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भारतीय संविधान के अनुच्छेद और उनसे सम्बंधित विषय
(Articles of the Indian Constitution and their related matters):--
                     By-- Nurool Ain Ahmad
दोस्तों
भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है। भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है |जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर को भारतीय संविधान का प्रधान वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है।भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम (1935) को माना जाता है। संविधान मसौदा समिती के अध्यक्ष डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर ने अपनी खराब सेहत के बावजूद 2 वर्ष, 11 महिने और 18 दिन में विश्व का सबसे लिखित संविधान का निर्माण किया था। इस लेख में भारतीय संविधान के अनुच्छेद और उनके सम्बंधित सभी विषयो को एक जगह प्रस्तुत किया गया है। आइये जानते हैं भारतीय संविधान के अनुच्छेद और उनके सम्बंधित विषयों के बारे में जो सभी Exams के लिए काफी मददगार साबित होगी:__
| 
     अनुच्छेद  | 
  
          सम्बंधित विषय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-1  | 
  
   संघ का
  नाम औ
  राज्य क्षेत्र  | 
 
| 
   अनुच्छेद-2  | 
  
   नए राज्यों
  का प्रवेश
  या स्थापना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-3  | 
  
   राज्य का
  निर्माण तथा
  सीमाओं या
  नामों मे
  परिवर्तन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-4  | 
  
   पहली अनुसूचित
  व चौथी
  अनुसूची के
  संशोधन तथा
  दो और
  तीन के
  अधीन बनाई
  गई विधियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-5  | 
  
   संविधान के
  प्रारं पर
  नागरिकता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-6  | 
  
   भारत आने
  वाले व्यक्तियों
  को नागरिकता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-7  | 
  
   पाकिस्तान जाने
  वालों को
  नागरिकता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-8  | 
  
   भारत के
  बाहर रहने
  वाले व्यक्तियों
  का नागरिकता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-9  | 
  
   विदेशी राज्य
  की नागरिकता
  लेने पर
  भारत का
  नागरिक ना
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-10  | 
  
   नागरिकता क
  अधिकारों का
  बना रहना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-11  | 
  
   संसद द्वारा
  नागरिकता के
  लिए कानून
  का विनियमन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-12  | 
  
   राज्य की
  परिभाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-13  | 
  
   मूल अधिकारों
  को असंगत
  या अल्पीकरण
  करने वाली
  विधियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-14  | 
  
   विधि के
  समक्ष समानता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-15  | 
  
   धर्म जाति
  लिंग पर
  भेद का
  प्रतिशेध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-16  | 
  
   लोक नियोजन
  में अवसर
  की समानता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-17  | 
  
   अस्पृश्यता का
  अंत  | 
 
| 
   अनुच्छेद-18  | 
  
   उपाधीयों का
  अंत  | 
 
| 
   अनुच्छेद-19  | 
  
   वाक् की
  स्वतंत्रता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-20  | 
  
   अपराधों के
  दोष सिद्धि
  के संबंध
  में संरक्षण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-21  | 
  
   प्राण और
  दैहिक स्वतंत्रता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-21A  | 
  
   6 से
  14 वर्ष के
  बच्चों को
  शिक्षा का
  अधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-22  | 
  
   कुछ दशाओं
  में गिरफ्तारी
  से सरंक्षण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-23  | 
  
   मानव के
  दुर्व्यापार और
  बाल आश्रम  | 
 
| 
   अनुच्छेद-24  | 
  
   कारखानों में
  बालक का
  नियोजन का
  प्रतिशत  | 
 
| 
   अनुच्छेद-25  | 
  
   धर्म का
  आचरण और
  प्रचार की
  स्वतंत्रता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-26  | 
  
   धार्मिक कार्यों
  के प्रबंध
  की स्वतंत्रता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-27  | 
  
   किसी विशिष्ट
  धर्म लो
  अभिवृद्धि के
  लिए करों
  के संदाय
  के बारे
  में स्वतंत्रता.  | 
 
| 
   अनुच्छेद-28  | 
  
   कुछ शिक्षा
  संथाओं में
  धार्मिक शिक्षा
  या धार्मिक
  उपासना में
  उपस्थित होने
  के बारे
  में स्वतंत्रता.  | 
 
| 
   अनुच्छेद-29  | 
  
   अल्पसंख्यक वर्गों
  के हितों
  का संरक्षण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-30  | 
  
   शिक्षा संस्थाओं
  की स्थापना
  और प्रशासन
  करने का
  अल्पसंख्यक वर्गों
  का अधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-31A  | 
  
   संपदा आदि
  के अर्जन
  के लिए
  उपबंध करने
  वाले विधियों
  की व्यावृत्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-31A  | 
  
   कुछ अधिनियमों
  और विनियमों
  का विधिमान्यकरण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-31 A  | 
  
   कुछ निदेशक
  तत्वों को
  प्रभावी करने
  वाली विधियों
  की व्यावृत्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-32  | 
  
   अधिकारों को
  प्रवर्तित कराने
  के लिए
  उपचार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-33  | 
  
   इस भाग
  द्वारा प्रदत्त
  अधिकारों को
  प्रवर्तित कराने
  के लिए
  उपचार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-34  | 
  
