्थित है –  बंगाल की खाड़ी में
  • अंडमान निकोबार दीप समूह में द्वीपों की संख्या है – 200
  • 10 डिग्री चैनल पृथक करता है  – अंडमान और निकोबार द्वीप से
  • बैरन द्वीप अवस्थित है –  बंगाल की खाड़ी में
  • भारत के पश्चिमी तटीय मैदान के उत्तरी भाग को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है,  वह है –  कोंकण
  • भारत का वह देश जिसका उद्गम ज्वालामुखीय है – बैरन द्वीप का
  • श्रीहरिकोटा द्वीप अवस्थित है –  पुलिकट झील के समीप
  • रामसेतु (Adam’s Bridge)  शुरू होता है –  धनुष्कोडी से
  • लक्षद्वीप स्थित है – अरब सागर में
  • भारत का  प्रवाल द्वीप है –  लक्षद्वीप
  • लक्षद्वीप  टापू अवस्थित है –  दक्षिण पश्चिम भारत में
  • दीपों का समूह लक्षद्वीप है – प्रवाल उत्पत्ति का
  • लक्षद्वीप में है –  36   द्वीप
  • भटकल,  अर्नाला,  मिनीकॉय एवं हेनरी द्वीपों में से भारतीय तटरेखा के सुदूरवर्ती द्वीप की श्रेणी में आता है –  मिनिकॉय द्वीप
  • भारत एवं श्रीलंका के मध्य स्थित द्वीप है –  रामेश्वरम
  • एक दीप पर निर्मित भारत का बड़ा नगर है –  मुंबई
  • भारत का सर्वाधिक आबादी वाला द्वीप है –  सालसेत
  • कोरी क्रीक (निवेशिका) अवस्थित है – कच्छ के रण में
  • सर क्रीक विवाद है –  भारतपाकिस्तान देशों के मध्य
  • लातूर जिला है – महाराष्ट्र में
  • विदर्भ प्रादेशिक नाम है भारत में, और यह अंग है –  महाराष्ट्र का
  • पाट अंचल (Pat Region) अवस्थित है –  झारखंड में
  • झुमरी तलैया (रेडियो पर गीतों की फरमाइश के लिए प्रसिद्ध) स्थित है – झारखंड में
  • ‘ भारत का कोहिनूर’ कहा जाता है –  आंध्र प्रदेश को
  • मणिपुर का अधिकांश धरातल है –   पर्वतीय
  • मणिपुर में कुछ लोग लटकी हुई  गाद (Silt)   से बंधे   अपतृण (Weeds) और सड़ती वनस्पति के तैरते हुए  द्वीपों (Floating Island) पर बने हुए मकानों में रहते हैं,  इन द्वीपों को कहते हैं – फूमडि
  • भारत में सिलिकॉन स्टेट के नाम से जाना जाता है –  कर्नाटक को
  • भारत में सिलिकॉन वैली स्थित है –  बेंगलुरु में
  • दिल्ली के अतिरिक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मिलित है –  हरियाणा,  उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के भाग (उपक्षेत्र)
  • मध्य प्रदेश की सीमा लगी है – पांच राज्यों से गुजरात,   राजस्थान,  उत्तर प्रदेश,  छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र
  • क्षेत्रफल के क्रम में भारत के 4 बड़े राज्य हैं –  राजस्थान,  मध्य प्रदेश,  महाराष्ट्र,  उत्तर प्रदेश
  • भारत के समस्त राज्यों के क्षेत्रफल अनुसार उत्तर प्रदेश का स्थान है –  चौथा
  • भारत के राज्यों हिमाचल प्रदेश,  उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड का उनके क्षेत्रफल के अवरोही क्रम में सही क्रम है  –  छत्तीसगढ़,  झारखंड,  हिमाचल प्रदेश,  उत्तराखंड
  • कर्नाटक,  राजस्थान,  तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र उनके भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार घटता क्रम है – राजस्थान,  महाराज,  कर्नाटक,  तमिलनाडु
  • उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश,  राजस्थान एवं उत्तराखंड राज्य में क्षेत्रफल में सबसे छोटा है –  उत्तराखंड
  • भारत का लगभग 30% क्षेत्र 3 राज्यों में समाहित है।  यह तीन राज्य हैं –  राजस्थान,  मध्य प्रदेश एवं महाराष्‍ट्र
  • भारत में जनसंख्या के अनुसार,  तीसरा एवं क्षेत्रफल में 12 राज्य है –  बिहार
  • उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राज्य हैं –  हिमाचल प्रदेश,  हरियाणा,  राजस्थान,  मध्य प्रदेश,  छत्तीसगढ़,  झारखंड,  बिहार एवं उत्तराखंड तथा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली
  • असम गिरा हुआ है –  7 राज्यों से
  • महाराष्ट्र,  बिहार,  उड़ीसा एवं आंध्र प्रदेश में से छत्तीसगढ़ की सीमा उभयनिष्ठ नहीं है – बिहार के साथ
  • दिल्ली,  जोधपुर,   नागपुर  एवं बेंगलुरु  में से मध्य समुद्र तल से उचाई अधिकतम है –  बेंगलुरु की
  • राजस्थान के मरू क्षेत्र के लिए सही कथन है –  यह विश्व का सबसे घना बसा मरुस्थल हैयह लगभग 10000 वर्ष पुराना है।  इसका कारण अत्यधिक मानवीय हस्तक्षेप रहा है।  यहां केवल 40 से  60%  क्षेत्र ही कृषि हेतु उपयुक्त है,  शुद्ध बोए गए क्षेत्र  में वृद्धि के कारण चारागाह क्षेत्र के विस्तार पर प्रभाव पड़ा है।
  • भारत में ‘सुनामी वार्निंग सेंटर’ अवस्थित है – हैदराबाद में
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग स्थापित है – नई दिल्ली में
  • बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती क्षेत्रों में चक्रवात अधिक आते हैं – बंगाल की खाड़ी में अधिक गर्मी के कारण
  • आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार और गुजरात राज्य में सर्वाधिक प्राकृतिक आपदाएं आती है – ओडिशा में
  • देश के पहले आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना कहां की जा रही है, वह है – लातूर (महाराष्ट्र)
  • वह क्षेत्र जो उच्च तीव्रता  की भूकंपीय मेखला में नहीं आता है – कर्नाटक पठार
  • भारत को जिन भूकंपीय जोखिम अंचलों में विभाजित किया गया है, रहा है – 4 जोन
  • भारत का सबसे अधिक बाढ़ ग्रस्त राज्य है – बिहार
  • उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है – पूर्वी क्षेत्र
  • वह मिट्टी जो बेसाल्ट लावा के उपक्षय के कारण निर्मित हुई है – रेगूर मिट्टियां
  • रेगुर (Regur) नाम है – काली मिट्टी का
  • रेगुर (Regur) मिट्टी का विस्तार सबसे ज्यादा है – महाराष्ट्र में
  • कपास की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्‍त मिट्टी है  रेगुर मिट्टी
  • ‘स्‍वत: कृष्‍य मिट्टी’ कहा जाता है – कपास की काली मिट्टी को
  • लावा मिट्टियां पाई जाती है – मालवा पठार में
  • मालवा पठार की प्रमुख मिट्टी है – काली मिट्टी
  • वह मृदा जिसे सिंचाई की काम आवश्यकता होती है, क्योंकि वह नमी रोक कर रखती है – काली मिट्टी
  • भारत की लेटेराइट मिट्टी के बारे में सही कथन है – यह साधारणत: लाल रंग की होती है, इन मिट्टीयों में टैपियोका और काजू की अच्छी उपज होती है।
  • लेटेराइट मिट्टी मिलती है – महाराष्ट्र में
  • लेटेराइट मिट्टीयों के लिए सही कथन है – उनमें चूना प्रचुर मात्रा में नहीं पाया जाता है।
  • भारत में सबसे अधिक उपजाऊ मृदा है – जलोढ़ मृदा
  • भारत में सबसे  बड़ा मिट्टी का वर्ग है – कछारी मिट्टी
  • गंगा के मैदान की पुरानी कछारी मिट्टी कहलाती है – बांगर
  • वह  मृदा की जल धारण क्षमता सबसे कम होती है – बलुई दोमट मृदा
  • दुम्‍मटी (लोम)  मिट्टी में मिलते हैं – मिट्टी के सभी प्रकार के कण
  • पश्चिमी राजस्थान में मिट्टीयों में सर्वाधिक मात्रा होती है – कैल्शियम की
  • आलू, सोर्धम,  सूरजमुखी तथा मटर फसलों में से वह फसल जो मृदा को नाइट्रोजन से भरपूर कर देती है – मटर
  • भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए जो फसल उगाई जाती है, वह है – उड़द
  • भारत के कुछ भागों में यात्रा करते हुए आप देखेंगे कि कहीं-कहीं लाल मिट्टी पाई जाती है। मिट्टी के रंग का प्रमुख कारण है – फेरिक ऑक्साइड की विद्यमानता
  • भारतीय मृदा में जिन सूक्ष्म तत्व की सर्वाधिक कमी है,  वह है – जस्ता
  • पौधों को सबसे अधिक पानी मिलता है – चिकनी मिट्टी में
  • मिट्टी का वैकेंट जिसका व्यास002 मिलीमीटर से कम होता है – मृत्तिका
  • सामान्य फसलें उगाने के लिए उर्वर भूमि का pH मान होने की संभावना है – 6 से 7
  • तेजाबी मिट्टी को कृषि योग्य बनाने हेतु उपयोग किया जा सकता है – लाइम का
  • मिट्टी में खारापन एवं क्षारीयता की समस्या का समाधान है – खेतों में जिप्सम का उपयोग
  • भारत में सर्वाधिक क्षारीय क्षेत्र पाया जाता है – उत्तर प्रदेश राज्य में
  • भारत में लवणीय मृदा का सर्वाधिक क्षेत्रफल है – गुजरात में
  • मृदा का लवणीभवन मृदा में सर्वाधिक सिंचित जल केवा स्वीकृत होने से पीछे छूटे नमक और खनिजों से उत्पन्न होता है। सिंचित भूमि पर लवणी भवन का जो प्रभाव पड़ता है, वह है – यह कुछ मृदाओं को अपारगम्‍य में बना देता है।
  • चाय बागानों के लिए उपयुक्त मिट्टी है – अम्लीय
  • भारत में जिस क्षेत्र में मृदा अपरदन की समस्या गंभीर है वह क्षेत्र है – शिवालिक पहाड़ियों के पाद क्षेत्र एवं चंबल घाटी
  • चंबल घाटी के खोह-खड्डों के निर्माण का कारण अपरदन है, वह अपरदन प्रारूप है -अवनालीका
  • मृदा अपरदन प्रक्रियाओं के सही क्रम है – आस्‍फाल अपरदन, परत अपरदन, रिल अपरदन, अवनालिका अपरदन
  • कृष्‍य भूमि में वह पौधा जिसके कारण भूमि का अपरदन अधिकतम तीव्रता से होता है – सोर्घम
  • फसल चक्र आवश्यक है – मृदा की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हेतु
  • मृदा संरक्षण के संदर्भ में प्रचलित पद्धतियां है – सस्‍यावर्तन (फसलों का हेरफेर) वेदिका निर्माण (टेरेसिंग), वायुरोध
  • भारत में मृदा अपक्षय समस्या संबंधित है – वनोन्मूलन से
  • मृदा अपरदन रोका जा सकता है – वनारोपण से
  • भोजपत्र वृक्ष मिलता है – हिमालय में
  • कत्था बनाने हेतु जिस पेड़ की लकड़ी का प्रयोग होता है, वह है – खैर
