By:-- Nurool Ain Ahmad
कोशिका संबंधी महत्वपूर्ण प्रश्न – जीव विज्ञान प्रश्नोतरी | इस आर्टिकल में हमने कोशिका से जुड़े कुछ महत्वपुर्ण प्रश्नों को उनके उत्तर सहित शामिल किया है | आर्टिकल में हमने कोशिका से जुड़े जितने भी परीक्षा की दृष्टि से जोड़ा है | साथ ही कोशिका संबंधी महत्वपूर्ण प्रश्न- जीव विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाने वाले कोशिका विज्ञान (cytology) या कोशिका जैविकी (cell biology general science questions) विषयक महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर (biology gk questions) आदि इसमें सम्मिलित किये गये है |
कोशिका से क्या समझते हैं ?
कोशिका जीवधारियों की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई होती है | कोशिका प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं। सजीवों की सभी जैविक क्रियाएँ कोशिकाओं के भीतर होती हैं। प्रत्येक जीव का जीवन एक कोशिका से आरम्भ होता है | यदि वह इसी एक कोशिका के सहारे अपने जीवन को चलाता रहता है तो उसे एककोशिकीय जीव (Unicellular) जीव कहा जाता है, परन्तु अधिकांश जीवों में यह कोशिका विभाजन करती है और अंत में बहुकोशिकीय जीव बन जाता है |
कोशिका कितनी होती है?
कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। मानव शरीर में लगभग 60-90 ट्रिलियन सेल से बना होता है।
कोशिका की खोज किसने की और कब की?
कोशिका की खोज सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक ने 1665 में की। उन्होंने कार्क की एक महीन काट में मधुमक्खी के छत्ते के समान कोठरियाँ देखी जिन्हें उन्होंने कोशिका (सेल-Cell) का नाम दिया। हुक की इस खोज ने कोशिकाओं को जीवन की सबसे छोटी इकाइयों के रूप में समझने के लिए प्रेरित किया तथा कोशिका सिद्धांत की नींव रखी | 1939 ई० में श्लाइडेन तथा श्वान ने कोशिका सिद्धान्त प्रस्तुत किया जिसके अनुसार सभी सजीवों का शरीर एक या एकाधिक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है तथा सभी कोशिकाओं की उत्पत्ति पहले से उपस्थित किसी कोशिका से ही होती है।
कोशिका सिद्धान्त किसने प्रस्तुत किया ?
1939 ई० में श्लाइडेन तथा श्वान ने कोशिका सिद्धान्त प्रस्तुत किया जिसके अनुसार सभी सजीवों का शरीर एक या एकाधिक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है तथा सभी कोशिकाओं की उत्पत्ति पहले से उपस्थित किसी कोशिका से ही होती है।
कोशिका प्रायः छोटी होती है क्यों?
कोशिका के बड़े होने के साथ सतह का आयतन अनुपात छोटा हो जाता है। इस प्रकार, यदि कोशिका एक निश्चित सीमा से आगे बढ़ेगी तो पर्याप्त सामग्री कोशिका झिल्ली को पार करने में सक्षम नहीं हो पायेगी यही कारण है कि कोशिकाओं का आकार आम तौर पर छोटा होता है।
कोशिका का कार्य क्या है?
सजीवों की सभी जैविक क्रियाएँ कोशिकाओं के भीतर होती हैं। कोशिकाओं के भीतर ही आवश्यक आनुवांशिक सूचनाएँ होती हैं जिनसे कोशिका के कार्यों का नियंत्रण होता है तथा सूचनाएँ अगली पीढ़ी की कोशिकाओं में स्थानान्तरित होती हैं। कोशिका जीवधारियों की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई होती है | कोशिका प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं।
कोशिका का सबसे बड़ा कोशिकांग कौन सा है?
केंद्रक कोशिका का सबसे बड़ा कोशिकांग है। कोशिका द्रव्य में स्थित वह संरचना जो जीवद्रव्य की क्रियाओं को संचालित करता है अर्थात कोशिका का नियंत्रण करता है, केंद्रक कहलाता है | केंद्रक कोशिका का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है जो कोशिका के प्रबन्धक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केंद्रक में कोशिका की वंशानुगत जानकारी होती है और कोशिका के विकास और प्रजनन को नियंत्रित भी करती है|
यूकेरियोटिक से आप क्या समझते हैं?