   जब किसी
  क्षेत्र में
  सेना विधि
  प्रवृत्त है
  तब इस
  भाग द्वारा
  प्रदत्त अधिकारों
  पर निर्बन्धन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-35  | 
  
   इस भाग
  के उपबंधों
  को प्रभावी
  करने के
  लिए विधान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-35-A/A  | 
  
   जम्मू-कश्मीर
  के स्थायी
  निवासियों के
  संबंध में  | 
 
| 
   अनुच्छेद-36  | 
  
   परिभाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-37  | 
  
   इस भाग
  में अंतर्विष्ट
  तत्वों को
  लागु होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-38  | 
  
   इस लोक
  कल्याण की
  अभिवृद्धि के
  लिए सामाजिक
  व्यवस्था बनाएगा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-39  | 
  
   राज्य द्वारा
  अनुसरणीय कुछ
  निति तत्व  | 
 
| 
   अनुच्छेद-39A  | 
  
   समान न्याय
  और नि:शुल्क
  विधिक सहायता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-40  | 
  
   ग्राम पंचायतों
  का संगठन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-41  | 
  
   कुछ दशाओं
  में काम,
  शिक्षा और
  लोक सहायता
  पाने का
  अधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-42  | 
  
   काम की
  न्यायसंगत और
  मानवोचित दशाओं
  का तथा
  प्रसूति सहायता
  का उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-43  | 
  
   कर्मकारों के
  लिए निर्वाह
  मजदूरी आदि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-43A  | 
  
   उद्दोगों के
  प्रबंध में
  कर्मकारों का
  भाग लेना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-44  | 
  
   नागरिकों के
  लिए एक
  समान सिविल
  संहिता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-45  | 
  
   बालकों के
  लिए नि:शुल्क
  और अनिवार्य
  शिक्षा का
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-46  | 
  
   अनुसूचित जातियों,
  अनुसूचित जनजातियों
  और अन्य
  दुर्बल वर्गों
  की शिक्षा
  और अर्थ
  संबंधी हितों
  की अभिवृद्धि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-47  | 
  
   पोषाहार स्तर
  और जीवन
  स्तर को
  ऊँचा करने
  तथा लोक
  स्वास्थ्य का
  सुधार करने
  का राज्य
  का कर्तव्य  | 
 
| 
   अनुच्छेद-48  | 
  
   कृषि और
  पशुपालन संगठन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-48A  | 
  
   पर्यावरण वन
  तथा वन्य
  जीवों की
  रक्षा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-49  | 
  
    राष्ट्रीय
  स्मारक स्थानों
  और वस्तुओं
  का संरक्षण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-50  | 
  
   कार्यपालिका से
  न्यायपालिका का
  प्रथक्करण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-51  | 
  
   अंतर्राष्ट्रीय शांति
  और सुरक्षा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-51A  | 
  
   मूल कर्तव्य  | 
 
| 
   अनुच्छेद-52  | 
  
   भारत का
  राष्ट्रपति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-53  | 
  
   संघ की
  कार्यपालिका शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-54  | 
  
   राष्ट्रपति का
  निर्वाचन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-55  | 
  
   राष्ट्रपति के
  निर्वाचन की
  रीती  | 
 
| 
   अनुच्छेद-56  | 
  
   राष्ट्रपति की
  पदावधि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-57  | 
  
   पुनर्निर्वाचन के
  लिए पात्रता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-58  | 
  
   राष्ट्रपति निर्वाचित
  होने के
  लिए आहर्ताए  | 
 
| 
   अनुच्छेद-59  | 
  
   राष्ट्रपति पद
  के लिए
  शर्ते  | 
 
| 
   अनुच्छेद-60  | 
  
   राष्ट्रपति की
  शपथ  | 
 
| 
   अनुच्छेद-61  | 
  
   राष्ट्रपति पर
  महाभियोग चलाने
  की प्रक्रिया  | 
 
| 
   अनुच्छेद-62  | 
  
   राष्ट्रपति पद
  पर व्यक्ति
  को भरने
  के लिए
  निर्वाचन का
  समय और
  रीतियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-63  | 
  
   भारत का
  उपराष्ट्रपति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-64  | 
  
   उपराष्ट्रपति का
  राज्यसभा का
  पदेन सभापति
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-65  | 
  
   राष्ट्रपति के
  पद की
  रिक्त पर
  उप राष्ट्रपति
  के कार्य  | 
 
| 
   अनुच्छेद-66  | 
  
   उप-राष्ट्रपति
  का निर्वाचन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-67  | 
  
   उपराष्ट्रपति की
  पदावधि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-68  | 
  
   उप राष्ट्रपति
  के पद
  की रिक्त
  पद भरने
  के लिए
  निर्वाचन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-69  | 
  
   उप राष्ट्रपति
  द्वारा शपथ  | 
 
| 
   अनुच्छेद-70  | 
  
   अन्य आकस्मिकता
  में राष्ट्रपति
  के कर्तव्यों
  का निर्वहन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-71.  | 
  
   राष्ट्रपति और
  उपराष्ट्रपति के
  निर्वाचन संबंधित
  विषय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-72  | 
  
   क्षमादान की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-73  | 
  
   संघ की
  कार्यपालिका शक्ति
  का विस्तार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-74  | 
  