  • वन जो भारत के सर्वाधिक क्षेत्र में पाया जाता है – उष्णकटिबंधीय आद्र पर्णपाती वन
  • सागौन तथा साल उत्पाद है – उष्णकटिबंधीय शुष्क पतझड़ी वन के
  • पश्चिमी हिमालय की शीतोष्‍ट पेटी (Temperate Zone) एक वृक्ष का बाहुल्य है, वह है – देवदार
  • वह राज्य जहां सिनकोना वृक्ष नहीं होता है – छत्तीसगढ़
  • ‘जंगल की आग’ कहा जाता है – ब्यूटीया मोनोस्पर्मा को
  • भारत में सागौन का वन पाया जाता है – मध्यप्रदेश में
  • वह पौधे जिन में फूल नहीं होते हैं – फर्न
  • पश्चिमी हिमालय में उच्च पर्वतीय वनस्पति 3000 मीटर की ऊंचाई तक ही उपलब्ध होती है, जबकि पूर्वी हिमालय में वह 4000 मीटर की ऊंचाई तक उपलब्ध होती है। एक ही पर्वत श्रंखला में इस विविधता का कारण है – पूर्वी हिमालय का भूमध्य रेखा और समुद्र तट से पश्चिमी हिमालय की अपेक्षा अधिक निकट होना।
  • एंटीलोपो ‘ऑरिक्‍स’ और ”चीरू’ के बीच अंतर है – ऑरिक्‍स गर्म और शुष्क क्षेत्रों में रहने के लिए अनुकूलित है, जबकि चीरू ठंडे उच्च पर्वतीय घास के मैदान और अर्ध मरुस्थलीय क्षेत्रों में रहने के लिए।
  • सुंदरी का वृक्ष पाया जाता है – पश्चिम बंगाल में
  • लंबी जड़ों और नुकीले काटो अथवा शूलयुक्‍त झाड़ियों और लघु वृक्षों वाले आरक्षित अवरूद्ध वन सामान्य रूप से पाए जाते हैं – पश्चिमी आंध्र प्रदेश में
  • वृक्ष है जो समुद्र तल  में सर्वाधिक ऊंचाई पर पाया जाता है – देवदार
  • वह राज्‍य जिनके वनों का वर्गीकरण अर्ध उष्णकटिबंधीय के रूप में किया जाता है – मध्य प्रदेश
  • महोगनी वृक्ष का मूल स्थान है – उत्तर एवं दक्षिणी अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र
  • सामाजिक वानिकी में प्रयुक्त बहुउद्देशीय वृक्ष का एक उदाहरण है – खेजरी
  • लीसा प्राप्त होता है – चीड़ के वृक्ष में
  • केरल की कच्छ वनस्पतियां पाई जाती है – वेम्‍बनाड-कुन्‍नूर में
  • भारत के संदर्भ में सही कथन है – देश में सिंचाई का प्रमुख स्रोत नलकूप है।
  • भारत में सिंचाई के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र वाला राज्य है – पंजाब (लगभग7%)
  • सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के संदर्भ में सही कथन है – मृदा के उर्वरक/पोषक हानि की जा सकती है। इससे कुछ कृषि क्षेत्रों में भौम जलस्‍तर को कम होने से रोका जा सकता है।
  • जीवन रक्षक अथवा बचाव सिंचाई इंगित करती है – पीडब्लूपी सिंचाई
  • गत 25 वर्षों से नलकूप सिंचाई का सर्वाधिक शानदार विकास हुआ है – सरयू पार मैदान में
  • भारत का वह राज्य से सर्वाधिक सिंचाई नलकूप से होती है – उत्तर प्रदेश
  • भारत के राज्यों का सिंचाई के लिए उपलब्ध भूतल जल संसाधनों की दृष्टि से अवरोही क्रम में सही अनुक्रम है – उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम
  • भारत में माला नहर तंत्र (Garland Canal System) को प्रस्तावित किया था – दिनशॉ जे.दस्तूर ने
  • भारत की सिंचाई क्षमता का सर्वाधिक भाग पूरा होता है – लघु एवं वृहत परियोजनाओं से
  • फरक्का नहर की जलवायु क्षमता – 40,000 क्‍यूसेक
  • मंगलम सिंचाई परियोजना है – केरल में
  • सारण सिंचाई नहर निकलती है – गंडक से
  • इंदिरा गांधी नहर का उद्गम स्थल है – हरिके बैराज
  • हरिके बैराज (इंदिरा गांधी नहर का प्रमुख स्रोत) जिन नदियों के संगम पर है वह नदी है – व्यास और सतलज
  • राजस्थान (इंदिरा) नहर निकलती है – सतलज से
  • इंदिरा गांधी नहर का निर्माण कार्य वर्ष 1958 में प्रारंभ हुआ और इसका उद्गम है – सतलज नदी पर हरिके बांध से
  • इंदिरा गांधी नहर जल प्राप्त करती है – व्यास, रवि तथा सतलज नदियों से
  • व्यास नदी के पोंग बांध के जल का उपयोग करती है – इंदिरा गांधी नहर परियोजना
  • भारत मैं विश्व की सबसे पुरानी वह विकसित नहर व्यवस्था है – गंग नहर
  • गंग नहर जो सबसे पुरानी नहरों में से है, का निर्माण गंग सिंह जी ने करवाया – 1927 में
  • शारदा सहायक सामाजिक विकास परियोजना के मुख्य लक्ष्य है – कृषि उत्पादन बढ़ाना, बहु फसली खेती द्वारा भूमि उपयोग के प्रारूप को बदलना, भू प्रबंधन का सुधार
  • निचली गंगा नहर का उद्गम स्थल है – नरोरा (बुलंदशहर) में गंगा नदी पर
  • हरियाली एक नई योजना है – जल संग्रहण से संबंधित विकास योजना एवं वृक्षारोपण के लिए।
  • एकीकृत जल संभर विकास कार्यक्रम  को क्रियान्वित करने के लाभ है – मृदा के बाहर जाने की रोकथाम, वर्षा जल संग्रहण तथा भौम जल स्तर का पुनर्भरण, प्राकृतिक वनस्पतियों का पुनर्जनन
  • ड्रक (ड्रिप) सिंचाई पद्धति के प्रयोग के लाभ है – खरपतवार में कमी, मृदा अपरदन में कमी
  • सरदार सरोवर परियोजना से लाभान्वित होने वाले राज्य हैं – गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान
  • सरदार सरोवर बांध बनाया जा रहा है – नर्मदा नदी पर
  • सरदार सरोवर से सर्वाधिक लाभ मिलता है – गुजरात को
  • सरदार सरोवर परियोजना के विरोध में है – मेधा पाटेकर
  • बरगी, ओमकारेश्वर, इंदिरा सागर एवं बाणसागर बांधों में से वह बांध जो नर्मदा नदी पर नहीं है – बाणसागर
  • इंदिरा सागर बांध स्थित है – नर्मदा नदी पर
  • मध्यप्रदेश में हरसूद कस्बा जलमग्न हुआ है – इंदिरा सागर जलाशय में
  • ओंकारेश्वर परियोजना का संबद्ध है – नर्मदा नदी से
  • नर्मदा बचाओ आंदोलन जिस बांध की ऊंचाई बढ़ाने के निर्णय का विरोध कर रहा है, वह  बांध है – सरदार सरोवर
  • भाखड़ा नांगल एक संयुक्त परियोजना है – हरियाणा पंजाब एवं राजस्थान की
  • भाखड़ा नांगल बांध बनाया गया है – सतलज नदी पर
  • भारत का सबसे पुराना जनशक्ति उत्पादन केंद्र है – शिव समुद्रम
  • शिवसमुद्रम जल विद्युत परियोजना स्थित है – कर्नाटक में
  • कावेरी नदी का जल बंटवारे का विभाजन राज्यों से संबंधित है वह राज्य है – तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल तथा पुडुचेरी
  • नागार्जुन सागर परियोजना अवस्थित है – कृष्णा नदी पर
  • भारत मैं नागार्जुन सागर परियोजना स्थित है – आंध्र प्रदेश में
  • हीराकुंड बांध बनाया गया है – महानदी पर
  • वह जलाशय जो चंबल नदी पर बना है – राणा प्रताप सागर
  • चंबल नदी पर निर्मित बांध है – गांधी सागर
  • वह नदी घाटी परियोजनाएं जो एक से अधिक राज्यों को लाभान्वित करती हैं – चंबल घाटी परियोजना एवं मयूराक्षी परियोजना
  • चंबल घाटी योजना से संबंधित है – गांधी सागर, जवाहर सागर,  राणाप्रताप सागर
  • टिहरी बांध उत्तराखंड में निर्मित किया जा रहा है – भागीरथी नदी पर
  • टिहरी जल विद्युत परियोजना बनाई गई है – भागीरथी एवं भिलंगना नदी पर
  • मैंथॉन, बेलपहाड़ी एवं तिलैया बांध बनाए गए – बाराकर नदी पर
  • दामोदर घाटी निगम की स्थापना हुई थी – 1948 में
  • तवा परियोजना स्थित है – नर्मदा नदी पर
  • हीराकुंड परियोजना स्थित है – ओडिशा में
  • हल्दिया रिफाइनरी अवस्थित है – पश्चिम बंगाल में
  • तारापुर परमाणु केंद्र स्थित है – महाराष्ट्र में
  • कुदरेमुख पहाड़ियां – कर्नाटक में
  • हिमाचल प्रदेश बांध सतलज नदी पर बनाया जा रहा है, इस बांध को बनाने का मुख्य उद्देश्य है – भाखड़ा बांध में आने वाली तलछट मिट्टी को रोकना।
  • वह परियोजना जो भारत ने भूटान के सहयोग से बनाई है – चुक्‍का बांध परियोजना
  • नागार्जुन सागर परियोजना – कृष्णा नदी पर
  • तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक की संयुक्त परियोजना है – तेलुगु गंगा परियोजना
  • तेलुगु गंगा परियोजना से पेयजल प्रदान किया जाता है – मद्रास को
  • बहुत देसी नदी घाटी परियोजनाओं को ‘आधुनिक भारत के मंदिर’ कहा था – जवाहरलाल नेहरू ने
  • अलमट्टी बांध स्थित है – कृष्णा नदी पर
  • कल्पोंग जल विद्युत परियोजना अवस्थित है – अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में
  • भारत में सबसे पुराना जलविद्युत स्टेशन है – सिद्राबाग
  • भारत में प्रथम जल विद्युत संयंत्र की स्थापना की गई थी – दार्जिलिंग में
  • कालागढ़ बांध बना हुआ है – रामगंगा नदी पर
  • तवा परियोजना संबंधित है – होशंगाबाद से
  • पोंग बांध बनाया गया है – व्यास नदी पर
  • मेजा बांध का निर्माण हुआ है – कोठारी नदी पर
  • तुलबुल परियोजना का संबंध है – झेलम नदी से
  • बगलिहार पॉवर प्रोजेक्ट, जिसके विषय में पाकिस्तान द्वारा विश्व बैंक के समक्ष विवाद उठाया गया, भारत द्वारा किस नदी पर बनाया जा रहा है वह है – चिनाब नदी
  • बगलिहार पनविद्युत परियोजना, जो हाल में चर्चित रही है, स्थित है – जम्मू और कश्मीर में
  • तपोवन और विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना अवस्थित है – उत्तराखंड में
  • महाकाली संधि जिन देशों के मध्य है वह है – नेपाल और भारत
  • मीठे पानी की कल्पसर परियोजना अवस्थित है – गुजरात में
  • वह राज्य जिसमें सुइल नदी परियोजना स्थित है – हिमाचल प्रदेश
  • तीस्ता लो डैम प्रोजेक्ट- तृतीय, तीस्ता नदी पर प्रस्तावित है।  इस प्रोजेक्ट का स्थल है -पश्चिम बंगाल में
  • तीस्ता जल विद्युत परियोजना स्थित है – सिक्किम में
  • उत्तर प्रदेश में रानी लक्ष्मीबाई बांध परियोजना निर्मित है – बेतवा नदी पर
  • दुलहस्ती हाइड्रो पावर स्टेशन अवस्थित है – चिनाव नदी पर
  • तिलैया बांध अवस्थित है – बराकर नदी झारखंड में
  • गोविंद बल्लभ पंत सागर जलाशय स्थित है – उत्तर प्रदेश में