इस प्रकार की कोशिकाओं में पूर्ण विकसित केन्द्रक अर्थात् केन्द्रक कला और केन्द्रिका युक्त तथा पूर्ण विकसित कोशिकांग पाए जाते हैं। इस प्रकार की कोशिकाओं के गुणसूत्र में DNA तथा हिस्टोन प्रोटीन से बनी इकाई न्यूक्लिओसोम पाई जाती हैं। ये कोशिका अर्थात् वास्तविक केन्द्रक वाली यूकैरियोटिक कोशिकाएँ अधिकांश शैवाल, उच्च पादप एवं जन्तुओं में पाई जाती हैं।
प्रोकैरियोटिक कोशिका क्या है ?
प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में केन्द्रक कला नहीं होती है। इस प्रकार केन्द्रकीय पदार्थ कोशिकाद्रव्य में बिखरा होता है। गुणसूत्र के स्थान पर हिस्टोन प्रोटीन रहित DNA के धागे होते हैं। ऐसी कोशिकाओं में पूर्ण रूप से विकसित कोशिकांगों का अभाव रहता है। ये कोशिकाएँ अर्थात् वास्तविक केन्द्रक रहित प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ नीले-हरे शैवाल, माइकोप्लाज्मा और जीवाणु में पाई जाती हैं।
मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका कौन है?
शुक्राणु मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका होती है। यह एक नर जनन कोशिका है ।
कोशिका कला कहाँ पाई जाती है?
केन्द्रक कोशिका के लगभग मध्य में स्थित एक गोलाकार या अण्डाकार संरचना होती है। सामान्यतया एक कोशिका में एक ही केन्द्रक पाया जाता है। केन्द्रक एक दोस्तरीय आवरण से घिरी संरचना है जिसे केन्द्रक कला कहते हैं। कोशिका कला या कोशिका झिल्ली (cell membrane) कोशिका की सबसे बाहरी परत, जो उसके विभिन्न घटकों को बाहरी वातावरण से अलग करती है।
सबसे छोटी कोशिका का नाम क्या है?
माइकोप्लाज़्मा को सबसे छोटी जीवित कोशिका के रूप में जाना जाता है लेकिन इसमें कोशिका भित्ति नहीं होती है। ये एककोशिकीय जीव हैं जो ऑक्सीजन के बिना जीवित रह सकते हैं।
रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज कैसे की?
कोशिका की खोज सबसे पहले सन् 1665 में “रॉबर्ट हुक”(Robert Hooke) ने किया था रॉबर्ट हुक ने कंपाउंड माइक्रोस्कोप की मदद से बोतल की काॅर्क की महीन टुकड़ों में मधुमक्खी के छत्ते के समान कोठरियां देखी, जिसको उन्होंने “कोशिका” का नाम दिया इसलिए उन्हें कोशिका (Cell) के खोजकर्ता कहा जाता है
कोशिका चक्र क्या है ?
कोशिका चक्र, या कोशिका-विभाजन चक्र, एक कोशिका में होने वाली घटनाओं की श्रृंखला है जो इसे दो कोशिकाओं (daughter cell) में विभाजित करने का कारण बनती है।
कोशिका चक्र का क्रम क्या है?
एक कोशिका चक्र घटनाओं की एक श्रृंखला है जो एक कोशिका के बढ़ने और विभाजित होने पर घटित होती है अर्थात घटनाओं का वह अनुक्रम जिसमे कोशिका अपने जीनोम का द्विगुणन एवं अन्य संघटको का संश्लेषण होता है और इसके बाद विभाजित होकर दो नयी संतति कोशिकाओं का निर्माण करती है, कोशिका चक्र कहलाती है। कोशिका चक्र की दो मूल प्रावस्थाएँ होती है अर्थात सम्पूर्ण प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है, प्रथम चरण में कोशिका के केन्द्रक का विभाजन होता है। इस प्रक्रिया को केन्द्रक-विभाजन (कैरियोकाइनेसिस) कहते हैं। विभाजन के द्वितीय चरण में कोशिका-द्रव्य का विभाजन होता है। इस प्रक्रिया को कोशिका-द्रव्य विभाजन कहते हैं।
मनुष्य में कोशिका चक्र कितने समय का होता है?
मनुष्य में कोशिका चक्र 24 घंटे का होता है |
कोशिका चक्र का सबसे लंबा चरण कौन सा है?