   राष्ट्रपति को
  सलाह देने
  के लिए
  मंत्रिपरिषद  | 
 
| 
   अनुच्छेद-75  | 
  
   मंत्रियों के
  बारे में
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-76  | 
  
   भारत का
  महान्यायवादी  | 
 
| 
   अनुच्छेद-77  | 
  
   भारत सरकार
  के कार्य
  का संचालन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-78  | 
  
   राष्ट्रपति को
  जानकारी देने
  के प्रधानमंत्री
  के कर्तव्य  | 
 
| 
   अनुच्छेद-79  | 
  
   संसद का
  गठन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-80  | 
  
   राज्य सभा
  की सरंचना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-81  | 
  
   लोकसभा की
  संरचना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-82  | 
  
   प्रत्येक जनगणना
  के पश्चात्
  पुन: समायोजन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-83  | 
  
   संसद के
  सदनो की
  अवधि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-84  | 
  
   संसद के
  सदस्यों के
  लिए अहर्ता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-85  | 
  
   संसद का
  सत्र सत्रावसान
  और विघटन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-87  | 
  
   राष्ट्रपति का
  विशेष अभी
  भाषण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-88  | 
  
   सदनों के
  बारे में
  मंत्रियों और
  महानयायवादी अधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-89  | 
  
   राज्यसभा का
  सभापति और
  उपसभापति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-90  | 
  
   उपसभापति का
  पद रिक्त
  होना या
  पद हटाया
  जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-91  | 
  
   सभापति के
  कर्तव्यों का
  पालन और
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-92  | 
  
   सभापति या
  उपसभापति को
  पद से
  हटाने का
  संकल्प विचाराधीन
  हो तब
  उसका पीठासीन
  ना होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-93  | 
  
   लोकसभा का
  अध्यक्ष और
  उपाध्यक्ष  | 
 
| 
   अनुच्छेद-94  | 
  
   अध्यक्ष और
  उपाध्यक्ष का
  पद रिक्त
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-95  | 
  
   अध्यक्ष में
  कर्तव्य एवं
  शक्तियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-96  | 
  
   अध्यक्ष उपाध्यक्ष
  को पद
  से हटाने
  का संकल्प
  हो तब
  उसका पीठासीन
  ना होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-97  | 
  
   सभापति उपसभापति
  तथा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष
  के वेतन
  और भत्ते  | 
 
| 
   अनुच्छेद-98  | 
  
   संसद का
  सविचालय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-99  | 
  
   सदस्य द्वारा
  शपथ या
  प्रतिज्ञान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-100  | 
  
   संसाधनों में
  मतदान रिक्तियां
  के होते
  हुए भी
  सदनों के
  कार्य करने
  की शक्ति
  और गणपूर्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-101  | 
  
   स्थानों का
  रिक्त होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-102  | 
  
   सदस्यों के
  लिए निरर्हताएं  | 
 
| 
   अनुच्छेद-103  | 
  
   सदस्यों की
  निरर्हताओं से
  सम्बंधित प्रश्नों
  पर विनिश्चय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-104  | 
  
   अनुच्छेद 99 के
  अधीन शपथ
  लेने या
  प्रतिज्ञान करने
  से पहले
  या आर्हित
  न होते
  हुए या
  निर्हित किए
  जाने पर
  बैठने और
  मत देने
  के लिए
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-105  | 
  
   संसद के
  सदनों की
  तथा उनके
  सदस्यों और
  समितियों की
  शक्तियां विशेषाधिकार
  आदि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-106  | 
  
   सदस्यों के
  वेतन और
  भत्ते  | 
 
| 
   अनुच्छेद-107  | 
  
   विधेयकों की
  पुन:स्थापना
  और पारित
  किए जाने
  के सम्बंध
  में उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-108  | 
  
   कुछ दशाओं
  में दोनों
  सदनों की
  संयुक्त बैठक  | 
 
| 
   अनुच्छेद-109  | 
  
   धन विधेयक
  के संबंध
  में विशेष
  प्रक्रिया  | 
 
| 
   अनुच्छेद-110  | 
  
   धन विधायक
  की परिभाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-111  | 
  
   विधेयकों पर
  अनुमति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-112  | 
  
   वार्षिक वित्तीय
  विवरण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-113  | 
  
   संसद में
  प्राक्कलनों के
  संबंध में
  प्रक्रिया  | 
 
| 
   अनुच्छेद-114  | 
  
   विनियोग विधेयक  | 
 
| 
   अनुच्छेद-115  | 
  
   अनुपूरक, अतिरिक्त
  या अधिक
  अनुदान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-116  | 
  
   लेखानुदान, प्रत्ययानुदान 
  और अपवाद्नुदन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-117  | 
  
   वित्त विधेयक
  के बारे
  में विशेष
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-118  | 
  
   प्रक्रिया के
  नियम  | 
 
| 
   अनुच्छेद-119  | 
  
   संसद में
  वित्तीय कार्य
  सम्बंधी प्रक्रिया
  का विधि
  द्वारा विनियमन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-120  | 
  
   संसद में
  प्रयोग की
  जाने वाली
  भाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-121  | 
  