  • गंडक परियोजना संयुक्त परियोजना है – बिहार व उत्तर प्रदेश की
  • वह प्रमुख राज्‍य जो प्रस्‍तावित ‘किसाउ बांध’ परियोजना से लाभान्वित होंगे – उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश
  • वह बांध सिंचाई के लिए नहीं है – शिव समुद्रम
  • अति विवादित बबली प्रोजेक्ट अवस्थित है – महाराष्ट्र में
  • ‘भारतीय कृषि का इतिहास’ लिखा था – एम एस रंधावा ने
  • भारत में एग्रो इकोलॉजिकल जोंस (कृषि पारिस्थितिकीय क्षेत्रों) की कुल संख्या है – 20
  • भारत की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के संदर्भ में विभिन्न फसलों की ‘बीज प्रतिस्थापन दरों’ को बढ़ाने से भविष्य के खाद्य उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है, किंतु इसके अपेक्षाकृत बड़े/विस्तृत क्रियान्वयन में बाध्‍यताएं है, वह है – निजी क्षेत्र की बीज कंपनियों की, उद्यान कृषि फसलों की रोपण सामग्रियों और सब्जियों के गुणवत्ता वाले बीजों की पूर्ति में कोई सहभागिता नहीं है।
  • देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है – जी बी पी ए यू पंतनगर
  • भारतवर्ष में प्रथम कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी – वर्ष 1960 में
  • यदि खाद्यान्नों का सुरक्षित संग्रह सुनिश्चित करना हो, तो कटाई के समय उनकी आद्रता अंश होना चाहिए – 14% कम
  • भारत में भूमि उपयोग वर्गीकरण का संन्निकट निरूपण है – नेट बुवाई क्षेत्र 47%, वन 23%, अन्य क्षेत्र 30%
  • कृषि में युग्‍म में पैदावार का आशय है – विभिन्न मौसमों पर दो फसल उगाने से
  • मिश्रित खेती की विशेष प्रमुखता है – पशुपालन और शस्‍य उत्पादन को एक साथ करना
  • प्रकृति पर अधिक निर्भरता, उत्पादकता का निम्न स्तर, फसलों की विविधता तथा बड़े खेतों की प्रधानता में से भारतीय कृषि की विशेषता नहीं है – बड़े खेतों की प्रधानता
  • जनसंख्या का दबाव, प्रच्छन्न बेरोजगारी,  सहकारी कृषि एवं भू जोत का आकार में से एक भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता का कारण नहीं है – सहकारी कृषि
  • भारत में संकार्य (चालू) जोतों का सबसे बड़ा औसत आकार है – राजस्थान में
  • भारत में कृषि को समझा जाता है – जीविकोपार्जन का साधन
  • भारतीय कृषि के संदर्भ में, सही कथन है – भारत में दालों की खेती के अंतर्गत आने वाली लगभग 90% क्षेत्र वर्षा द्वारा पोषित है।
  • भारत में रासायनिक उर्वरकों के दो बड़े उपभोक्ता है – उत्तर प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश
  • नई सुधारी गई ऊसर में हरी खाद के लिए उपयुक्त फसल है – ढेंचा
  • संतुलित उर्वरक प्रयोग किए जाते हैं – उत्पादन बढ़ाने के लिए, खाद्य की गुणवत्ता उन्नत करने हेतु, भूमि की उत्पादकता बनाए रखने हेतु
  • केरल तट, तमिलनाडु तट, तेलंगाना तथा विदर्भ में से दक्षिण भारत में उच्च कृषि उत्पादकता का क्षेत्र पाया जाता है – तमिलनाडु तट में
  • पुनर्भरण योग्य भौम जल संसाधन में सबसे संपन्न राज्य है – उत्तर प्रदेश
  • भारत में ठेकेदारी कृषि को लागू करने में अग्रणी राज्य है – पंजाब
  • हरित खेती में सन्निहित है – समेकित कीट प्रबंधन, समेकित पोषक पदार्थ आपूर्ति एवं समेकित प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन
  • भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव है – अंतरराष्ट्रीय बाजारों का भारतीय किसानों के उत्पादों की पहुंच, नगदी फसल पर बल, आय-असमानता में वृद्धि, आर्थिक सहायता में कटौती आदि।
  • बीज ग्राम संकल्पना (सीड विलेज कॉन्‍सेप्‍ट) के प्रमुख उद्देश्य का सर्वोत्तम वर्णन करता है – किसानों को गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन का प्रशिक्षण देने में लगाना और उनके द्वारा दूसरों को समुचित समय पर तथा वाहन करने योग्य लागत में गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराना।
  • एगमार्क है – गुणवत्ता गारंटी की मोहर
  • हरित क्रांति कई कृषि व्‍यूह-रचना की परिणाम थी, जो 20वीं सदी में प्रारंभ की गई थी – सातवें दशक के दौरान
  • ‘सदाबहार क्रांति’ भारत में कृषि उत्‍पादन बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाई गई – एम. एस. स्‍वामीनाथन द्वारा
  • नॉर्मन अर्गेस्‍ट बोरलॉग, जो हरित क्रांति के जनक माने जाते है, वह संबंधित है – संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका से
  • विश्‍व में ‘हरित क्रांति के जनक’ है – नॉर्मन ई. बोरलॉग
  • हरित क्रांति से गहरा संबंध रहा है – डॉ. स्‍वामीनाथन का
  • हरित क्रांति से अभिप्राय है – उच्‍च उत्‍पाद वैराइटी प्रोगाम
  • मोटे अनाज, दलहन, गेहॅू तथा तिलहन में से हरित क्रांति संबंधित है – गेहॅू उत्‍पादन से
  • वह फसल जिसको ‘हरित क्रांति’ का सर्वाधिक लाभ उत्‍पादन एवं उत्‍पादकता (Production and Productivity) दोनों में हुआ – गेहॅू
  • स्‍वतंत्रता प्राप्ति के बाद से भारत ने सर्वाधिक प्रगति की है – गेहॅू के उत्‍पादन में
  • हरित क्रांति में प्रयुक्‍त मुख्‍य पादप (फसल) थी – मैक्सिकन गेहूं
  • भारत में द्वितीय हरित क्रांति में संबंध में सही है – इसका लक्ष्‍य हरित क्रांति से अब तक लाभान्वित न हो सकने वाले क्षेत्रों में बीज, पानी, उर्वरक, तकनीक का विस्‍तार करना है। इसका लक्ष्‍य पशुपालन, सामाजिक वानिकी तथा मत्‍स्‍य पालन के साथ शस्‍योत्‍पादन का समाकलन करना है।
  • हरित क्रांति के घटक हैं – उच्‍च उत्‍पादन देने वाली किस्‍म के बीज, सिंचाई, ग्रामीण विद्युतीकरण, ग्रामीण सड़कें और विपणन
  • इंद्रधनुषीय क्रांति का संबंध है – इसमें कृषि क्षेत्र की सभी क्रांतियां शामिल हैं।
  • सही सुमेलन है – खाद्य उत्‍पादन में वृद्धि – हरित क्रांति, दुग्‍ध उत्‍पादन – श्‍वेत क्रांति, मत्‍स्‍यपालन – नीली क्रांति, उर्वरक- भूरी क्रांति, उद्यान कृषि – सुनहरी क्रांति
  • गुलाबी क्रांति संबंधित है – प्‍याज से
  • जीरो टिल बीज एवं उर्वरक ड्रिल विकसित किया गया था – जी.बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय, पंजनगर में
  • रबी की फसल की बुआई होती है – अक्‍टूबर-नवंबर महीने में
  • ‘र‍बी’ फसल है – सरसों, मसूर, चना, गेहूं आदि
  • गेंहूं की अच्‍छी खेती आवश्‍यक परिस्थिति-समुच्‍चय है – मध्‍यम ताप और मध्‍यम वर्षा
  • गन्‍ना, कपास, जूट तथा गेहूं में से नकदी फसल में सम्मिलित नहीं है – गेंहूं
  • नकदी फसल समूह है – कपास, गन्‍ना, केला
  • तीन बड़े गेहूं उत्‍पादक राज्‍यों की द़ष्टि से सही क्रम है – उत्‍तरप्रदेश, मध्‍यप्रदेश एवं पंजाब
  • भारत का अधिकतम गेहूं उत्‍पादक राज्‍य है – उत्‍तर प्रदेश
  • ‘मही सुगंधा’ प्रजाति है – धान की फसल की
  • भारत में उत्‍तरप्रदेश का प्रथम स्‍थान है – गेहूं, आलू और गन्‍ना उत्‍पादन में
  • गेहूं की वह प्रजाति जो प्रेरित उत्‍परिवर्तन द्वारा विकसित की गई है – सोनारा – 64
  • गेहूं में बौनेपन का जीन है – नोरिन – 10
  • मैकरोनी गेहूं सबसे उपयुक्‍त है – असिंचित परिस्थितियों के लिए
  • राज 3077 एक प्रजाति है – गेहूं की
  • ‘पूसा सिंधु गंगा’ एक प्रजाति है – गेहूं की
  • यूपी-308 एक प्रजाति है – गेहूं की
  • गेहूं कर फसल का रोग है – रस्‍ट
  • कल्‍याण सोना एक किस्‍म है – गेहूं की
  • गेहूं की अधिक पैदावार वाली किस्‍में है – अर्जुन और सोनालिका
  • गेहूं के साथ दो फसली के लिए अरहर की उपयुक्‍त किस्‍म है – यू.पी.ए.एस.-120
  • ‘ट्रिटिकेल’ जिन दो के बीच का संकर (क्रॉस) है, वह हैं – गेहूं एवं राई
  • ‘करनाल बंट’ एक बीमारी है – गेहूं की
  • धान की उत्‍पत्ति हुई – दक्षिण-पूर्व एशिया में
  • खरीफ की फसलें हैं – कपास, मूंगफली, धान आदि
  • चावल की खेती के लिए आदर्श जलवायु परिस्थितियां हैं -100 सेमी. से ऊपर वर्षा और 25 डिग्री सेल्सियस ऊपर ताप
  • मसूर, अलसी, सरसो तथा सोयाबीन में से खरीफ की फसल है – सोयाबीन
  • भारत में प्रमुख खाद्यान्‍न है – चावल
  • खेती के अंतर्गत क्षेत्र के अनुसार भारत में सबसे महत्‍वपूर्ण खाद्य फसल है – चावल
  • भारत में वह फसल जिसके अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्रफल है – धान
  • भारत में चावल की खेती के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र पाया जाता है – उत्‍तर प्रदेश में
  • भारत में प्रति हेक्‍टेयर चावल का औसत उत्‍पादन वर्ष 2014-15 में था – 2390 किलोग्राम
  • भारत के ‘चावल के कटोरे’ क्षेत्र का नाम है – कृष्‍णा-गोदावरी डेल्‍टा क्षेत्र
  • धान की उत्‍पादकता सर्वाधिक है – पंजाब राज्‍य में
  • जया, पद्मा एवं कृष्‍णा उन्‍नत किस्‍में हैं – धान की
  • ‘अमन’ धान उगाया जाता है – जून-जुलाई (बुआई), नवंबर-दिसंबर (कटाई)
  • पसा सुगंधा-5 एक सुगधित किस्‍म है – धान की
  • ‘बारानी दीप’ है – धान की किस्‍म
  • बासमती चावल की संकर प्रजाति है – पूसा आर एच-10
  • बासमती चावल की रोपाई हेतु उपयुक्‍त बीज दर है – 15-20 किग्रा./हेक्‍टेयर
  • भारत में चावल का सबसे बड़ा उत्‍पादक राज्‍य है – पश्चिम बंगाल
  • वह जीव जो चावल की सबसे फसल के लिए जैव उर्वरक का कार्य कर सकता है – नील हरित शैवाल
  • विगत एक दशक में, भारत में जिस फसल के लिए प्रयुक्‍त कुल कृष्‍य भूमि लगभग एक जैसी बनी रही है, वह है – चावल