कोशिका चक्र की सम्पूर्ण प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है, प्रथम चरण में कोशिका के केन्द्रक का विभाजन होता है। इस प्रक्रिया को केन्द्रक-विभाजन (कैरियोकाइनेसिस) कहते हैं। विभाजन के द्वितीय चरण में कोशिका-द्रव्य का विभाजन होता है। इस प्रक्रिया को कोशिका-द्रव्य विभाजन कहते हैं।
कोशिका चक्र का प्रशांत प्रावस्था Go क्या है?
वे कोशिकाएँ जो आगे विभाजित नहीं होती हैं तथा निष्क्रिय अवस्था में पहुँचती हैं, जिसे कोशिका, चक्र की प्रशांत अवस्था (G0) कहा जाता है। इस अवस्था की कोशिका उपापचयी रूप से सक्रिय होती है, लेकिन विभाजित नहीं होती, इनमें विभाजन जीव की आवश्यकता के अनुसार होता है।
यीस्ट को कोशिका चक्र पूरा करने में कितना समय लगता है?
यीस्ट के कोशिका चक्र के पूर्ण होने में लगभग नब्बे मिनट लगते हैं।
जीवद्रव्य क्या है ?
कोशिका का एक बड़ा भाग है, जो कोशिका झिल्ली या प्लाज्मा झिल्ली से घिरा एक तरल पदार्थ होता है। इसमें बहुत से कोशिका के घटक होते हैं, जिसे कोशिका अंग कहते हैं, जो कोशिका के लिए विशिष्ट कार्य करते हैं। कोशिकाद्रव्य तथा केन्द्रक दोनों को मिलाकर जीवद्रव्य कहलाता है। यह कोशिकाद्रव्य चिपचिपा, रंगहीन तथा कणिकामय होती है। यहाँ एन्जाइम की प्रचुरता होती है।
गॉल्जीकाय की खोज कब हुई?
गॉल्जीकाय (Golgi apparatus also known as the Golgi complex, Golgi body) की पहचान 1897 में इतालवी वैज्ञानिक कैमिलो गोल्गी (Camillo Golgi) ने की थी और 1898 में उनके नाम गॉल्जीकाय का नाम रखा गया था | कैमिलो गोल्गी इटली का एक तंत्रिका वैज्ञानिक था, जिसने श्वेत उलूक (Barn Owl) की तंत्रकोशिकाओं में इसका पता लगाया, जो उसके नाम से ही विख्यात है। इसकी आकृति चपटी होती है तथा ये एक के बाद एक समानान्तर रूप में स्थिर रहे हैं। गॉल्जीकाय को लाइपोकॉण्ड्यिा या डिक्टियोसोम भी कहा जाता है।
कोशिका का ट्रैफिक पुलिस किसे कहा जाता है ?
गॉल्जीकाय को कोशिका को ‘ट्रैफिक पुलिस‘ भी कहा जाता है।
कोशिका का कौन सा अंग आत्मघाती थैली के नाम से जाना जाता है?
लाइसोसोम (Lysosome) को कोशिका की आत्मघाती थैली या आत्महत्या की थैली कहा जाता है | यह कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तन्त्र है। लाइसोसोम में बहुत शक्तिशाली पाचन एंजाइम (digestive enzymes) होते हैं जो कार्बनिक पदार्थ को तोड़ देते हैं। कोशिकीय उपापचय में रूकावट के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मर हो जाती है तो लाइसोसोम फट जाते हैं और अपनी ही कोशिका को पाचित कर देते हैं या खा जाते या नष्ट हो जाते हैं। असल में लाइसोसोम कोशिका का आमाशय (पेट) होते हैं। एसिड भरी ये थैलियां फटने पर उनके एसिड तत्व कोशिका को ही नष्ट कर देते हैं।
क्यों लाइसोसोम आत्मघाती बैग कहा जाता है?
लाइसोसोम (lysosomes) को आत्मघाती थैली (suicide bags) इसलिए कहते हैं क्योकि यह कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तन्त्र है। लाइसोसोम में बहुत शक्तिशाली पाचन एंजाइम (digestive enzymes) होते हैं जो कार्बनिक पदार्थ को तोड़ देते हैं। कोशिकीय उपापचय में रूकावट के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मर हो जाती है तो लाइसोसोम फट जाते हैं और अपनी ही कोशिका को पाचित कर देते हैं या खा जाते या नष्ट हो जाते हैं। असल में लाइसोसोम कोशिका का आमाशय (पेट) होते हैं। एसिड भरी ये थैलियां फटने पर उनके एसिड तत्व कोशिका को ही नष्ट कर देते हैं।
कोशिका के किस अंगक को बिजलीघर कहते हैं और क्यों?