   संसद में
  चर्चा पर
  निर्बंधन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-122  | 
  
   न्यायालों द्वारा
  संसद की
  कार्यवाहियों की
  जांच न
  किया जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-123  | 
  
   संसद विश्रांति
  काल में
  राष्ट्रपति की
  अध्यादेश शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-124  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  की स्थापना
  और गठन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-125  | 
  
   न्यायाधीशों का
  वेतन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-126  | 
  
   कार्य कार्य
  मुख्य न्याय
  मूर्ति की
  नियुक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-127  | 
  
   तदर्थ न्यायमूर्तियों
  की नियुक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-128  | 
  
   सेवानिवृत्त न्यायाधीशों
  की उपस्थिति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-129  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  का अभिलेख
  नयायालय होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-130  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  का स्थान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-131  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  की आरंभिक
  अधिकारिता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-132  | 
  
   कुछ मामलों
  में उच्च
  न्यायालयों
  से अपीलों
  में उच्चतम
  न्यायालय
  की अपीली
  अधिकारिता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-133  | 
  
   उच्च
  न्यायालयों
  में सिविल
  विषयों से
  संबंधित अपीलों
  में उच्चतम
  न्यायालय
  की अपीली
  अधिकारिता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-134  | 
  
   दांडिक विषयों
  में उच्चतम
  न्यायालय
  की अपीली
  अधिकारिता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-134A  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  में अपील
  के लिए
  प्रमाणपत्र  | 
 
| 
   अनुच्छेद-135  | 
  
   विद्यमान विधि
  के अधीन
  फेडरल न्यायालय
  की अधिकारिता
  और शक्तियों
  का उच्चतम
  न्यायालय
  द्वारा प्रयोक्तव्य
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-136  | 
  
   अपील के
  लिए उच्चतम
  न्यायालय की
  विशेष इजाजत  | 
 
| 
   अनुच्छेद-137  | 
  
   निर्णय एवं
  आदेशों का
  पुनर्विलोकन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-138  | 
  
   उच्चतम
  न्यायालय
  की अधिकारिता
  की वृद्धि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-139  | 
  
   कुछ याचिका
  (रिट) निकालने
  की शक्तियों
  का उच्चतम
  न्यायालय
  को प्रदत्त
  किया जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-139A  | 
  
   कुछ निर्णयों
  का अंतरण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-140  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  की आनुषांगिक
  शक्तियाँ  | 
 
| 
   अनुच्छेद-141  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  द्वारा घोषित
  विधि का
  सभी न्यायालयों
  पर आबद्धकर
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-142  | 
  
   उच्चतम न्यायाय
  की डिक्रियों
  और आदेशों
  का प्रवर्तन
  और प्रकटीकरण
  आदि के
  बारे में
  आदेश  | 
 
| 
   अनुच्छेद-143  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  से परामर्श
  करने की
  राष्ट्रपति की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-144  | 
  
   सिविल एवं
  न्यायिक पदाधिकारियों
  द्वारा उच्चतम
  न्यायालय की
  सहायता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-145  | 
  
   न्यायालय के
  नियम आदि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-146  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  के अधिकारी
  और सेवक
  तथा व्यय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-147  | 
  
   निर्वचन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-148  | 
  
   भारत का
  नियंत्रक महालेखा
  परीक्षक  | 
 
| 
   अनुच्छेद-149  | 
  
   नियंत्रक महालेखा
  परीक्षक के
  कर्तव्य शक्तिया  | 
 
| 
   अनुच्छेद-150  | 
  
   संघ के
  राज्यों के
  लेखन का
  प्रारूप  | 
 
| 
   अनुच्छेद-151  | 
  
   संपरीक्षा प्रतिवेदन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-152  | 
  
   परिभाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-153  | 
  
   राज्यों के
  राज्यपाल  | 
 
| 
   अनुच्छेद-154  | 
  
   राज्य की
  कार्यपालिका शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-155  | 
  
   राज्यपाल की
  नियुक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-156  | 
  
   राज्यपाल की
  पदावधि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-157  | 
  
   राज्यपाल नियुक्त
  होने की
  अर्हताएँ  | 
 
| 
   अनुच्छेद-158  | 
  
   राज्यपाल के
  पद के
  लिए शर्तें  | 
 
| 
   अनुच्छेद-159  | 
  
   राज्यपाल द्वारा
  शपथ या
  प्रतिज्ञान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-160  | 
  
   कुछ आकस्मिकताओं
  में राज्यपाल
  के क्र्त्यों
  का निर्वहन  | 
 
| 
   अनुच्छेद 161  | 
  
   राज्यपाल की
  न्यायिक शक्ति
  अर्थात क्षमादान
  आदि शक्तियों
  की व्याख्या  | 
 
| 
   अनुच्छेद-162  | 
  
   राज्य की
  कार्यपालिका शक्ति
  का विस्तार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-163  | 
  
   राज्यपाल को
  सलाह देने
  के लिए
  मंत्री परिषद  | 
 
| 
   अनुच्छेद-164  | 
  
   मंत्रियों के
  बारे में
  अन्य उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-165  | 
  
   राज्य का
  महाधिवक्ता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-166  | 
  
   राज्य सरकार
  का संचालन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-167  | 
  