  • देश का आधे से अधिक उत्‍पादित चावल जिन चार राज्‍यों से प्राप्‍त होता है, वे हैं – पश्चिम बंगाल, उत्‍तर प्रदेश, पंजाब और आंध्र प्रदेश
  • भारतवर्ष में चावल की खेती उन क्षेत्रों में होती है, जहां वार्षिक वर्षा – 100 सेमी. से अधिक है।
  • वह राज्‍य जिसमें संकर धान की खेती के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्रफल है – उत्‍तर प्रदेश
  • वह फसलें जो जायद में मुख्‍यत: सिंचित क्षेत्रों में उगाई जाती हैं – मू्ंग एवं उड़द
  • भारत में कपास का अधिकतम मात्रा में उत्‍पादन करने वाला क्षेत्र है – उत्‍तर-पश्चिमी और पश्चिमी भारत
  • भारत का सबसे बड़ा कपास उत्‍पादक राज्‍य है – गुजरात
  • मध्‍य प्रदेश का वह जिला जो कपास की खेती के कारण ‘सफेद सोने’ का क्षेत्र कहा जाता है – उज्‍जैन-शाजापुर
  • महाराष्‍ट्र में वह फसल जो ‘श्‍वेत स्‍वर्ण’ के नाम से जानी जाती है – कपास
  • सत्‍य कथन है – भारत कपास के पौधे का आदि निवास है। विश्‍व में भारत पहला देश है, जहां कपास की संकर किस्‍म विकसित हुई, जिसके परिणाम स्‍वरूप वर्धित उत्‍पादन होता है।
  • कपास के रेशे प्राप्‍त होते हैं – बीज से
  • महाराष्‍ट्र के काली मिट्टी के क्षेत्र में कपास को गन्‍ने की फसल से प्रतिस्‍पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण है – सिंचाई सुविधाओं के प्रसार के कारण इस क्षेत्र में गन्‍ने की फसल अधिक लाभप्रद है।
  • भारत का वह राज्‍य जिसमें गन्‍ने की खेती के अंतर्गत सबसे अधिक भूमि है – उत्‍तर प्रदेश
  • भारत की फसलों में से वह फसल जिसके अंतर्गत उसके शुद्ध सकल कृषि क्षेत्रके सिंचित क्षेत्र का सर्वाधिक प्रतिशत है – गन्‍ना
  • भारत में तीन गन्‍ना उत्‍पादक राज्‍यों का घटते हुए (Decreasing Order) क्रम में सही अनुक्रम है – उत्‍तरप्रदेश, महाराष्‍ट्र, कर्नाटक
  • भारत में सर्वाधिक गन्‍ना पैदा करने वाला राज्‍य है – उत्‍तरप्रदेश
  • सत्‍य कथन है – चीनी उत्‍पादन प्रक्रम में शीरा एक उपोत्‍पाद है। चीनी कारखानों में चीनी मिलों में से निकली खोई भाप बनाने के लिए बॉयलरों में ईंधन के रूप में प्रयोग की जाती है।
  • गन्‍ना उत्‍पादन के एक व्‍यावहारिक उपागम का, जिसे ‘धारणीय गन्‍ना उपक्रमण’ के रूप में जाना जाता है, महत्‍व है – कृषि की पारंपरिक पद्धति की तुलना में इसमें बीज की लागत बहुत कम होती है। इसमें च्‍यवन (ड्रिप) सिंचाई का प्रभावकारी प्रयोग हो सकता है। कृषि की पारंपरिक पद्धति की तुलना में इसमें अंतराशस्‍यन की ज्‍यादा गुंजाइश है।
  • गन्‍ने में शर्करा की मात्रा घट जाती है, यदि – पकने की अवधि में पाला गिर जाए।
  • चीनी उद्योग से संबंधित कथन सही है – विश्‍व में चीनी उत्‍पादन में भारत का हिस्‍सा 15 प्रतिशत से अधिक है। भारत में चीनी उद्योग दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है। भारत चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्‍ता है।
  • शक्‍कर नगर चीनी का एक प्रमुख उत्‍पादक केंद्र है – आंध्रप्रदेश
  • भारत का ‘शक्‍कर का प्‍याला’ कहलाता है – उत्‍तर प्रदेश
  • 1903 में भारतवर्ष की प्रथम चीनी मिल स्‍थापित की गई – प्रतापपुर (देवरिया) में
  • उत्‍तरी भारत से दक्षिणी भारत में चीनी उद्योग के स्‍थानिक स्‍थानांतरण का कारण है – गन्‍ने का प्रति एकड़ उच्‍चतर उत्‍पादन, गन्‍ने में शर्करा का अधिक होना, पेराई का अधिक लम्‍बा मौसम।
  • गन्‍ने में प्रजनन का कार्य किया जा रहा है – कोयम्‍बटूर में
  • गन्‍ने का बीज उत्‍पादित किया जाता है – एम.बी.आई. कोयम्‍बटूर में
  • गन्‍ने की अडसाली फसल पकने के लिए समय लेती है – 18 माह
  • तिलहन फसल है – सूर्यमुखी, तिल, अलसी, सोयाबीन, अरंडी आदि।
  • शुष्‍क भूमि के लिए सर्वाधिक उचित फसल है – मूंगफली
  • ‘पेगिंग’ एक लाभकारी प्रक्रिया है – मूंगफली में
  • भारत में सोयाबीन का अग्रणी उत्‍पादक राज्‍य है – मध्‍य प्रदेश
  • भारत में सोयाबीन की खेती का सर्वाधिक क्षेत्रफल है – मध्‍य प्रदेश
  • भारत में मूंगफली का सबसे बड़ा उज्‍पादक राज्‍य है – गुजरात
  • मूंगफली के क्षेत्रांतर्गत कम परंतु, प्रति हेक्‍टेयर बहुत अधिक उत्‍पादन वाला भारत का राज्‍य है – पंजाब
  • राजस्‍थान प्रमुख उत्‍पादक है – सरसों का
  • भारत में उत्‍पादित मुख्‍य तिलहन फसल है – सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, तिल
  • सरसों की प्रजातियां हैं – वरूणा, पूसा बोल्‍ड एवं पितांबरी आदि
  • जिप्‍सम की अधिक मात्रा आवश्‍यक होती है – मूंगफली की फसल में
  • ‘कौशल’ उन्‍नत प्रजाति है – मूंगफली की
  • वह देश जो दलहनी फसलों का मुख्‍य उत्‍पादक तथा उपभोक्‍ता है – भारत
  • भारत में सामात्‍यत: निर्यात नहीं किया जाता है – दालों का
  • भारत में दालों का सबसे उत्‍पादक राज्‍य है – मध्‍यप्रदेश
  • हवा से नत्रजन संचित करने की क्षमता होती है – दालों में
  • दलहनी फसलों के उत्‍पादन हेतु आवश्‍यक तत्‍व है – कोबाल्‍ट
  • वायुमंडल के नत्रजन का स्थिरीकरण करने वाली दलहनी फसल है – चना, मटर एवं मूंग
  • दलहनी फसलों में संतुलित खात का अनुपात (एन.पी.के.) है – 1:2:2
  • अरहर का जन्‍म स्‍थान है – भारतवर्ष
  • मालवीय चमत्‍कार एक प्रजाति है – अरहर की
  • ‘बहार’ एक प्रसिद्ध प्रजाति है – अरहर की
  • मटर की पत्‍तीविहीन जाति है – अपर्णा
  • भारत में सर्वाधिक रेशम पैदा करने वाला राज्‍य है – कर्नाटक
  • भारत को 60 प्रतिशत से अधिक कच्‍चा रेशम प्राप्‍त होता है – आंध्रप्रदेश एवं कर्नाटक से
  • सही सुमेलन है – शहतूत रेशम – कर्नाटक, टसर रेशम – झारखंड, ईरी रेशम – असम, मूंगा रेशम – असम
  • मूंगा रेशम की एक ऐसी किस्म है, जो पूरे विश्‍व में केवल भारत में होती है – असम में
  • टसर रेशम का अग्रणी उत्‍पादक राज्‍य है – झारखंड
  • राष्‍ट्रीय बागवानीपरिषद (बोर्ड) की स्‍थापना हुई थी – वर्ष 1984 में
  • भारत में सर्वाधिक कॉफी उत्‍पादन की जाती है – कर्नाटक में
  • भारत में देश का 72.3 प्रतिशत से अधिक कॉफी अकेले पैदा करता है – कर्नाटक
  • भारत में कहवा की खेती का क्षेत्र सर्वाधिक पाया जाता है – कर्नाटक में
  • वर्ष 2015 के आंकड़ों के अनुसार, चाय के उत्‍पाद, चाय के उत्‍पादन एवं उपभोग में चीन का प्रथम तथा भारत का – द्वितीय स्‍थान
  • भारत में वह नकदी फसल जिससे अधिकतम विदेशी मुद्रा प्राप्‍त होती है – चाय
  • भारत का सबसे बड़ा चाय उत्‍पादक राज्‍य है – असम
  • भारत अपनी आवश्‍यकता से अधिक उत्‍पादन करता है – चाय का
  • एक ऐसे क्षेत्र में जहां वार्षिक वर्षा 200 सेंमी से अधिक होती है और ढलाव पहाड़ी स्‍थल है, खेती अभीष्‍ट होगी – चाय की
  • ग्रीन गोल्‍ड किस्‍म है – चाय की
  • बराक घाटी की महत्‍वपूर्ण फसल है – धान
  • भारत में रबर का सर्वाधिक उत्‍पादन करने वाला राज्‍य है – केरल
  • भारत का वह राज्‍य जहां कहवा, रबर तथा तम्‍बाकू सभी की कृषि की जा‍ती है – कर्नाटक
  • भारत में बागानी कृषि के अंतर्गत उगाई जाने वाली मुख्‍य शस्‍य है – चाय, रबर, नारियल, कहवा
  • सही कथन है – चाय असम की मुख्‍य फसल है। तम्‍बाकू आंध्रप्रदेश में विस्‍तृत पैमाने पर उगाई जाती है।
  • भारत में तम्‍बाकू की कृषि के अंतर्गत वृहत्‍तम क्षेत्र है – आंध्रप्रदेश में
  • भारत में नारियल का सबसे बड़ा उत्‍पादक राज्‍य है – तमिलनाडु
  • काली मिर्च का अधिकतम उत्‍पादन (विश्‍व में) होता है – वियतनाम और भारत में
  • इलायची उत्‍पादन के लिए प्रसिद्ध राज्‍य है – केरल, कर्नाटक एवं तमिलनाडु
  • केरल राज्य विश्व भर में जाना जाता है – गरम मसालों के संवर्धन के लिए
  • ‘मसालों का बागान’ कहां जाने वाला राज्य है – केरल
  • लोंग प्राप्त होता है – पुष्प कली से
  • लौंग की खेती मुख्यतः होती है – केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में
  • सही सुमेलन है – जूट – पश्चिम बंगाल, चाय – असम, रबर – केरल, गन्‍ना – उत्‍तरप्रदेश
  • भारत में काली मिर्च की खेती के लिए अनुकूल दशाएं हैं – उष्‍ण और आर्द्र जलवायु, 200 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा, 1100 मीटर तक की ऊंचाई के पहाड़ी ढाल, 150 से 300 तक वार्षिक ताप परिसर
  • भारत में काला सोना के रूप में जाना जाता है – काली मिर्च एवं कोयला
  • भारत में मसालों का सर्वाधिक उत्पादक है – गुजरात
  • काजू का प्रमुख उत्पादक राज्य है – महाराष्ट्र
  • झूमिंग अथवा पेड़ा पद्धति है – जंगल काटकर सूखने को छोड़ना
  • जूमिंग सर्वाधिक व्‍यवहृत है – नागालैंड में
  • चलवासी कृषि जिन राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों की प्रमुख समस्या है, वह राज्य है – असम तथा झारखंड 
  • भारत में आलू का सर्वाधिक उत्पादन होता है – उत्तर प्रदेश में
  • राष्ट्रीय केला अनुसंधान केंद्र स्थित है – त्रिची में
  • भारत में खाद्यान्नों का उनके उत्पादन (मिलियन टन में) का सही ह्रासवान क्रम है –  चावल गेहूं मोटे अनाज दालें
  • भारत का वह राज्य जो कपास, मूंगफली तथा नमक के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है –  गुजरात
  • हरित बाल रोग पाया जाता है – बाजरे में
  • गन्‍ना, चुकंदर, स्वीट पी, चना, अरहर और फरासबीन आते हैं – त्रिपादप कुल के अंतर्गत
  • वर्ष 2015-16 में भारत का कुल खाद्यान्न उत्पादन था – 251.57 मिलियन टन