चूँकि सभी आवश्यक रासायनिक क्रियाओं को करने के लिए माइटोकॉण्ड्रिया ATP के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं इसिलिय माइटोकाण्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा संयन्त्र या बिजली घर कहा जाता है। माइटोकाण्ड्रिया में जो एन्जाइम होते है वो भोजन पदार्थो का ऑक्सीकरण करके ऊर्जा का निर्माण करते है, जो ए.टी.पी. के रूप में एकत्र होती है।
मानव तंत्रिका कोशिका का रेखाचित्र बनाइए | | तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा क्या कार्य किया जाता है ?
तंत्रिका कोशिका संदेश प्राप्त कर उनका स्थानान्तरण करती है, जिसके द्वारा यह शरीर में नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य करती है। इस कोशिका का कार्य मस्तिष्क से सूचना का आदान प्रदान और विश्लेषण करना है किसी चीज के स्पर्श छूने, ध्वनि या प्रकाश के होने पर ये तंत्रिका कोशिका ही प्रतिक्रिया करते हैं और यह अपने संकेत मेरु रज्जु और मस्तिष्क को भेजते हैं। मोटर तंत्रिका कोशिका मस्तिष्क और मेरु रज्जु से संकेत ग्रहण करते हैं। मांसपेशियों की सिकुड़न और ग्रंथियां इससे प्रभावित होती है। एक सामान्य और साधारण तंत्रिका कोशिका में एक कोशिका यानि सोमा, डेंड्राइट और कार्रवाई होते हैं। तंत्रिका कोशिका का मुख्य हिस्सा सोमा होता है।
माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा क्यों कहते हैं?
माइटोकॉन्ड्रिया किसी भी कोशिका के अंदर पाया जाता है जिसका मुख्य काम कोशिका के हर हिस्से में ऊर्जा पहुंचाना होता है | माइटोकाण्ड्रिया में जो एन्जाइम होते है वो भोजन पदार्थो का ऑक्सीकरण करके ऊर्जा का निर्माण करते है, जो ए.टी.पी. के रूप में एकत्र होती है। इसी कारण माइटोकांड्रिया को कोशिका का पावर हाउस भी कहा जाता है |
अर्धस्वायत्त कोशिकांग (semi autonomous organelle) किसे कहा जाता है ?
माइटोकॉण्ड्रिया के मैट्रिक्स में क्रैब्स चक्र के एन्जाइम, DNA, राइबोसोम तथा RNA स्थित होते हैं इसलिए माइटोकॉण्ड्रिया को अर्धस्वायत्त कोशिकांग (semi autonomous organelle) कहा जाता है।
अर्द्धस्वशासित कोशिकांग कोनसे है ?
माइटोकॉण्ड्रिया और हरितलवक अर्द्धस्वशासित कोशिकांग कहलाते हैं।
पादप कोशिका और जंतु कोशिका में क्या अंतर है?
पादप कोशिका
कोशिका कला चारों ओर से एक भित्ति द्वारा घिरी रहती है, जिसे कोशिका भित्ति कहते हैं, जो प्रायः सेलुलोज नामक पदार्थ की बनी होती है।
बड़ी-बड़ी रसधानियाँ होती हैं, जो कि कोशिका का काफी बड़ा भाग घेरे रहती हैं।
लवक पाए जाते हैं (हरे हरितलवक, रंगहीन ल्यूकोप्लास्ट एवं रंगीन क्रोमोप्लास्ट)।
अधिकांश पौधों की कोशिकाओं में सेन्ट्रोसोम नहीं पाए जाते हैं।
अधिकांश पौधों की कोशिकाओं में लाइसोसोम नहीं मिलते।
जन्तु कोशिका
कोशिका कला के बाहर कोई भित्ति नहीं होती। कोशिका कला ही कोशिका की सीमा है।
रसधानियाँ अनुपस्थित या बहुत छोटी होती हैं। अतः कोशिकाद्रव्य कोशिका में समान रूप से वितरित रहता है
लवक नहीं पाए जाते हैं।
अधिकांश जन्तुओं की कोशिकाओं में सेण्ट्रोसोम पाए जाते हैं।
लाइसोसोम पाए जाते हैं।
प्रोकैरियोटिक में कौन कौन से जीव आते हैं?