   राज्यपाल को
  जानकारी देने
  के संबंध
  में मुख्यमंत्री
  के कर्तव्य  | 
 
| 
   अनुच्छेद-168  | 
  
   राज्य के
  विधान मंडल
  का गठन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-169  | 
  
   राज्यों में
  विधान परिषदों
  का उत्सादन
  या सृजन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-170  | 
  
   विधानसभाओं की
  संरचना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-171  | 
  
   विधान परिषद
  की संरचना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-172  | 
  
   राज्यों के
  विधानमंडल कि
  अवधी  | 
 
| 
   अनुच्छेद-173  | 
  
   राज्यों के
  विधान मंडल
  की सदस्यता
  के लिए
  अर्हता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-174  | 
  
   राज्य के
  विधान मंडल
  के सत्र,
  सत्रावसान और
  विघटन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-175  | 
  
   सदन या
  सदनों के
  अभिभाषण का
  और उनको
  संदेश भेजने
  का राज्यपाल
  का आधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-176  | 
  
   राज्यपाल का
  विशेष अभिभाषण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-177  | 
  
   सदनों के
  बारे में
  मंत्रियों और
  महाधिवक्ता के
  अधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-178  | 
  
   विधानसभा का
  अध्यक्ष और
  उपाध्यक्ष  | 
 
| 
   अनुच्छेद-179  | 
  
   अध्यक्ष और
  उपाध्यक्ष का
  पद रिक्त
  होना या
  पद से
  हटाया जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-180  | 
  
   अध्यक्ष के
  पदों के
  कार्य व
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-181  | 
  
   अध्यक्ष उपाध्यक्ष
  को पद
  से हटाने
  का कोई
  संकल्प पारित
  होने पर
  उसका पिठासिन
  ना होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-182  | 
  
   विधान परिषद
  का सभापति
  और उपसभापति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-183  | 
  
   सभापति और
  उपासभापति का
  पद रिक्त
  होना पद
  त्याग या
  पद से
  हटाया जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-184  | 
  
   सभापति के
  पद के
  कर्तव्यों का
  पालन व
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-185  | 
  
   संभापति उपसभापति
  को पद
  से हटाए
  जाने का
  संकल्प विचाराधीन
  होने पर
  उसका पीठासीन
  ना होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-186  | 
  
   अध्यक्ष उपाध्यक्ष
  सभापति और
  उपसभापति के
  वेतन और
  भत्ते  | 
 
| 
   अनुच्छेद-187  | 
  
   राज्य के
  विधान मंडल
  का सविचाल.  | 
 
| 
   अनुच्छेद-188  | 
  
   सदस्यों द्वारा
  शपथ या
  प्रतिज्ञान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-189  | 
  
   सदनों में
  मतदान रिक्तियां
  होते हुए
  भी साधनों
  का कार्य
  करने की
  शक्ति और
  गणपूर्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-190  | 
  
   स्थानों का
  रिक्त होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-191  | 
  
   सदस्यता के
  लिए निरर्हतांए  | 
 
| 
   अनुच्छेद-192  | 
  
   सदस्यों की
  निरर्हताओं से
  सम्बंधित प्रश्नों
  पर विनिश्चय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-193  | 
  
   अनुच्छेद
  188 के अधीन
  शपथ लेने
  या प्रतिज्ञा
  करने से
  पहले या
  अर्हित न
  होते हुए
  या निरर्हित
  किए जाने
  पर बैठने
  और मत
  देने के
  लिए शास्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-194  | 
  
   विधान-मंडलों
  के सदनों
  को तथा
  सदस्यों
  और समितियों
  की शक्तियां,
  विशेषधिकार आदि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-195  | 
  
   सदस्यों
  के वेतन
  और भत्ते  | 
 
| 
   अनुच्छेद-196  | 
  
   विधेयकों के
  पुर: स्थापन
  और पारित
  किए जाने
  के संबंध
  में उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-197  | 
  
   धन विधेयकों
  से भिन्न
  विधेयकों के
  बारे में
  विधान परिषद
  की शक्तियों
  पर निर्बंधन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-198  | 
  
   धन विधेयक
  के सम्बन्ध
  में विशेष
  प्रक्रिया  | 
 
| 
   अनुच्छेद-199  | 
  
   धन विदेश
  की परिभाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-200  | 
  
   विधायकों पर
  अनुमति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-201  | 
  
   विचार के
  लिए आरक्षित
  विधेयक  | 
 
| 
   अनुच्छेद-202  | 
  
   वार्षिक वित्तीय
  विवरण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-203  | 
  
   विधान-मंडल
  में प्राक्कलनों
  के संबंध
  में प्रक्रिया  | 
 
| 
   अनुच्छेद-204  | 
  
   विनियोग विधेयक  | 
 
| 
   अनुच्छेद-205  | 
  
   अनुपूरक, अतिरिक्त
  या अधिक
  अनुदान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-206  | 
  
   लेखानुदान, प्रत्ययानुदान
  और अपवादानुदान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-207  | 
  
   वित्त विधेयक
  के बारे
  में विशेष
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-208  | 
  