  • विश्व में फल उत्पादन में भारत का स्थान है – दूसरा
  • भारत का सर्वाधिक पटसन उत्पादक राज्य है – पश्चिम बंगाल
  • भारत में जूट उद्योग प्रमुखत: केंद्रित है – पश्चिम बंगाल में
  • गंगा के निचले मैदानों की यह विशेषता है कि यहां वर्षभर जलवायु उच्च तापमान के साथ आर्द्र बनी रहती है। इस क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्‍त फ़सल युग्म है – धान और जूट
  • भारत में जूट का सर्वाधिक क्षेत्रफल है – पश्चिम बंगाल में
  • वर्षभर बोई जाने वाली फसल है – मक्का
  • मक्का के लिए सही कथन है – मक्का का मंड के उत्पादन के लिए प्रयोग किया जा सकता है। मक्का से निष्कासित तेल जैव-डीजल के लिए फीडस्टॉक हो सकता है। मक्का के प्रयोग से एल्कोहॉली पेय उत्पन्न किया जा सकता है।
  • मक्का की फसल पकने की अवधि है – 110 दिन
  • C4 पौधा है – मक्का
  • भारत में तीन शीर्ष मक्का उत्पादक राज्य है – कर्नाटक, मध्य प्रदेश एवं बिहार
  • शक्तिमान 1 और शक्तिमान 2 अनुवांशिक परिवर्तित फसलें हैं – मक्का की
  • भारत में केसर का वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन होता है – जम्मू और कश्मीर में
  • भारत में केसर की सबसे अधिक मात्रा उत्पन्न होती है – कश्मीर में
  • वह पौधा जिस की खेती पौधे का प्रति रोपण करके की जाती है – प्याज
  • फसल चक्र जो पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समझा जाता है, वह है – धान, मक्का, गेहूं
  • भागीरथी घाटी में राजमा और आलू की खेती प्रारंभ करने का श्रेय दिया जाता है – विल्सन को
  • सब्जी उत्पादन में भारत का स्थान है – द्वितीय
  • विश्व में सब्जियों का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला देश है – चीन
  • आम की बीज रहित प्रजाति है – सिंधु
  • आम की वह किस्म जो दशहरी एवं नीलम के क्रॉस से विकसित की गई है – आम्रपाली
  • ललित उन्नत किस्म है – अमरूद की
  • आम की नियमित फसल वाली प्रजातियां है – दशहरी-51, बैंगालोरा (तोतापरी), नीलम, आम्रपाली आदि
  • ‘कंचन’ एक उन्नत किस्में है – आंवला की
  • केले का अधिकतम उत्पादन होता है – तमिलनाडु में
  • बोरलॉग पुरस्कार दिया जाता है – कृषि विज्ञान के क्षेत्र में
  • प्रसंस्करण हेतु आलू की सबसे अच्छी किस्म है – कुफरी चिप्सोना 2
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का एक लक्ष्य धारणीय रीति से देश के चुनिंदा जिलों में खेतीगत जमीन में बढ़ोतरी एवं उत्पादकता में वृद्धि लाकर कुछ फसलों की उत्पादकता में वृद्धि लाना है। यह फसलें हैं – केवल चावल, गेहूं,  दलहन,  बाजरा एवं चारा की फसलें
  • वह फसले जो अधिकांशत: निर्वाहमूलक कृषि के अंतर्गत पैदा की जाती है – मोटे अनाज तथा चावल
  • अदरक का तना जो मिट्टी में होता है और खाद्य का संग्रहण करता है, वह कहलाता है – प्रकंद
  • अनाज के दानों का उत्पादन है – ओट मील
  • उत्तराखंड में हो गाया जाने वाला अनाज ‘मंडुआ’ (कोदा) का निर्यात देश में अधिकांशत: किया जा रहा है, वह है – जापान
  • प्रमुखतया वर्षा आधारित फसल है – मूंगफली, तिल, बाजरा
  • वह अपने जो दलहन चारा और हरी खाद के रूप में प्रयुक्त होती है – लोबिया, अरहर एवं मूंग
  • वह राज्य जिसमें सर्व उपयुक्त जलवायु विषयक स्थितियां उपलब्ध है, जिसमें न्यूनतम लागत से आर्किड की विभिन्न किस्मों की खेती हो सकती है, और वह इस क्षेत्र में निर्यात उन्मुख उद्योग विकसित कर सकता है – अरुणाचल प्रदेश
  • देश का प्रथम पूर्ण रुप से जैविक राज्य घोषित किया गया है – सिक्किम को
  • गुजरात राज्य की विशिष्‍टताएं हैं – उस का उत्तरी भाग शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क है। उस के मध्य भाग में कपास का उत्पादन होता है। उस राज्य में खाद्य फसलों की तुलना में नगदी फसलों की खेती अधिक होती है।
  • भारत में ग्वार (क्‍लस्‍टर बीन) का पारंपरिक रुप से सब्जी या पशु आहार के रूप में उपयोग किया जाता है, किंतु हाल ही में इसकी खेती ने महत्व का स्थान प्राप्त किया है। इस संदर्भ में सही कथन है – इसके बीजों से निर्मित गोंद, शेल गैस के निष्कर्षण में प्रयुक्त होता है।
  • भारत में कुल मत्स्य उत्पादक अग्रणी राज्य क्रमशः है – आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, तमिलनाडु
  • PBW-343 और DBW-17 प्रजातियां है – गेहूं की
  • धान की खैरा बीमारी के लिए प्रयोग किया जाता है – जिंक सल्फेट
  • भारत में आम का उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य हैं – उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना
  • विश्व के फल उत्पादन में भारत का योगदान है – 15% लगभग
  • स्‍टॉक फार्मिंग है – पशुओं का प्रजनन
  • प्रति 100 हेक्‍टेयर सकल कृष्‍य क्षेत्र में मवेशियों की संख्‍या का घनत्‍व सबसे अधिक है –बिहार में
  • भारत की लगभग एक तिहाई गाय-बैलों की संख्‍या तीन राज्‍यों में पाई जाती है, ये हैं – मध्‍यप्रदेश, उत्‍तरप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल
  • सही कथन है – मध्‍यप्रदेश में भारत के गाय-बैलों की सर्वाधिक संख्‍या पाई जाती है। उत्‍तर प्रदेश में भारत के भैंसों की सर्वाधिक संख्‍या पाई जाती है। आंध्रप्रदेश में भारत की भेड़ों की सर्वाधिक संख्‍या पाई जाती है। भारत में तमिलनाडु गाय के दूध का सबसे बड़ा उत्‍पादक है।
  • भारत में सर्वाधित दुग्‍ध देनेवाली बकरी की नस्‍ल है – जमनापरी
  • थारपरकर प्रजाति की गाय पाई जाती है – राजस्‍थान के सीमावृत्ति क्षेत्र में
  • गाय की जो नस्‍ल अधिक दूध देती है, वह है – साहिवाल
  • विश्‍व में दुग्ध उत्‍पादन के क्षेत्र में भारत का स्‍थान है – प्रथम
  • भारत में दुग्‍ध का सर्वाधिक उत्‍पादन होता है – उत्‍तरप्रदेश में
  • ‘ऑपरेशन फ्लड’ का संबंध है – दुग्‍ध उत्‍पादन एवं वितरण से
  • भारत की ‘श्‍वेत क्रांति’ का जनक कहा जाता है – डॉ. वर्गीज कुरियन को
  • श्‍वेत क्रांति संबंधित है – दुग्‍ध उत्‍पादन से
  • ‘राष्‍ट्रीय डेयरी शोध संस्‍थान’ स्थित है – करनाल में
  • भारत का सबसे महत्‍वपूर्ण खनिजयुक्‍त रॉक तंत्र है – धारवाड़ तंत्र
  • विंध्‍य शैलों में वृहद भंडार पाए जाते हैं – चूना पत्‍थर के
  • भारत के खनिज संसाधनों के सबसे बड़े भंडार हैं – दक्षिण-पूर्व में
  • खनिज संसाधनो की सर्वाधिक संपन्‍नता है – कर्नाटक में
  • भारत के भौमिकीय शैल क्रमों में लौह अयस्‍क का समृद्ध भंडार पाया जाता है – धारवाड़ क्रम में
  • भारत में कोयला के कुल संचित भंडार की दृष्टि से संपन्‍न राज्‍य हैं – झारखंड, ओडिशा, छत्‍तीसगढ़, प. बंगाल एवं मध्‍य प्रदेश
  • भारत में कोयले के उत्‍पादन की दृष्टि से शीर्ष राज्‍य हैं – छत्‍तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्‍य प्रदेश तथा तेलंगना
  • कुद्रेमुख क्षेत्र संबंधित है – लौह अयस्‍क से
  • वह भारतीय राज्‍य जहां लौह अयस्‍क उपलब्‍ध नहीं है – पंजाब
  • राजस्‍थान की नाथरा-की-पाल क्षेत्र में पाया जाने वाला खनिज है – लौह अयस्‍क
  • बैलाडिला खान संबंधित है – लौह अयस्‍क से
  • भारत में सबसे बड़ी मशीनीकृत खान है – बैलाडीला खान
  • एशिया का श्रेष्‍ठ जस्‍ता एवं सीसा अयस्‍क भंडार उपलब्‍ध है – भीलवाड़ा जिले के रामपुरा अगुचा में
  • राजस्‍थान का लगभग एकाधिकार है – जस्‍ता में
  • भारत के प्रमुख चांदी उत्‍पादक राज्‍य हैं – राजस्‍थान एवं कर्नाटक
  • मध्‍य प्रदेश में तांबा पाया जाता है – मलाजखंड (बालाघाट जिला) में
  • वह राज्‍य जिसमें तांबा का सबसे अधिक भंडार है – राजस्‍थान, झारखंड
  • भारत में सर्वाधिक निकेल उत्‍पादन होता है – ओडिशा में
  • तांबां के क्षेत्र एवं संबंधित राज्‍य – चंदरपुर – महाराष्‍ट्र, हासन – कर्नाटक, खम्‍मम – तेलंगाना, खेतड़ी – राजस्‍थान
  • बॉक्‍साइट अयस्‍क है – एलयुमीनियम का
  • भारत के शीर्षस्‍थ बॉक्‍साइट उत्‍पादक राज्‍य हैं – ओडिशा एवं गुजरात
  • भारत में टिन अयस्‍‍क का प्रमुख भंडार है – छत्‍तीसढ़़ में
  • भारत में टिन का अग्रगण्‍य उत्‍पादक राज्‍य है – छत्‍तीसगढ़
  • भारत में अभ्रक का सबसे बड़ा उत्‍पादक राज्‍य है – आंध्र प्रदेश
  • भारत में अभ्रक संसाधन सर्वाधिक हैं – आंध्र प्रदेश में
  • भारत की सबसे बड़ी अभ्रक( Mica) मेखला वाले जिले हैं – हजारीबाग, गया और मुंगेर
  • विश्‍व में अभ्रक का अग्रणी उत्‍पादक है – चीन
  • सर्वोत्‍तम किस्‍म का संगमरमर पाया जाता है – मकराना में
  • संगमरमर है, एक – कायांतरित चट्टान एवं पुनर्रवीकृत चूना पत्‍थर
  • भारत के शैल तंत्रों में कोयला निचयों (डिपॉजिट्स) का प्रमुख स्‍त्रोत है – गोंडवान तंत्र
  • भारतीय कोयले का अभिलक्षण हैं – उच्‍च भस्‍म, अंश, निम्‍न सल्‍फर अंश
  • भारत के शैल समूहों में से गोंडवाना शैलों को सबसे महत्‍वपूर्ण मानने के लिए तर्क उपयुक्‍त है – इनमें भारत का 90 प्रतिशत से अधिक कोयला भंडार पाया जाता है।
  • प्राप्‍त जानकारी की वर्तमान स्थिति और संसाधन परिस्थित को देखते हुए भारत तीस वर्ष तक आत्‍मनिर्भर रहेगा – कोककारी कोयला में
  • छोटा नागपुर औद्योगिक क्षेत्र का विकास संबंधित रहा है – कोयला की खोज से
  • देश में कुल कोयला-उत्‍पादन में झारखंड की भागीदारी है – 20%
  • वह राज्‍य जिसमें नामचिक-नामफुक कोयला क्षेत्र अवस्थित है – अरूणाचल प्रदेश