प्रोकैरियोटिक कोशिका नीले- हरे शैवालों तथा जीवाणुओं में ये कोशिकाएं पायी जाती हैं। प्रोकैरियोटिक कोशिका में क्लोरोप्लास्ट, गॉल्जीबाड़ी, तारककाय, माइक्रोकान्ड्रिया तथा अन्तः द्रव्यीजालिका (E.R.) नहीं पायी जाती है। फिर भी 70S प्रकार के राइबोसोम्स पाये जाते हैं तथा इनमें डीएनए हिस्टोन प्रोटीन से सम्बद्ध नहीं होता है।
प्रोकैरियोटिक जीव कौन सा होता है?
सबसे छोटा ज्ञात प्रोकैरियोटिक जीव माइकोप्लाज्मा है। माइकोप्लाज्मा सबसे छोटे मुक्त जीव हैं और बैक्टीरिया के सबसे सरल माने जाते हैं। वे जीवाणु वर्ग मोलिक्यूट्स से संबंधित हैं, जिनके सदस्य कोशिका भित्ति की कमी और उनके प्लाज्मा जैसे रूप से प्रतिष्ठित हैं।
माइकोप्लाज्मा क्या है ?
माइकोप्लाज्मा सबसे छोटे मुक्त जीव हैं और बैक्टीरिया के सबसे सरल माने जाते हैं। वे जीवाणु वर्ग मोलिक्यूट्स से संबंधित हैं, जिनके सदस्य कोशिका भित्ति की कमी और उनके प्लाज्मा जैसे रूप से प्रतिष्ठित हैं। सबसे छोटा ज्ञात प्रोकैरियोटिक जीव माइकोप्लाज्मा ही है।
सबसे लंबी कोशिका का नाम क्या है?
मनुष्यों में सबसे लम्बी कोशिका न्यूरॉन्स जिन्हें तंत्रिका कोशिका (nerve cell) भी कहा जाता है होती है | न्यूरॉन्स या तंत्रिका कोशिकाएं 3 फीट तक लंबी हो सकती हैं। ये मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की मूलभूत इकाइयाँ हैं । एक विशिष्ट न्यूरॉन में एक cell morphology होता है जिसे सोमा कहा जाता है, इनकी बाल जैसी संरचनाएं जिन्हें डेंड्राइट्स और एक अक्षतंतु कहा जाता है। न्यूरॉन्स पूरे शरीर में दिमाग के जरिये knowledge पहुंचाने में सक्षम होते हैं। न्यूरॉन्स में भी विशेषत: motor neuron (मोटर न्यूरॉन) सबसे बड़ी कोशिका होती है | महिलाओं के शरीर में मानव अंडाणु (human egg ) जो की एक अपवाद (exception) है, वास्तव में शरीर की सबसे बड़ी कोशिका होती है |
महिला शरीर में सबसे बड़ी कोशिका कौन सी है?
मानव अंडाणु (human egg ) या अंडकोशिका जो की एक अपवाद (exception) है, वास्तव में शरीर की सबसे बड़ी कोशिका है और इसे बिना सूक्ष्मदर्शी के देखा जा सकता है। अन्य मानव कोशिकाओं की तुलना में, अंडे की कोशिकाएं बहुत बड़ी होती हैं। वे व्यास में 100 माइक्रोन हैं (जो कि एक मीटर का दस लाखवां हिस्सा है) और बालों के एक कतरा के बराबर चौड़ाई में होते है।
सबसे छोटी मानव कोशिका कोनसी होती है ?
सेरिबैलम (Cerebellum)की ग्रेन्युल कोशिका (Granule Cell) मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका होती है जो 4 माइक्रोमीटर से 4.5 माइक्रोमीटर लंबी होती है। RBC का आकार भी लगभग 5 माइक्रोमीटर पाया गया है ।
मानव शरीर की सबसे लम्बी और सबसे बड़ी कोशिका कौन सी है?
मानव अंडाणु (human egg ) या अंडकोशिका मानव शरीर (महिलाओं में ) की सबसे बड़ी कोशिका है। तंत्रिका कोशिका शरीर में सबसे लंबी कोशिका है।
कोशिका झिल्ली के कौन कौन से कार्य हैं?