   प्रक्रिया के
  नियम  | 
 
| 
   अनुच्छेद-209  | 
  
   राज्य
  के विधान-मंडल
  में वित्तीय
  कार्य संबंधी
  प्रक्रिया का
  विधि द्वारा
  विनियमन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-210  | 
  
   विधान मंडल
  में प्रयोग
  की जाने
  वाली भाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-211  | 
  
   विधान-मंडल
  में चर्चा
  पर निर्बंधन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-212  | 
  
   न्यायालयों
  द्वारा विधन
  मंडल की
  कार्यवाहियों की
  जांच न
  किया जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-213  | 
  
   विधानमंडल में
  अध्यादेश सत्यापित
  करने के
  राज्यपाल की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-214  | 
  
   राज्यों के
  लिए उच्च
  न्यायालय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-215  | 
  
   उच्च न्यायालयों
  का अभिलेख
  न्यायालय होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-216  | 
  
   उच्च न्यायालय
  का गठन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-217  | 
  
   उच्च न्यायालय
  न्यायाधीश की
  नियुक्ति पद्धति
  शर्तें  | 
 
| 
   अनुच्छेद-218  | 
  
   उच्चतम न्यायालय
  से संबंधित
  कुछ उपबंधों
  का उच्च
  न्यायालयों को
  लागू होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-219  | 
  
   उच्च न्यायालयों
  के न्यायधीशों
  द्वारा शपथ
  या प्रतिज्ञान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-220  | 
  
   स्थायी
  न्यायाधीश
  रहने के
  पश्चात
  विधि-व्यवसाय
  पर निर्बंधन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-221  | 
  
   न्यायाधीशों का
  वेतन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-222  | 
  
   एक न्यायालय
  से दूसरे
  न्यायालय में
  न्यायाधीशों का
  अंतरण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-223  | 
  
   कार्यकारी मुख्य
  न्याय मूर्ति
  के नियुक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-224  | 
  
   अन्य न्यायाधीशों
  की नियुक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-225  | 
  
   विद्यमान उच्च
  न्यायालयों
  की अधिकारिता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-226  | 
  
   कुछ रिट
  निकालने के
  लिए उच्च
  न्यायालय की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-227  | 
  
   सभी न्यायालयों
  के अधीक्षण
  की उच्च
  न्यायालय
  की शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-228  | 
  
   कुछ मामलों
  का उच्च
  न्यायालय
  को अंतरण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-229  | 
  
   उच्च
  न्यायालयों
  के अधिकारी
  और सेवक
  तथा व्यय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-230  | 
  
   उच्च न्यायालयों
  की आधिकारिकता
  का संघ
  राज्य न्यायालय
  की स्थापना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-231  | 
  
   दो या
  अधिक राज्यों
  के लिए
  एक ही
  उच्च न्यायालय
  की स्थापना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-233  | 
  
   जिला न्यायाधीशों
  की नियुक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-234  | 
  
   न्यायिक
  सेवा में
  जिला न्यायाधीशों
  से भिन्न
  व्यक्तियों
  की भर्ती  | 
 
| 
   अनुच्छेद-235  | 
  
   अधीनस्त न्यायालयों
  पर नियंत्रण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-236  | 
  
   निर्वचन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-237  | 
  
   कुछ वर्ग
  या वर्गों
  के मजिस्ट्रेटों
  पर इस
  अध्याय
  के उपबंधों
  का लागू
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-238  | 
  
   निरसित  | 
 
| 
   अनुच्छेद-239  | 
  
   संघ राज्य
  क्षेत्रों का
  प्रशासन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-239A  | 
  
   कुछ संघ
  राज्य
  क्षेत्रों के
  लिए स्थानीय
  विधान मंडलों
  या मंत्रिपरिषदों
  का या
  दोनों का
  सृजन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-239A  | 
  
   विधान मंडलों
  के विश्रांतिकाल
  में अध्यादेश
  प्रख्यापित
  करने की
  प्रशासक की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-240  | 
  
   कुछ संघ
  राज्य
  क्षेत्रों के
  लिए विनियम
  बनाने की
  राष्ट्रपति
  की शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-241  | 
  
   संघ राज्य
  क्षेत्र के
  लिए उच्च-न्यायालय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-242  | 
  
   निरसन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-243  | 
  
   पंचायत की
  परिभाषाएं  | 
 
| 
   अनुच्छेद-244  | 
  
   अनुसूचित क्षेत्रो
  व जनजाति
  क्षेत्रों का
  प्रशासन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-244A  | 
  
   असम के
  कुछ जनजाति
  क्षेत्रों को
  समाविष्ट
  करने वाला
  एक स्वशासी
  राज्य
  बनाना और
  उसके लिए
  स्थानीय
  विधान मंडल
  या मंत्रि
  परिषद का
  या दोनों
  का सृजन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-245  | 
  
   संसद और
  राज्यों के
  विधानमंडलों द्वारा
  बनाई गई
  विधियों का
  विस्तार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-246  | 
  
   संसद द्वारा
  और राज्यों
  के विधानमंडलों
  द्वारा बनाई
  गई विधियों
  की विषय
  वस्तु  | 
 
| 
   अनुच्छेद-247  | 
  
   कुछ अतिरिक्त
  न्यायालयों
  की स्थापना
  का उपबंध
  करने की
  संसद की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-248  | 
  