  • कोरबा कोयला क्षेत्र अवस्थित है – छत्‍तीसगढ़ में
  • कोयला-उत्‍पादक क्षेत्र तथा कोयला खदान के सुमेलन है – दामोदर घाटी – बराकर, सोन घाटी – उमरिया, गोदावरी घाटी – सिंगरोनी, महानदी घाटी – तलचर
  • तलचर एक प्रसिद्ध कोयला क्षेत्र है – ओडिशा में
  • भारत के कोयला उत्‍पादन में छोटा नागपुर का योगदान है, लगभग – 80 प्रतिशत
  • कोयला क्षेत्र जिसमें कोयला भंडार सर्वाधिक हैं – झारिया, रानीगंज
  • झारखंड में कोयला की खानें स्थित हैं – झारिया में
  • भारत में लिग्‍नाइट कोयले का सर्वाधिक जमाव पाया जाता है – तमिलनाडु में
  • बिसरामपुर प्रसिद्ध है – कोयला खनन के लिए
  • कोयला क्षेत्र तथा संबंधित राज्‍यों के सही सुमेलन है – करनपुरा – झारखंड, सिंगरेनी – आंध्र प्रदेश, नेवेली – तमिलनाडु, कोरबा – छत्‍तीसगढ़
  • कोयले के वृहत सुरक्षित भंडार होते हुए भी भारत मिलियन टन कोयले का आयात करता है, क्‍योंकि – भारत के अधिकतर विघुत संयंत्र कोयले पर आधारित हैं और उन्‍हें देश से पर्याप्‍त मात्रा में कोयले की आंतरिक आपूर्ति नहीं हो पाती। इस्‍पात कंपनियों को बड़ी मात्रा में कोक कोयले की आवश्‍यकता पड़ती है, जिसे आयात करना पड़ता है।
  • भारतीय कोयला उद्योग की समस्‍याएं हैं – निम्‍न कोटि का कोयला एवं कोयला संचलन में बाधा, धुलाई संस्‍थानों की उपयोग क्षमता में कमी, कोकिंग कोयला के आयात पर बढ़ती निर्भरता, कार्य संचालन कीमतें
  • कोयले का सर्वाधिक उपयोग होता है – ऊर्जा उत्‍पादन में
  • भारत में सबसे पुराना तेल का भंडार / तेलशोधन इकाई अवस्थित है – डिग्‍बोई (असम में)
  • भारत में पेट्रोलियम का अग्रणी उत्‍पादक राज्‍य है – राजस्‍थान
  • अंकलेश्‍वर प्रसिद्ध है – पेट्रोल के भंडार के लिए
  • लुनेज पेट्रोल उत्‍पादक क्षेत्र स्थित है – गुजरात में
  • नवग्राम तेल क्षेत्र स्थित है – गुजरात में
  • भारत में सर्वप्रथम खनिज तेल का कुआं खोदा गया – माकूम में
  • आंध्रप्रदेश में अवस्थित तेल परिशोधन शाला है –विशाखापट्टनम तेलशोधन केंद्र
  • पनागुडी (तमिलनाडु) प्रसिद्ध है – पवन चक्कियों एवं राकेट इंजन प्‍लांट के लिए
  • भारत में सर्वप्रथम तेल/ऊर्जा संकट प्रारंभ हुआ – 1970 और 1980 के दौरान
  • तेलशोधनशाला तथा राज्‍य का सही सुमेलन है – हल्दिया – पश्चिम बंगाल, जामनगर – गुजरात, कोच्चि – केरल, नुमालीगढ़ – असम, तातीपाका – आंध्रप्रदेश, कोयाली – गुजरात, बरौनी – बिहार, नूनमाटी – असम, मंगलौर – कर्नाटक, पानीपत – हरियाणा
  • मंगला-भाग्‍यम्, शक्ति एवं ऐश्‍वर्या है – बाड़मेर-सांचौर बेसिन में खोजे गए तेल क्षेत्र
  • 14 एन ई एम पी ब्‍लॉक्‍स, 1 जे वी ब्‍लॉक्‍स, 2 नोमिनेशन ब्‍लॉक्‍स एवं 4 सी बी एम ब्‍लॉक्‍स संबंधित है – पेट्रोलियम अन्‍वेषण से
  • ‘हाईड्रोजन विजन-2025’ संबंधित है – पेट्रोलियम उत्‍पाद के भंडारण से
  • भारत में तेल अन्‍वेषण का कार्य किया जाता है – ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा
  • एच.बी.जे. पाईपलाईन द्वारा प्राकृतिक गैस का परिवहन होता है – दक्षिणी बेसिन से
  • हजीरा-बीजापुर-जगदीशपुर (एचबीजे) गैस पाइप-लाइन निर्मित की गई है – गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा
  • भारत में अधिकांश प्राकृतिक गैस का उत्‍पादन किया जाता है – मुम्‍बई हाई से
  • मुम्‍बई हाई तेल क्षेत्र मुंबई तट से दूर है -160 किमी
  • केजी-डी-6 बेसिन में, जो अप्रैल, 2009 से लगातार चर्चा में है, भारी मात्रा में भंडार है – गैस का
  • भारत के वह क्षेत्र जिसमें शेल गैस के संसाधन पाए जाते हैं – कैम्‍बे बेसिन, कावेरी बेसिन, कृष्‍णा-गोदावरी बेसिन
  • कोयला, लकड़ी, डीजल तथा पेट्रोल में से जीवाश्‍म ईंधन नहीं है – लकड़ी
  • गोंडवाना संस्‍तरों में पाया जाता है – कोयला निक्षेप
  • माइका सिटी ऑफ इंडिया कहा जाता है – कोडरमा को
  • तांबां, गारनेट (तामड़ा), मैंगनीज एवं पाइराइट में से कायांतरित चट्टानों (मेटामॉरफिक चट्टान) से संबंद्ध करेंगे – गारनेट (तामड़ा) को
  • क्‍वार्ट्जाइट कायांतरित (Meramorphose) होता है – बलुआ पत्‍थर से
  • इंडियन मिनरल बुक, 2015 के अनुसार, वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में भारत में मैंगनीज का सर्वाधिक उत्‍पादन करने वाला राज्‍य है – मध्‍यप्रदेश
  • वर्ष 2014-15 में भारत में मैंगनीज उत्‍पादक राज्‍यों में उच्‍च से निम्‍न उत्‍पादन स्‍तर का सही क्रम है – मध्‍यप्रदेश, महाराष्‍ट्र, ओडिशा
  • खनिज एवं शीर्ष उत्‍पादक राज्‍य का सही सुमेलन है – लौह अयस्‍क – ओडिशा, तांबा – राजस्‍थान (प्रथम मध्‍यप्रदेश), सोना – कर्नाटक, अभ्रक – आंध्रप्रदेश, खनिज तेल – गुजरात (प्रथम राजस्‍थान), जिप्‍सम – राजस्‍थान, बॉक्‍साइट – ओडिशा
  • हेमेटाइट, बॉक्‍साइट, जिप्‍सम तथा लिमोनाइट में से धातु खनिज नहीं है– जिप्‍सम
  • भारत का प्रमुखजिप्‍सम उत्‍पादक राज्‍य है – राजस्‍थान
  • केन्‍द्र एवं खनिजों के सही सुमलेन है – मकुम – कोयला, डल्‍लीराजहरा – लौह अयस्‍क, कोरापुट – बॉक्‍साइट, चित्रदुर्ग – मैंगनीज
  • तांबा, सोना, लोहा, कोयले का सही क्रम है – खेतड़ी-कोलार-कुद्रेमुख-झरिया
  • वह राज्‍य जिसका क्रोमाइट उत्‍पाद में लगभग एकाधिकार है – ओडिशा
  • ग्रेनाइट पट्टियां तथा स्‍लेट बनाए जाते हैं – ललितपुर में
  • भारत में हीरे की खानें अवस्थित हैं – मध्‍य प्रदेश में
  • वह जिला जिसमें हीरा-युक्‍त किम्‍बरलाइट के बृहत भंडार पाए गए हैं – रायपुर
  • सोनभ्रद जनपद में पाई जाने वाली धातु है – एंडलुसाइट, पायराइट, डोलोमाइट
  • केरल के कई भागों की समुद्र-तटीय बालू में पदार्थ पाए जाते हैं, वह पदार्थ हैं – इल्‍मेनाइ, जिरकॉन, सिल्‍मेनाइट
  • केरल के समुद्री तट पर पाया जाने वाला परमाणु खनिज है – मोनोजाइट
  • केरल की मोनाजाइट बालुका में पाया जाता है – यूरेनियम
  • जादुगुड़ा प्रसिद्ध है – यूरेनियम के लिए
  • छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में प्राकृतिक रूप से मिलने वाले खनिज हैं – बॉक्‍साइट, डोलोमाइट, लौह अयस्‍क, टिन
  • छोटा नागपुर पठार जिस संसाधन में समृद्ध है, वह है – खनिज
  • भारत में सर्वाधिक नमक उत्‍पादन होता है – गुजरात में
  • उड़ान एक गैस आधारित शक्ति परियोजना है – महाराष्‍ट्र में
  • भारत में ऊर्जा-उत्‍पादन में सर्वाधिक अंश है – ऊष्‍मीय (थर्मल) ऊर्जा का
  • भारत में शक्ति खंड में ऊर्जा स्रोतों के भाग का सही क्रम है – तापीय – जलीय – वायु/पवन – आण्विक
  • पश्चिम बंगाल में राष्‍ट्रीय ताप ऊर्जा कॉर्पोरेशन (NTPT) द्वारा सुपर ताप विघुत उत्‍पादन केंद्र स्‍थापित है – फरक्‍का में
  • नेवेली तापविघुत संयंत्र का भरण करते हैं – तृतीयक कोयला (लिग्‍नाइट) से
  • रामागुंडम सुपर थर्मल पॉवर स्‍टेशन अवस्थित है – आंध्र प्रदेश में
  • वह देश जिसके सहयोग से ओबरा ताप विद्युत केंद्र की स्‍थापना की गई थी – रूस
  • बोकारो का तापीय बिजलीघर स्थित है – झारखंड में
  • भारत में प्रथम न्‍यूक्लियर ऊर्जा स्‍टेशन की स्‍थापना हुई थी – तारापुर में
  • वर्ष 2016 तक भारत में कुल उत्‍पादित ऊर्जा में नाभिकीय ऊर्जाका प्रतिशत था – 3.38 प्रतिशत (नवंबर, 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार नाभिकीय ऊर्जा का प्रतिशत 2.1 है।)
  • भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्‍ध महत्‍वपूर्ण नाभिकीय ईंधन है – थोरियम
  • नाभिकीय शक्ति केंदों तथा राज्‍यों का सुमेलन है – कोटा – राजस्‍थान, तारापुर- महाराष्‍ट्र, काकरापार – गुजरात, नरौरा – उत्‍तरप्रदेश
  • आण्विक संयंत्र एवं उनके चालू होने के वर्षों का सुमेलन है – कोटा – 1973, काकरापार – 1993, कैगा – 2000, कलपक्‍कम – 1984
  • परमाणु विद्युत संयंत्र / गुरूजल संयंत्र तथा राज्‍यों के सुमलन है – थाल – महाराष्‍ट्र, मानगुरू – तेलंगाना, कैगा- कर्नाटक, मुप्‍पांदल – तमिलनाडु
  • तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु रिएक्‍टर्स की 6 इकाइयां लगाने हेतु राजी हुआ है – रूस
  • कुडनकुलम नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र स्‍थापित किया जा रहा है – तमिलनाडु में
  • भारत अपने 25वें परमाणु विघुत संयंत्र का निर्माण कर रहा है – रावतभाटा (राजस्‍थान) में
  • भारत का बीसवां परमाणु बिजलीघर है – कैगा (कर्नाटक)
  • परमाणु ऊर्जा हेतु भारी जल संयंत्र स्‍थापित है – हजीरा, बडौदा, कोटा, मानगुरू, थाल आदि में
  • ‘मीठी-विरदी’ परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्‍थापित किया जाएगा – यू.एस.ए. के सहयोग से
  • अणुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड एक संयुक्‍त उपक्रम है, भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम और – एन.टी.पी.सी. का
  • कोयना जलविद्युत गृह अवस्थित है – महाराष्‍ट्र में
  • राणा प्रताप पर विघुतगृह स्‍थापित है – कोटा मे
  • ऊष्‍मा विघुत संयंत्र, पवन ऊर्जा संयंत्र, जलविघुत ऊर्जा संयंत्र तथा नाभिकीय विघुत संपन्‍न में से महाराष्‍ट्र का सतारा प्रसिद्ध है – पवन ऊर्जा संयंत्र के लिए
  • पवन ऊर्जा के उत्‍पादन में प्रथम स्‍थान रखता है – तमिलनाडु
  • भारत में ऊर्जा ‍उत्‍पादन एवं उपभोग के संबंध में कथन सही है – भारत में उत्‍पादित कुल व्‍यावसायिक ऊर्जा स्‍त्रोतों का योगदान लगभग 14 प्रतिशत से अधिक है।
