अनेकार्थी शब्द को अनेकार्थक शब्द भी कहते हैं। ऐसे शब्द जिनके अनेक या एक से अधिक अर्थ होते हैं अर्थात भिन्न-भिन्न प्रसंगों में प्रयुक्त होकर अलग-अलग अर्थ ग्रहण करते हैं, अनेकार्थी या अनेकार्थक शब्द कहलाते हैं। हिन्दी भाषा में ऐसे शब्दों की प्रचुरता है। विभिन्न परीक्षाओं में इन शब्दों पर प्रश्न पूछे जाते हैं। कुछ शब्दों की सूची इस प्रकार है
कुछ ऐसे ही शब्दों का संग्रह नीचे दिए जा रहे हैं –
- अंबर – आकाश, कपड़ा
- अदृष्ट – जो देखा न जाए, भाग्य, गुप्त, रहस्य।
- अक्षर – अविनाशी, वर्ण, ईश्वर, आत्मा, आकाश, धर्म, तप।
- अब्धि – सागर, समुद्र।
- अज – ब्रह्म, शिव, बकरा, दशरथ के पिता।
- अब्ज – चंद्रमा, कमल, शंख, कपूर।
- अंतर – हृदय, भेद, फर्क, व्यवधान, अवधि, अवसर।
- अंक – नाटक का सर्ग, परिच्छेदन, नंबर, चिह्न, गोद।
- अमर – ईश्वर, देवता, शाश्वत, आकाश और धरती के मध्य में।
- अधर – होंठ, नीचे, पराजित।
- अक्ष – रथ की धुरी, जुआ खेलना, पासा, रेखा, जो दोनों ध्रुवों को मिलाए।
- अर्थ – ऐश्वर्य, धन, हेतु, मतलब, प्रयोजन।
- अर्क – सूर्य, रस, आका का पौधा।
- अनंत – आकाश, जिसका अंत न हो, ईश्वर, शेषनाग।
- आली – सखी, पंक्ति।
- अलि – सखी, कोयल, भँवरा।
- अवधि – समय, सीमा।
- आदि – आरंभ, इत्यादि।
- उपचार – इलाज, उपाय।
- अरूण – हल्का लाल रंग, सूर्य का सारथी, प्रभात का सूर्य।
- अवकाश – छुट्टी, बीच के आराम का समय, मौका।
- अपवाद – निंदा, किसी नियम का विरोधी।
- अभिजात – पूज्य, उच्च कुल का, सुंदर।
- उत्तर – उत्तर दिशा, जवाब, पीछे।
- आम – (फलों का राजा) फल, साधारण, विख्यात।
- और – तथा, दूसरा, अधिक, योजक शब्द।
- कनक – धतूरा, सोना, गेहूँ।
- कर – हाथ, किरण, हाथी की सूँड़, टैक्स, करना, क्रिया।
- कर्ण – कान, पतवार, कुंती पुत्र कर्ण, त्रिभुज के समकोण के सामने की भुजा।
- कल – बीता दिन, आने वाला दिन, सुख, मशीन।
- काल – अवसर, समय, मृत्यु, यम, शनि, शिव।
- काम – कार्य, धंधा, कामदेव, इच्छा, शुक्र।
- कुल – वंश, सारा, सभी।
- कोश – कोष, खज़ाना, डिक्शनरी, म्यान, फूल का भीतरी भाग।
- गुण – विशेषता, रस्सी स्वभाव।
- गुरू – शिक्षक, श्रेष्ठ, बड़ा, भारी, दो मात्राएँ (छंद में)।
- ग्रहण – लेना, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, स्वीकार करना।
- गिरा – बोलने की शक्ति, जीभ, सरस्वती, वाणी।
- गौ – गाय, इंद्रिय, वाणी, पृथ्वी।
- घट – घड़ा, हृदय, कम, देह, पिंड।
- घन – बादल, घना, भारी।
- चक्र – अस्त्र, पहिया, गोल वस्तु, चक्कर, भँवर।
- चीर – रेखा, वस्त्र, चीरना, पट्टी।
- चपला – स्त्री, बिजली, लक्ष्मी, नटखट, चंचल।
- जवान – युवा, सैनिक, योद्धा।
- जीवन – जिंदगी, प्राण, जल, वृत्ति।
- जड़ – मूल, मूर्ख, सरदी से ठिठुरा, अचेतन।
- तीर – बाण, तीर का निशान, तट।
- तात – पिता, भाई, पूज्य, मित्र।
- तनु – शरीर, पतला, कम, कोमल।
- तम – अँधेरा, कालिख, अज्ञान, क्रोध, राहु, पाप।
- तप – तपस्या, साधना, अग्नि।
- तार – धातु का तार, तारघर से संदेश भेजना, तारना।
- तारा – आँख की पुतली, सितारा, महाराजा हरिश्चंद्र की पत्नी।
- दल – पत्ता, समूह, सेना, पक्ष।