कोशिका झिल्ली लचीली होती है और कार्बनिक अणुओं; जैसे-ग्लाइकोप्रोटीन तथा ग्लाइकोलिपिड की बनी होती है। कोशिका झिल्ली का लचीलापन एककोशिकीय जीवों में कोशिका के बाह्य वातावरण से भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में सहायता करता है। इस प्रक्रिया को एण्डोसाइटोसिस कहते हैं। अमीबा इसी प्रक्रिया द्वारा भोजन ग्रहण करता है। कोशिका झिल्ली कोशिका की आकृति का निर्माण करती है एवं जीव द्रव्य की रक्षा करती है। साथ ही कोशिका झिल्लीअन्तर कोशिकीय विसरण एवं परासरण की क्रिया को नियंत्रित करने के साथ-साथ यह विभिन्न रचनाओं के निर्माण में भी सहायता करती है। कोशिका झिल्ली को सी. क्रेमर एवं नेगेली (1855) ने कोशिका कला एवं प्लोव ने जीवद्रव्य कला कहा।
कोशिका कला क्या है ?
कोशिका कला या कोशिका झिल्ली कोशिका की सबसे बाहरी परत, जो उसके विभिन्न घटकों को बाहरी वातावरण से अलग करती है। कोशिका के सभी अवयव एक पतली झिल्ली द्वारा घिरे रहते हैं। यह झिल्ली आवश्यक पदार्थों को अन्दर अथवा बाहर जाने देती है। इसी को चयनात्मक पारगम्यता (selective permeability) कहते हैं। इस दृष्टि से O2 एवं CO2, कोशिका झिल्ली के आर-पार विसरण प्रक्रिया तथा जल परासरण प्रक्रिया द्वारा कोशिका के अन्दर एवं बाहर होते हैं।
लाइसोसोम कौन बनाता है?
लाइसोसोम मुख्यतया जन्तु कोशिकाओं में पाई जाने वाली गोल इकहरी झिल्लियों से घिरी थैलियाँ है, जिसमें 50 हाइड्रोलिटिक एन्जाइम पाए जाते हैं वे एक एकल झिल्ली से घिरे होते हैं जो मोटाई में 100 एनएम तक होती है। वे गॉल्जी तंत्र द्वारा बनते हैं और इनमें लगभग 60 विभिन्न प्रकार के अम्ल हाइड्रोलाज़ होते हैं जो विभिन्न सामग्रियों के पाचन में मदद करते हैं। , यह लगभग 5 pH पर कार्य करते हैं। यह कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तन्त्र है। लाइसोसोम में उपस्थित पाचनकारी एन्जाइम कार्बनिक पदार्थ को तोड़ देते हैं। लाइसोसोम को आत्महत्या की थैली भी कहा जाता है।
कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने कब की?
कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने 1665 में की | कोशिका जीवधारियों की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई होती है | कोशिका प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं।
प्रोकैरियोटिक एवं यूकैरियोटिक कोशिका में क्या अंतर है?
प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं (Prokaryotic Cell) में केन्द्रक कला नहीं होती है। इस प्रकार केन्द्रकीय पदार्थ कोशिकाद्रव्य में बिखरा होता है। गुणसूत्र के स्थान पर हिस्टोन प्रोटीन रहित DNA के धागे होते हैं। ऐसी
कोशिकाओं में पूर्ण रूप से विकसित कोशिकांगों का अभाव रहता है। ये कोशिकाएँ अर्थात् वास्तविक केन्द्रक रहित प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ नीले-हरे शैवाल, माइकोप्लाज्मा और जीवाणु में पाई जाती हैं।
यूकैरियोटिक कोशिका (Eukaryotic Cell) कोशिकाओं में पूर्ण विकसित केन्द्रक अर्थात् केन्द्रक कला और केन्द्रिका युक्त तथा पूर्ण विकसित कोशिकांग पाए जाते हैं। इस प्रकार की कोशिकाओं के गुणसूत्र में DNA तथा हिस्टोन प्रोटीन से बनी इकाई न्यूक्लिओसोम पाई जाती हैं। ये कोशिका अर्थात् वास्तविक केन्द्रक वाली यूकैरियोटिक कोशिकाएँ अधिकांश शैवाल, उच्च पादप एवं जन्तुओं में पाई जाती हैं।
वनस्पति तथा जंतु कोशिका में समान रूप से क्या पाए जाते हैं?