  • गुजरात, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु एवं कर्नाटक राज्‍यों में से पवन ऊर्जा की एशिया की सबसे बड़ी परियोजना जिसकी क्षमता 150 मेगावॉट की है, स्थित है – तमिलनाडु में (वर्तमान में सुजलान ग्रुपद्वारा गुजरात के कच्‍छ में निर्मित 1100 मेगावॉट की पवन ऊर्जा इकाई (wind form) एशिया की सबसे बड़ी इकाई है)
  • भारत में ‘ज्‍वारीय ऊर्जा उत्‍पादन का प्रमुख क्षेत्र है – खंभात की खाड़ी
  • भारत में ज्‍वारीय ऊर्जा की सर्वाधिक संभावनाएं हैं – भावनगर (गुजरात) में
  • एमएमटीसी, एमटीएनएल, एनसीएल तथा एनएचपीसी में से विघुत उत्‍पादन के क्षेत्र से संबंधित है – एनएचपीसी
  • भारत में प्रति व्‍यक्ति प्राथमिक ऊर्जा की खपत वर्ष 2014-15 में थी – 423.5 किग्रा. तेल (17731 मेगाजूल) के बराबर
  • भारत में अपना सौर ऊर्जा प्‍लांट लगाने वाला प्रथम गांव रामपुरा स्थित है – उत्‍तर प्रदेश में
  • भूतापीय ऊर्जा पर आधारित मनीकरण बिजली संयंत्र स्थित है – हिमाचल प्रदेश में
  • पेट्रोलियम, परमाणु ऊर्जा, प्राकृतिक गैस एवं बायोगैस में से ऊर्जा का व्‍यावसायिक स्‍त्रोत नहीं है – बायोगैस
  • नवीनीकृत ऊर्जा संसाधन हैं – पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, सूर्य की ऊर्जा, पृथ्‍वी की ऊर्जा
  • स्‍टेनलेस स्‍टील मिश्र धातु है – लोहा, क्रोमियम और निकेल की
  • धब्‍बारहित स्‍टील बनाने में लोहे के साथ प्रयुक्‍त होने वाली महत्‍वपूर्ण धातु है – क्रोमियम
  • भारत में कतिपय लौह इस्‍पात संयंत्र पश्चिमी तट में से होकर आयोजित किए गए हैं। इस उद्योग के ऐसे अवस्थितीय स्थित्‍यांतरण का प्रमुख कारण है – गोवा एवं मध्‍य प्रदेश के कुछ भागों में उत्‍तम श्रेणी के लौह अयस्‍क निक्षेपों का मिलना तथा इस क्षेत्र से इस्‍पात निर्यात की तुलनात्‍मक सुविधा
  • भारत में इस्‍पात उत्‍पादन उघोग को आयात की अपेक्षा होती है  कोककारी (कोकिंग) कोयला के
  • ‘टिस्‍को’ संयंत्र स्थित है – टाटानगर के नजदीक
  • राउरकेला इस्‍पात संयंत्र स्‍थापित किया गया था – जर्मनी के सहयोग से
  • भिलाई स्‍टील प्‍लांट संयुक्‍त उपक्रमहै – रूस एवं भारत सरकार का
  • चाय, जूट, लौह एवं इस्‍पात तथा चीनीउद्योग में से वह उद्योगजो भारत के लिए सबसे अधिक विदेशी मुद्रा कमाता है – लौह एवं इस्‍पात उद्योग
  • राउरकेला इस्‍पात संयंत्र को लौह अयस्‍क की आपूर्ति होती है – क्‍योंझर से
  • भारत में इस्‍पात कारखानों का वह समूह जो स्‍वतंत्रता के पश्‍चात (द्वितीय पंचवर्षीय योजना में) बनाए गए थे – भिलाई, दुर्गापुर तथा राउरकेला
  • छत्‍तीसगढ़ में कोरबा का महत्‍व है – एल्‍युमीनियम उद्योग के कारण
  • टेल्‍को (TELCO) कंपनी संबंधित है – ऑटोमोबाइल से
  • कम्‍पनी एवं उनकी अवस्थिति का सही सुमेलन है – बाल्‍को-कोरबा, हिंडाल्‍को – पिपरी (रेनूकूट), नाल्‍को – भुवनेश्‍वर, एच.सी.एल. – खेत्री, इंडियन एल्‍युमीनियम- हीराकुंड, नेशनल एल्‍युमीनियम – कोरापुट
  • भारत का सबसे प्राचीन उद्योग है – सूती वस्‍त्र
  • मसूरिया साड़ी का संबंध है – कोटा जिले से
  • उत्‍तरप्रदेश में भारत इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स लिमिटेड स्‍थापित है – गाजियाबाद में
  • चुनार प्रसिद्ध है – सीमेंट उद्योग के लिए
  • इंडियन मिनरल बुक, 2015 के आंकड़ों के अनुसार, विश्‍व स्‍तर पर सीमेंट उत्‍पादन में भारत का स्‍थान है – दूसरा
  • जिप्‍सम, चूना पत्‍थन, राख तथा मटिपार में से सीमेंट का मुख्‍य संघटक है – चूना पत्‍थर
  • बिहार में डालमिया नगर पसिद्ध है – सीमेंट के लिए
  • मध्‍यप्रदेश में कीटनाशक उद्योग हेतु प्रसिद्धहै – भोपाल
  • भारत में पंजिम, बंगलुरू, पुडुचेरी तथा औरंगाबाद औद्योगिक क्षेत्रों में से रबर उद्योग स्थित है – पंजिम में
  • पिपरी (उत्‍तरप्रदेश) में उद्योग है – जलविद्युत
  • भारत का प्रथम उर्वरक कारखाना स्थित है – फूलपुर (उत्‍तरप्रदेश) में
  • भारत का सबसे बड़ा पेट्रो-रसायन कारखाना स्थित है – गुजरात में
  • स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की स्‍थापना का वर्ष है – 1974 में
  • भारत में सर्वाधिक कागज मिलें स्थित है – गुजरात में
  • 1818 ई. में पहला सूती वस्‍त्र कारखाना शुरू हुआ – पश्चिम बंगाल में फोर्टग्‍लास्‍टर में
  • भारत में प्रथम कपास मिल (सूती वस्‍त्र उद्योग) की स्‍थापना हुई थी – कलकत्‍ता में
  • ‘डायमंड पार्क’ – ये वे औद्योगिक केंद्र हैं, जो हीरों, सिंथेटिक जवाहरातों तथा आभूषणों के निर्माण और निर्यात को प्रोत्‍साहित करनेके लिए बनाए गए हैं।
  • पंजाब में होजरी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है – लुधियाना
  • भारत में वह उद्योग जो पानी का सबसे बड़ा उपभोक्‍ता है – ताप शक्ति
  • देश में पेट्रो-रसायन के उत्‍पादन का सबसे बड़ा केंद्र स्थित है – जामनगर में
  • पारंपरिक साड़ी / वस्‍त्र उत्‍पादन के लिए सुख्‍यात हैं – चंदेरी एवं कांचीपुरम
  • बनारसी जरी और साडि़यां, राजस्‍थानी दाल-बाटी-चूरमा तथा तिरूपति लड्डू में से ‘भौगोलिक सूचना’ (जिओग्रॉफीकल इंडिकेशन) की स्थिति प्रदान की गई है – बनारसी जरी और साडि़यां तथा तिरूपति लड्डू को
  • शिवकाशी औद्योगिक क्षेत्रअवस्थित है – तमिलनाडु में
  • भारत में शिवकाशी केंद्र स्थित है – मदुरई-कोयम्‍बटूर-बंगलुरू औद्योगिक प्रदेश में
  • मध्‍यप्रदेश में पीथमपुर को जाना जाता है – ऑटोमोबाइल के लिए
  • 1988 में अंटा‍र्कटिका महाद्वीप पर भारत ने दूसरा वैज्ञानिक शोध केंद्र ‘मैत्री’ स्‍थापित किया था। इस शोध केंद्र में अनुसंधान कार्य है – समुद्री जैवशास्‍त्र के क्षेत्र में अनुसंधान
  • अंटार्कटिका में तीसरे भारतीय शोध केंद्र की आधारशिला जिस नाम से रखी गई, वह है – भारती
  • ‘दक्षिण गंगोत्री’ के नाम से जाना जाता है – भारत का प्र‍थम अंटार्कटिक शोध केंद्र
  • इ्रटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इ्रस्‍टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्‍स (आईसीआरआईएसएटी) स्थित है – हैदराबाद में
  • केंद्रीय शुष्‍क भूमि कृषि अनुसंधान(CRIDA) अवस्थित है – हैदराबाद में
  • केंद्रीय शुष्‍क बागवानी संस्‍थान स्थित है – बीकानेर में
  • राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी अवस्थित है – हैदराबाद में
  • ‘राष्‍ट्रीय कृषि विपणन संस्‍थान’ स्थित है – जयपुर में
  • उद्यान एवं वानिकी विश्‍वविद्यालय स्थित है – सोलन में
  • सेंट्रल फूड टेक्‍नॉ‍लोजिकल रिसर्च इंस्‍टीटयूट स्थित है – मैसूर में
  • सही सुमेलन है – राष्‍ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान – नागपूर, केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्‍थान – मैसूर, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्‍थान – शिमला, केंद्रीय तम्‍बाकू अनुसंधान संस्‍थान – राजामुंद्री
  • शस्‍य वानिकी का राष्‍ट्रीय शोघ केंद्र अवस्थित है – झांसी में
  • खेतों में प्रयुक्‍त होने वाले औजारों और मशीनों पर शोघ और विकास कार्य ‘सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग’ द्वारा किया जा रहा है, जो स्थित है – भोपाल में
  • भारतीय चावल शोघ-संस्‍थान स्थित है – कटक में
  • राष्‍ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्‍थान स्थित है – करनाल में
  • भारतीय दलहन अनुसंधान संस्‍थान स्थित है – कानपुर में
  • भारतीय शाकबाजी अनुसंधान संस्‍थान स्थित है – वाराणसी में
  • केंद्रीय उपोष्‍ण बागवानी संस्‍थान अवस्थित है – लखनऊ में
  • ‘इंडियन ब्‍यूरो ऑफ माइंस’ का मुख्‍यालय अवस्थित है – नागपुर में
  • केंद्रीय खनन अनुसंधान संस्‍थान स्थित है – नागपुर में
  • भारतीय हीरा संस्‍थान स्‍थापित है – सूरत में
  • राष्‍ट्रीय दुग्‍ध विकास बोर्ड स्थित है – आनंद में
  • सही सुमेलन है – राष्‍ट्रीय शर्करा संस्‍थान – कानपुर, मिश्र धातु निगम लिमिटेड – हैदराबाद, सैन्‍य विधि संस्‍थान – काम्‍टी, राष्‍ट्रीय अखंडता संस्‍थान – पुणे
  • ‘भारतीय गन्‍ना अनुसंधान संस्‍थान’ स्थित है – लखनऊ में
  • सही सुमेलन है – केंद्रीय धान अनुसंधान संस्‍थान – कटक खेती प्रणाली अनुसंधान निदेशालय – मेरठ, भारतीय मृदाविज्ञान संस्‍थान – भोपाल, शस्‍य वानिकी का राष्‍ट्रीय शोघ केंद्र – झांसी
  • ‘राष्‍ट्रीय एटलस और थिमेटिक मानचित्र संगठन’ स्थित है – कोलकाता में
  • भारत में नेचुरल हिस्‍ट्री का राष्‍ट्रीय संग्रहालय स्‍थापित है – नई दिल्‍ली, मैसूर, भोपाल एवं भुवनेश्‍वर में
  • सही सुमेलन है – सी.एस.एस.आर.आई. – करनाल, सी.टी.सी.आर.आई. – त्रिवेद्रम, आई. आर. आर. आई. – मनीला, सी.ए.जेड.आर.आई. – जोधपुर
  • पौध संरक्षण, संगरोध एवं भंडारण निदेशालय अवस्थित हैं – फरीदाबाद में
  • सही सुमेलन है – भारतीय गन्‍ना अनुसंधान संस्‍थान – लखनऊ, राष्‍ट्रीय पादप आनुवंशिकी अनुसंधान ब्‍यूरो – नई दिल्‍ली, राष्‍ट्रीय पौध सुरक्षा प्रशिक्षण संस्‍थान – हैदराबाद, गेहूं अनुसंधान निदेशालय – करनाल
  • राष्‍ट्रीय जैवि‍क खेती केंद्र (एन.सी.ओ.एफ.) स्थित है – गाजियाबाद में
  • भारत में देश के कुल यातायात में सड़क यातायात का भाग है – 80 प्रतिशत
  • भारत में कुल राष्‍ट्रीय राजमार्गऔर उनकी कुल लंबाई तकरीबन है – क्रमश: 250 से अधिक और 100087 किमी.