- दक्षिण – दक्षिण दिशा, दाहिना, अनुकूल।
- दक्ष – कुशल, अग्नि, नदी, प्रजापति।
- द्विज – ब्राह्मण, पक्षी, दाँत, चंद्रमा।
- धन – पूँजी, द्रव्य।
- धारणा – बुद्धि, विचार, विश्वास।
- नाग – सर्प, हाथी, नागकेसर।
- नग – नगीना, पर्वत।
- नायक – मुख्यपात्र, नेता, मार्गदर्शक।
- पट – कपड़ा, दरवाज़ा, तख्ता।
- पत्र – पत्ता, चिट्ठी, पृष्ठ, पंख।
- पद – पैर, शब्द, छंद, पदवी, अधिकार, स्थान, भाग, गीत।
- पय – पानी, दूध।
- प्रकृति – स्वभाव, कुदरत, मूलावस्था।
- पतंग – सूर्य, कीट, आकाश में उड़ाई जाने वाली पतंग।
- पानी – चमक, जल, प्रतिष्ठा, जीवन।
- पोत – नाव, लड़का।
- पक्ष – पंख, बल, आधार, एक दल के लोग।
- प्रसाद – आशीर्वाद, कृपा, हर्ष।
- पयोधर – तालाब, नारियल, स्तन, बादल।
- पृष्ठ – कापी या पुस्तक का पन्ना, पीठ, पिछला भाग।
- पूर्व – पहले, पिछला, पुराना, एक दिशा।
- फल – फल, नतीजा, चीकू का फल।
- बल – शक्ति, सेना।
- भूत – प्रेत, बीता हुआ समय, पंचभूत, प्राणी।
- भृति – मज़दूरी, मूल्य, वेतन।
- भेद – राज़, प्रकार, फूट।
- भोग – भाग्य, खाना, सहना।
- मत – नहीं, राय, संप्रदाय।
- मधु – शराब, शहद, एक राक्षस, मधु ऋतु (वसंत)।
- मूल – जड़, आधार, असल धन।
- रस – जड़, निचोड़, खट्टा-मीठा आनंद।
- रश्मि – किरण, लगाम की रस्सी।
- वर – वरदान, दूल्हा, श्रेष्ठ।
- वर्ण – रंग, अक्षर, ब्राह्मण आदि चार वर्ण।
- वास – निवास, घर, सुगंध।
- वंश – गन्ना, बाँस, खानदान, समूह।
- विधि – रीति, ब्रह्मा, भाग्य, ईश्वर।
- सूर – सूर्य, सूरदास एक कवि, अंधा व्यक्ति, शूरवीर।
- सारंग – मोर, साँप, बादल, हिरण।
- निशाचर – राक्षस, उल्लू, चोर।
- स्नेह – प्रेम, तेल, चिकनाहट, कोमलता।
- श्रुति – वेद, कान।
- स्कंध – कंधा, पेड़ का तना, ग्रंथ का भाग।
- श्री – शोभा, लक्ष्मी, धनवैभव, संपत्ति।
- हरि – सूर्य, विष्णु, इंद्र, सिंह।
- हर – शिव, चुरा लेना।
- हल – खेत जोतने का यंत्र, समाधान, उत्तर।
- हंस – एक पक्षी, अश्व, ब्रह्मा, प्राणवायु, जीवात्मा।
- हार – फूलों की माला, हारना।
- कला – ढंग, उपाय, गुण, कला (आर्ट) विषय।
- कक्ष – कमरा, बगल।
- कक्षा – छात्रों की श्रेणी, समूह।
- कुंडल – कान की बाली, साँप का कुंडली मारकर बैठना।
- कुटिल – दुष्ट, घुंघराला, टेढ़ा।
- खग – पक्षी, आकाश।
- गण – छंद का अंग, समूह, भूत।
- गति – दशा, चाल।
- मित्र – साथी, सूर्य।
- रंग – प्रेम, दशा, वर्ण
समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द
हिंदी भाषा में कुछ ऐसे शब्द होते हैं, जिनका उच्चारण एक समान प्रतीत होता है, परंतु उनमें सूक्ष्म अंतर होता है और अर्थ बिल्कुल भिन्न होता है। जैसे – पुरूष, परूष इनका उच्चारण तो लगभग एक ही जैसा है, परंतु अर्थ (पुरूष – मर्द, परूष – अप्रिय) बिल्कुल भिन्न है। इसी तरह के कुछ शब्द नीचे दिए जा रहे हैं।
- अंश – भाग, हिस्सा
- अंस – कंधा
- अनल – आग
- अनिल – वायु
- अचल – पर्वत
- अचला – पृथ्वी
- अकार – ‘अ’ अक्षर
- आकार – रूप-रेखा
- अजात – न पैदा हुआ
- अज्ञात – न जाना हुआ
- अवधि – सीमा
- अवधी – अवध की भाषा
No comments:
Post a Comment