   अवशिष्ट विधाई
  शक्तियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-249  | 
  
   राज्य
  सूची के
  विषय के
  संबंध में
  राष्ट्रीय
  हित में
  विधि बनाने
  की संसद
  की शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-250  | 
  
   यदि आपात
  की उदघोषणा
  प्रवर्तन में
  हो तो
  राज्य
  सूची में
  के विषय
  के संबंध
  में विधि
  बनाने की
  संसद की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-251  | 
  
   संसद द्वारा
  अनुच्छेद
  249 और अनुच्छेद
  250 के अधीन
  बनाई गई
  विधियों और
  राज्यों
  के विधान
  मंडलों द्वारा
  बनाई गई
  विधियों में
  असंगति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-252  | 
  
   दो या
  अधिक राज्य
  के लिए
  सहमति से
  विधि बनाने
  की संसद
  की शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-253  | 
  
   अंतरराष्ट्रीय
  करारों को
  प्रभावी करने
  के लिए
  विधान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-254  | 
  
   संसद द्वारा
  बनाई गई
  विधियों और
  राज्यों के
  विधान मंडल
  द्वारा बनाए
  गए विधियों
  में असंगति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-255  | 
  
    सिफारिशों
  और पूर्व
  मंजूरी के
  बारे में
  अपेक्षाओं को
  केवल प्रक्रिया
  के विषय
  मानना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-256  | 
  
   राज्यों की
  और संघ
  की बाध्यता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-257  | 
  
   कुछ दशाओं
  में राज्यों
  पर संघ
  का नियंत्रण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-258  | 
  
   कुछ दशाओं
  में राज्यों
  को शक्ति
  प्रदान करने
  आदि की
  संघ की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-259  | 
  
   निरसन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-260  | 
  
   भारत के
  बाहर के
  राज्य
  क्षेत्रों के
  संबंध में
  संघ की
  अधिकारिता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-261  | 
  
   सार्वजनिक कार्य,
  अभिलेख और
  न्यायिक कार्यवाहियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-262  | 
  
   अंतर्राज्यक नदियों
  या नदी
  दूनों के
  जल संबंधी
  विवादों का
  न्याय निर्णय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-263  | 
  
   अंतर्राज्यीय विकास
  परिषद का
  गठन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-264  | 
  
   निर्वचन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-265  | 
  
   विधि के
  प्राधिकार के
  बिना करों
  का अधिरोपण
  न किया
  जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-266  | 
  
   संचित निधी  | 
 
| 
   अनुच्छेद-267  | 
  
   आकस्मिकता निधि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-268  | 
  
   संघ द्वारा
  उदगृहीत किए
  जाने वाले
  किन्तु
  राज्यों
  द्वारा संगृहीत
  और विनियोजित
  किए जाने
  वाले शुल्क  | 
 
| 
   अनुच्छेद-269  | 
  
   संघ द्वारा
  उद्ग्रहित और
  संग्रहित किंतु
  राज्यों को
  सौपे जाने
  वाले कर  | 
 
| 
   अनुच्छेद-270  | 
  
   संघ द्वारा
  इकट्ठे किए
  कर संघ
  और राज्यों
  के बीच
  वितरित किए
  जाने वाले
  कर  | 
 
| 
   अनुच्छेद-271  | 
  
   कुछ शुल्कों
  और करों
  पर संघ
  के प्रयोजनों
  के लिए
  अधिभार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-272  | 
  
   कर जो
  संघ द्वारा
  उदगृहीत किए
  जाते हैं
  तथा जो
  संघ और
  राज्यों के
  बीच वितरित
  किए जा
  सकेंगे  | 
 
| 
   अनुच्छेद-273  | 
  
   जूट पर
  और जूट
  उत्पादों
  का निर्यात
  शुल्क
  के स्थान
  पर अनुदान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-274  | 
  
   ऐसे कराधान
  पर जिसमें
  राज्य
  हितबद्ध है,
  प्रभाव डालने
  वाले विधेयकों
  के लिए
  राष्ट्रपति
  की पूर्व
  सिफारिश की
  अपेक्षा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-275  | 
  
   कुछ राज्यों
  को संघ
  अनुदान  | 
 
| 
   अनुच्छेद-276  | 
  
   वृत्तियों, व्यापारों,
  आजीविकाओं और
  नियोजनों पर
  कर  | 
 
| 
   अनुच्छेद-277  | 
  
   व्यावृत्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-278  | 
  
   (निरसित)  | 
 
| 
   अनुच्छेद-279  | 
  
   शुद्ध आगम
  आदि की
  गणना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-280  | 
  
   वित्त आयोग  | 
 
| 
   अनुच्छेद-281  | 
  
   वित्त आयोग
  की सिफारिशे  | 
 
| 
   अनुच्छेद-282  | 
  
   संघ या
  राज्य
  द्वारा अपने
  राजस्व
  के लिए
  जाने वाले
  व्यय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-283  | 
  
   संचित निधियों,
  आकस्मिकता निधियों
  और लोक
  लेखाओं में
  जमा धनराशियों
  की अभिरक्षा
  आदि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-284  | 
  