  • भारत का सबसे लंबा राष्‍ट्रीय राजमार्ग है – राष्‍ट्रीय राजमार्ग
  • राष्‍ट्रीय मार्ग क्र.4 निम्‍नलिखित से होकर जाता है – महाराष्‍ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु
  • वह राज्‍य जिसमें राष्‍ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लंबाई पाई जाती है – उत्‍तर प्रदेश
  • भारत का वह राज्‍य जिसमें प्रांतीय राजमार्गों की सकल लंबाई सबसे अधिक है – महाराष्‍ट्र
  • स्‍वर्ण चतुर्भुज परियोजना का संबंध है – राजमार्ग के विकास से
  • भारत की स्‍वर्णिम चतुर्भुज परियोजना जोड़ती है – दिल्‍ली – मुंबई – चेन्‍नई – कोलकाता को
  • ‘प्रधानमंत्री भारत जोड़ो परियोजना’ संबंधित है – राजमार्गों के विकास से
  • दो राष्‍ट्रीय राजमार्ग-कन्‍याकुमारी-श्रीनगर राजमार्गएवं पोरबंदर-सिल्‍चर राजमार्ग, जो राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत निर्मितहो रहे हैं, एक दूसरे से मिलेंगे – झांसी में
  • उत्‍तर-दक्षिण गलियारे (North-South Corridor) पर स्थित नगरों का उत्‍तर से दक्षिण का क्रम है – आगरा, ग्‍वालियर, नागपुर, कृष्‍णागिरी
  • महाराष्‍ट्र में 6 पथ एक्‍सप्रेस मार्ग द्वारा संबद्ध किया गया है – मुंबई तथा पुणे को
  • आगरा, भोपाल, धुले तथा ग्‍वालियर में से वह नगर जो राष्‍ट्रीय राजमार्ग 3 से नहीं जुड़ा है – भोपाल
  • प्रधानमंत्री की ग्राम सड़क योजना है – उन गांवों में सामुदायिक जीवन के विकास हेतु जो सड़क से भली-भांति संबद्ध नहीं हैं।
  • भारतीय राज्‍यों का उनके प्रति 100 वर्ग किमी. क्षेत्र में उनकी भूतल मार्गों की लंबाई के अवरोही क्रम में सही अनुक्रम है – पंजाब, तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, हरियाणा
  • सही कथन हैं – राष्‍ट्रीय राजमार्ग संपूर्ण सड़क परिवहन आवश्‍यकता के लगभग 40 प्रतिशत की पूर्ति करते हैं, राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 7 देश का सबसे बड़ा राजमार्ग है।
  • अमृतसर से दिल्‍ली होकर कोलकाता तक के राष्‍ट्रीय राजमार्ग की संख्‍या है – 2
  • भारत का 40 प्रतिशतसड़क परिवहन होता है – राष्‍ट्रीय राजमार्ग से
  • वह राष्‍ट्रीय राजमार्ग जिसकी मध्‍य प्रदेश में लंबाई सर्वाधिक है – एन.एच.-3 आगरा -ग्‍वालियर – देवास – मुंबई
  • राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजना के संबंध में सही कथन हैं – यह दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्‍नई को जोड़ता है, इसकी कुल लंबाई 5846 किमी. है। उत्‍तर-दक्षिण गलियारा – श्रीनगर से कन्‍याकुमारी, पूर्व-पश्चिम गलियारा-सिलचर से पोरबंदर
  • ‘जवाहर सुरंग’ गुजरती है – बरिहाल दर्रे से
  • भारत में सबसे पहले रेलमार्ग तैयार हुआ था -1853 में
  • भारत की पहली रेलवे लाइन बनी थी – मुंबई-थाणे के बीच 1853 में
  • ‘बड़ी लाइन’ की दो पटरियों के बीच की दूरी होती है – 51/2 फीट
  • गोरखपुर से मुंबई की रेलयात्रा का न्‍यूनतम दूरी वाला मार्ग है – इलाहाबाद होकर
  • भारत के रेल मंत्रालय की बुलेट-ट्रेन चलाने की योजना है, – मुंबई-अहमदाबाद के मध्‍य
  • सही सुमेलन है – उत्‍तर-पूर्व रेलवे – गोरखपुर, दक्षिण-पूर्व रेलवे – कोलकाता, पूर्वी रेलवे – कोलकाता, दक्षिण-पूर्व मध्‍य रेलवे – बिलासपुर
  • सत्‍य कथन हैं – उत्‍तर-पश्चिम रेलवे का मुख्‍यालय जयपुर में स्‍थित है। फेयरी क्‍वीन विश्‍व के सबसे पुराने चालू इंजन को प्रयोग करने वाली गाड़ी है तथा भारतीय रेलवे इसके द्वारा वन्‍यजीवन तथा विरासत स्‍थलों की यात्रा आयोजित करती है।
  • रेलवे का जोन मुख्‍यालय-हाजीपुर स्थित है – बिहार में
  • उत्‍तर-मध्‍य रेलवे जोन(क्षेत्र) का मुख्‍यालय स्थित है – इलाहबाद में
  • डीजल रेल इंजन बनाए जाते हैं – मडुवाडीह में
  • वह राज्‍य जहां यात्री रेल डिब्‍बों का बड़ी मात्रा में निर्माण होता है – पंजाब और तमिलनाडु
  • रेल्‍वे स्‍टाफ कालेज स्थित है – बड़ौदा में
  • साल की लकड़ी का उपयोग अधिकतर होता है – रेल्‍वे स्‍लीपर बनाने के उद्योग में
  • तीसरी रेल कोच फैक्‍टरी थ्‍साापित की जा रही है – रायबरेली में
  • वह रेल खंड जहां पर प्रथम सी.एन.जी. ट्रेन बनाया गया है – गुजरात
  • कोंकण रेल्‍वे जोड़ता है – रोहा से मैंगलोर को
  • कोंकण रेल्‍वे से सर्वाधिक लाभान्वित राज्‍य है – गोवा, कर्नाटक, महाराष्‍ट्र, केरल
  • बेलगाम, मडगांव, रत्‍नागिरी एवं उड़पी में से कोंकण रेलमार्ग नहीं जोड़ता है – बेलगाम को
  • वह दो रेल्‍वे स्‍टेशनों जिन्‍हें जोड़ने वाली रेल लाइन को यूनेस्‍को ने धरोहर के रूप में मान्‍यता दी है – सिलीगुड़ी तथा दार्जिलिंग
  • भारत में वह राज्‍य जो रेल सेवा से बंचित है – सिक्किम
  • रेल सुरंगों का लंबाई के अनुसार सही अवरोही क्रम है – पीर पंजाल, कारबुद, नाथूवाड़ी, बरदेवादी
  • मालाबार, कोंकण, कोरोमंडल तथा उत्‍तरी सरकार तटोंमें से ‘कोच्चि बंदरगाह’ से संबंधित है – मालाबार तट
  • भारत में सबसे बड़ा पोत-प्रांगण (शिपयार्ड) है – कोच्चि (कोचीन)
  • भारत के मुख्‍य ज्‍वारीय पत्‍तन हैं – कोलकाता तथा कांडला
  • कांडला बंदरगाह जो एक प्राकृतिक बंदरगाह है, स्थित है – कच्‍छ की खाड़ी (पूर्वी तट)
  • भारत का सबसे गहरा पत्‍तन है – विशाखापत्‍तनम
  • पारादीप का विकासजिन बंदरगाहों का भार कर करने के लिए किया गया था, वे हैं – कोलकाता-विशाखापत्‍तनम
  • पारादीप बंदरगाह अवस्थित है – ओडिशा राज्‍य में
  • मर्मुगाओं पत्‍तन सिथत है – गोवा में
  • भारत का सर्वाधिक आयात नौभार तथा निर्यात नौभारवहन किया– कांडला पत्‍तन ने
  • भारत में कृत्रिम पत्‍तन है – चेन्‍नई एवं तूतीकोरिन
  • आंध्रप्रदेश का बंदरगाह नगर है – काकीनाडा
  • पत्‍तन जहां एल.एन.जी. टर्मिनल नहीं है, वह है – कांडला
  • वह स्‍थान जहां पर तीन अर्द्ध-चंद्राकार समुद्र तट मिलते हैं – कन्‍याकुमारी
  • सेतुसमुद्रम परियोजना में नौपरिवहन नहर की लंबाई है – 167 किलोमीटर
  • सेतुसमुद्रम परियोजना, जिन्‍हें जोड़ती हैं, वे हैं – मन्‍नार की खाड़ी और पाक खाड़ी
  • कृष्‍णापट्टनम बंदरगाह के संवर्धन से सर्वाधिक लाभान्वित राज्‍य होगा – आंध्रप्रदेश
  • भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है – मुंबईमें
  • गंगा नदी का वह भाग, जिसको राष्‍ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है – इलाहाबाद से हल्दिया तक
  • देश का सबसे लंबा आंतरिक जलमार्ग है – इलाहाबाद – हल्दिया
  • वह राष्‍ट्रीय जलमार्ग जो कोट्टापुरम तथा कोल्‍लम को जोड़ता है – केरल तटीय नहर जलमार्ग
  • राष्‍ट्रीय अंतर्देशीयनौवहनसंस्‍थान (NINI) अवस्थित है – पटना में
  • भारत का कोयले को संचालित करने वाला बारहवां प्रमुख पत्‍तन विकसित हो रहा है – चेन्‍नई के निकट (एन्‍नौर में)
  • जामनगर, ओखा, पोरबंदर एवं बेरावल में से गुजरात का बंदरगाह कस्‍बा नहीं है – जामनगर
  • भारत का खुला सागरीय बंदरगाह है – चेन्‍नई
  • भारत का खुला सागरीय बंदरगाह है – चेन्‍नई
  • भारत में ‘बाह्य पत्‍तन’ का विशिष्‍ट उदाहरण है – हल्दिया
  • सार्वजनिक सीमित कंपनी के स्‍वामित्‍व वाला भारत का सर्वप्रथम विमानपत्‍तन है – कोचीन विमानपत्‍तन
  • दमन, जंजीरा, कराईकल एवं रत्‍नागिरी बंदरगाहों में से वह जो भारत के पश्चिमी तट पर स्थित नहीं है – कराईकल बंदरगाह
  • भारत का सबसे बड़ा जहाज तोड़ने का यार्ड में स्थित है – अलंग (गुजरात के भावनगर) में
  • वर्तमान मुंबई बंदरगाह के दबाव को कम करने के लिए जिस पत्‍तन का निर्माण किया गया, वह है – न्‍हावाशेवा (ज.ल.न. पत्‍तन)
  • वह राज्‍य जिसमें लंबे नौसंचालन चैनल द्वारासमुद्र से जोड़ें जाने के लिए एक कृत्रिम अंतर्देशीय बंदरगाह के निर्माण की संभावना का पता लगाया है – राजस्‍थान में
  • भारत में ‘गुलाबी नगरी’ कहते हैं – जयपुर को
  • भारत में ‘झीलों का नगर’ कहा जाता है – उदयपुर को
  • दक्षिण भारत के भगवान रंगनाथा (जिन्‍हें भगवान वेंकटेश भी कहते हैं), का मंदिर स्थित है – बिलिगिरि रंगा पहाड़ी पर
  • भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने भारत में पर्यटनको प्रोत्‍साहित करने हेतु जिस अवधारणा को लोकप्रिय करने का उपयोग किया है, वह है – अतुल्‍य भारत
  • सबरीमाला स्थित है – केरल राज्‍य में
  • भारत के ध्‍वस्‍त नगरों (घोस्‍ट टाउन) में है – कुलधारा, धनुषकोडी एवं लखपत नगर
  • तीर्थस्‍थान एवं उनकी अवस्थिति – श्रीशैलम – नल्‍लमला प‍हाडि़यां, ओंकारेश्‍वर – मान्‍धाता पहाड़, पुष्‍कर – अरावली
  • वह संयंत्र जो शक्ति तथा खाद दोनों दे सकता है – बायोगैस संयंत्र
  • ‘कूरियर सेवा’ से प्रतिस्‍पर्धा के लिए भारतीय डाक विभाग ने ‘द्रुत डाक सेवा’ का आरंभ किया गया था – 1986में
  • विश्‍व का वह देश जो नाइट्रोजनी उर्वरक उत्‍पादक तथा उपभोक्‍ता के रूप में दूसरे स्‍ािान पर है – भारत
  • टिड्डियां भारत में प्रवेश करती है – पाकिस्‍तान से
  • सही सुमेलन है – श्रीहरिकोटा – आंध्रप्रदेश, थुम्‍बा – केरल, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर – मुंबई, पोखरन – राजस्‍थान
  • थुम्‍बा में विक्रम साराभाईअंतरिक्ष केंद्र की स्‍थापना के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण कारण है – थुम्‍बा का भू-चुम्‍बकीय विषुवत रेखा पर स्थित होना।
  • ‘दि हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्‍टीट्यूट’ स्थित है – दार्जिलिंग में
  • केयर्न (CAIRN) एनर्जी का मुख्‍यालय है – स्‍कॉटलैंड में
  • सही सुमेलन है – रामेश्‍वरम – तमिलनाडु, द्वारका – गुजरात, सारनाथ – उत्‍तरप्रदेश, महाकाल मंदिर – मध्‍यप्रदेश
  • डायमंड हार्बर तथा साल्‍ट लेक सिटी अवस्थित है – कोलकाता में
  • डिंडीगुल नाम है – तमिलनाडु में एक नेगर का
  • हरित राजमार्ग का लक्ष्‍य है – वृक्षारोपण
  • भारत में पीतल के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है – मुरादाबाद (उ.प्र.)
  • ‘जंगल महल’ कहलाने वाला क्षेत्र अवस्थित है – पश्चिम बंगाल में
  • भारत के प्रथम परमाणु रिएक्‍टर का नाम है – अप्‍सरा
  • भारतवर्ष में सर्वप्रथम दूरभाष का प्रादुर्भाव हुआ था – 1850 में
  • भारत में टेलीग्राफ सेवा सर्वप्रथम शुरू हुई थी – कलकत्‍ता और डायमंड हार्बर के मध्‍य

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