संरचनात्मक रूप से, पौधे और जंतु कोशिकाएं बहुत समान हैं क्योंकि वे दोनों यूकेरियोटिक कोशिकाएं हैं। इन दोनों में केन्द्रक, माइटोकॉन्ड्रिया, अन्तःप्रद्रव्यी जालिका, गॉल्जीकाय, लाइसोसोम और पेरॉक्सिसोम जैसे झिल्ली-बद्ध अंग होते हैं। दोनों में समान झिल्ली, साइटोसोल और साइटोस्केलेटल तत्व भी होते हैं। कोशिका सिदान्त वनस्पति विज्ञान शास्त्री श्लाइडेन और जन्तु विज्ञान शास्त्री श्वान ने प्रस्तुत की थी, जिसके अनुसार, सभी पौधे तथा जन्तु कोशिकाओं से बने हैं और ये जीवन की मूलभूत इकाई हैं। जीवधारियों (जन्तु एवं वनस्पति) का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं से बने होते हैं, जो शरीर की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है तथा जीवद्रव्य इसका भौतिक आधार होता है। कोशिका सिदान्त वनस्पति विज्ञान शास्त्री श्लाइडेन और जन्तु विज्ञान शास्त्री श्वान ने प्रस्तुत की थी, जिसके अनुसार, सभी पौधे तथा जन्तु कोशिकाओं से बने हैं और ये जीवन की मूलभूत इकाई हैं। जीवधारियों (जन्तु एवं वनस्पति) का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं से बने होते हैं, जो शरीर की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है तथा जीवद्रव्य इसका भौतिक आधार होता है।
प्लांट सेल और एनिमल सेल में क्या अंतर है?
पादप कोशिका (प्लांट सेल) में कोशिका कला चारों ओर से एक भित्ति द्वारा घिरी रहती है, जिसे कोशिका भित्ति कहते हैं, जो प्रायः सेलुलोज नामक पदार्थ की बनी होती है।
पादप कोशिका (प्लांट सेल) में बड़ी-बड़ी रसधानियाँ होती हैं, जो कि कोशिका का काफी बड़ा भाग घेरे रहती हैं। पादप कोशिका (प्लांट सेल) में लवक पाए जाते हैं (हरे हरितलवक, रंगहीन ल्यूकोप्लास्ट एवं रंगीन क्रोमोप्लास्ट)। अधिकांश पौधों की कोशिकाओं में सेन्ट्रोसोम नहीं पाए जाते हैं। अधिकांश पौधों की कोशिकाओं में लाइसोसोम नहीं मिलते।
जबकि जन्तु कोशिका ( एनिमल सेल) में कोशिका कला के बाहर कोई भित्ति नहीं होती। कोशिका कला ही कोशिका की सीमा है। जन्तु कोशिका ( एनिमल सेल) में रसधानियाँ अनुपस्थित या बहुत छोटी होती हैं। अतः कोशिकाद्रव्य कोशिका में समान रूप से वितरित रहता है | जन्तु कोशिका ( एनिमल सेल) में लवक नहीं पाए जाते हैं। अधिकांश जन्तुओं की कोशिकाओं में सेण्ट्रोसोम पाए जाते हैं। जन्तु कोशिका ( एनिमल सेल) में लाइसोसोम पाए जाते हैं।
लाइसोसोम कैसे उत्पन्न होते हैं?
अन्तःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) और गॉल्जी काय (Golgi body) के द्वारा लाइसोसोम का निर्माण के द्वारा होता है। अन्तःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) के द्वारा लाइसो सोम के एंजाइमों का निर्माण होता है। लाइसोसोम मुख्यतया जन्तु कोशिकाओं में पाई जाने वाली गोल इकहरी झिल्लियों से घिरी थैलियाँ है, जिसमें 50 हाइड्रोलिटिक एन्जाइम पाए जाते हैं, जो लगभग 5 pH पर कार्य करते हैं। यह कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तन्त्र है। लाइसोसोम में उपस्थित पाचनकारी एन्जाइम कार्बनिक पदार्थ को तोड़ देते हैं। लाइसोसोम को आत्महत्या की थैली भी कहा जाता है।
माइटोकांड्रिया के तीन कार्य क्या है?
माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का पावर हाउस या ऊर्जा घर कहां जाता है इसमें ऑक्सीश्वसन के दौरान निकलने वाली ऊर्जा एडिनोसीन ट्राईफॉस्फेट (ATP) के रूप में संचित रहती है और सभी आवश्यक रासायनिक क्रियाओं को करने के लिए माइटोकॉण्ड्रिया ATP के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया के मैट्रिक्स में क्रैब्स चक्र के एन्जाइम, DNA, राइबोसोम तथा RNA स्थित होते हैं इसलिए माइटोकॉण्ड्रिया को अर्धस्वायत्त कोशिकांग (semi autonomous organelle) कहा जाता है।
लवक कहाँ पाए जाते है?
लवक पादप कोशिकाओं के कोशिका द्रव में पाए जाने वाले गोल या अंडाकार रचना हैं, इनमें पादपों के लिए महत्त्वपूर्ण रसायनों का निर्माण होता है। लवक केवल पादप कोशिकाओं में स्थित होते हैं। ये तीन प्रकार के अर्थात् हरितलवक, अवर्णी लवक तथा वर्णी लवक होते हैं। हरितलवक (क्लोरोप्लास्ट) नामक हरे रंग के लवक में जीव जगत की सबसे महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक क्रिया प्रकाश-संश्लेषण होती है।
कौन से कोशिकांग सक्रिय श्वसन स्थल है?
कोशिका में श्वसन की क्रिया का कार्यस्थल माइटोकॉन्ड्रिया को कहा जाता है। श्वसन ऐसी प्रक्रिया है जिसके दौरान शरीर की आवश्यकता के लिए उसकी स्तर पर कहें तो कोशिका की ऊर्जा की आपूर्ति के लिए आवश्यक एडिनोसीन ट्राईफॉस्फेट (ATP) की उत्पत्ति श्वसन की क्रिया के द्वारा की जाती है। माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का पावर हाउस या ऊर्जा घर कहां जाता है इसमें ऑक्सीश्वसन के दौरान निकलने वाली ऊर्जा एडिनोसीन ट्राईफॉस्फेट (ATP) के रूप में संचित रहती है और सभी आवश्यक रासायनिक क्रियाओं को करने के लिए माइटोकॉण्ड्रिया ATP के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं।
माइटोकॉण्ड्रिया की अन्तःकला में क्या स्थित होता है ?
क्रेब्स चक्र का सक्सिनिक डीहाइड्रोजीनेज एन्जाइम माइटोकॉण्ड्रिया की अन्तःकला में स्थित होता है।
कोशिका का कोनसा भाग जीवन का आधार होता है ?
हक्सले ने बताया कि जीवद्रव्य जीवन का भौतिक आधार है।
गॉल्जीकाय का कार्य क्या है ?
गॉल्जीकाय पादप कोशिकाओं में कोशिका पट्ट के निर्माण में भाग लेती हैं, इसलिए कोशिका विभाजन के समय संख्या बढ़ जाती है।
लोमासोम किसे कहते है ?
कवकों में कोशिका भित्ति व प्लाज्मालेमा के बीच पाई जाने वाली विशेष रचना लोमासोम कहलाती है।
टीलोमीयर क्या होते है ?
गुणसूत्र के सिरों को टीलोमीयर कहते हैं, ये गुणसूत्रों को स्थायित्व प्रदान करते हैं।
प्रकाश-संश्लेषण की इकाई कोशिका कोनसी है ?
थाइलेकॉइड पर पाई जाने वाली कोशिकाएँ क्वान्टासोम प्रकाश-संश्लेषण की इकाई है। प्रत्येक क्वान्टासोम में 250-300 हरितलवक अणु उपस्थित होते हैं।
यूकैरियोटिक कोशिका के कोशिकाद्रव्य, हरितलवक तथा माइटोकॉण्ड्रिया में किस प्रकार के राइबोसोम होते है ?
यूकैरियोटिक कोशिका के कोशिकाद्रव्य में 80S प्रकार के राइबोसोम तथा हरितलवक तथा माइटोकॉण्ड्रिया में 70 S प्रकार के राइबोसोम उपस्थित होते हैं।
राइबोसोम अन्तःप्रद्रव्यी जालिका से कैसे जुड़े होते है ?
राइबोसोम अन्तःप्रद्रव्यी जालिका से एक ग्लाइकोप्रोटीन राइबोफोरीन द्वारा जुड़े होते हैं।
सपाट अन्तःप्रद्रव्यी जालिका पर किसका संश्लेषण होता है ?
सपाट अन्तःप्रद्रव्यी जालिका पर लिपिड का संश्लेषण होता है।
अलग अलग जीवों में हरितलवक के आकार
क्लोरेला एवं क्लेमाइडोमोनास में हरितलवक प्यालेनुमा, यूलोथ्रिक्स में मेखलाकार, जिग्निमा में तारेनुमा, क्लेडोफोरा एवं ऊडोगोनियम में जालिकामय एवं स्पाइरोगायरा में कुण्डलाकार होते हैं।
ग्रेना किसमे नही पाए जाते है ?
शैवालों तथा बण्डल आच्छद कोशिकाओं की हरितलवक में ग्रेना नहीं पाये जाते हैं
Hell Lot of Thanxxx।
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