   लोक सेवकों
  और न्यायालयों
  द्वारा प्राप्त
  वादकर्ताओं की
  जमा राशियों
  और अन्य
  धनराशियों की
  अभिरक्षा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-285  | 
  
   संघ और
  संपत्ति को
  राजय के
  करों से
  छूट  | 
 
| 
   अनुच्छेद-286  | 
  
   माल के
  क्रय या
  विक्रय पर
  कर के
  अधिरोपण के
  बारे में
  निर्बंधन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-287  | 
  
   विद्युत पर
  करों से
  छूट  | 
 
| 
   अनुच्छेद-288  | 
  
   जल या
  विद्युत के
  संबंध में
  राज्यों
  द्वारा कराधान
  से कुछ
  दशाओं में
  छूट  | 
 
| 
   अनुच्छेद-289  | 
  
   राज्यों
  की संपत्ति
  और आय
  को संघ
  और कराधार
  से छूट  | 
 
| 
   अनुच्छेद-290  | 
  
   कुछ व्ययों
  ओर पेंशनों
  के संबंध
  में समायोजन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-290A  | 
  
   कुछ देवस्वम
  निधियों की
  वार्षिक संदाय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-291  | 
  
   (निरसित)  | 
 
| 
   अनुच्छेद-292  | 
  
   भारत सरकार
  द्वारा उधार
  लेना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-293  | 
  
   राज्य द्वारा
  उधार लेना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-294  | 
  
   कुछ दशाओं
  में संपत्ति,
  आस्तियों, अधिकारों,
  दायित्वों
  और बाध्यताओं
  का उत्तराधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-295  | 
  
   अन्य
  दशाओं में
  संपत्ति, आस्तियों,
  अधिकारों, दायित्वों
  और बाध्यताओं
  का उत्तराधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-296  | 
  
   राजगामी या
  व्यपगत
  या स्वामीविहीन
  होने से
  प्रोदभूत संपत्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-297  | 
  
   राज्य
  क्षेत्रीय सागर
  खण्ड
  या महाद्वीपीय
  मग्नतट
  भूमि में
  स्थित मूल्यवान
  चीजों और
  अनन्य
  आर्थिक क्षेत्र
  संपत्ति स्रोतों
  का संघ
  में निहित
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-298  | 
  
   व्यापार करने
  आदि की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-299  | 
  
   संविदाएं  | 
 
| 
   अनुच्छेद-300  | 
  
   वाद और
  कार्यवाहियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-300A  | 
  
   संपत्ति का
  अधिकार  | 
 
| 
   अनुच्छेद-301  | 
  
   व्यापार वाणिज्य
  और समागम
  की स्वतंत्रता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-302  | 
  
   व्यापार,
  वाणज्यि और
  समागम पर
  निर्बंधन अधिरोपित
  करने की
  संसद की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-303  | 
  
   व्यापार
  और वाणिज्य
  के संबंध
  में संघ
  और राज्यों
  की विधायी
  शक्तियों पर
  निर्बंधन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-304  | 
  
   राज्यों
  के बीच
  व्यापार,
  वाणिज्य और
  समागम पर
  निर्बंधन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-305  | 
  
   विद्यमान विधियों
  और राज्य
  के एकाधिकार
  का उपबंध
  करने वाली
  विधियों की
  व्यावृत्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-306  | 
  
   (निरसित)  | 
 
| 
   अनुच्छेद-307  | 
  
   अनुच्छेद
  301 से अनुच्छेद
  304 के प्रयोजनों
  को कार्यान्वित
  करने के
  लिए प्राधिकारी
  की नियुक्ति.  | 
 
| 
   अनुच्छेद-308  | 
  
   निर्वचन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-309  | 
  
   राज्य की
  सेवा करने
  वाले व्यक्तियों
  की भर्ती
  और सेवा
  की शर्तों  | 
 
| 
   अनुच्छेद-310  | 
  
   संघ या
  राज्य की
  सेवा करने
  वाले व्यक्तियों
  की पदावधि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-311  | 
  
   संघ या
  राज्य
  के अधीन
  सिविल हैसियत
  में नियोजित
  व्यक्तियों
  का पदच्युत
  किया जाना
  या पद
  से हटाया
  जाना या
  पंक्ति में
  अवनत किया
  जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-312  | 
  
   अखिल  भारतीय
  सेवांए  | 
 
| 
   अनुच्छेद-313  | 
  
   संक्रमण कालीन
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-313A  | 
  
   कुछ सेवाओं
  के अधिकारियों
  की सेवा
  की शर्तों
  में परिवर्तन
  करने या
  उन्हें
  प्रतिसंहृत करने
  की संसद
  की शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-314  | 
  
   निरसन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-315  | 
  
   संघ राज्य
  के लिए
  लोक सेवा
  आयोग  | 
 
| 
   अनुच्छेद-316  | 
  
   सदस्यों की
  नियुक्ति एवं
  पदावधि  | 
 
| 
   अनुच्छेद-317  | 
  
   लोक सेवा
  आयोग के
  किसी सदस्य
  को हटाया
  जाना या
  निलंबित किया
  जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-318  | 
  
   आयोग के
  सदस्यों
  और कर्मचारियों
  की सेवा
  की शर्तों
  के बारे
  में विनियम
  बनाने की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-319  | 
  
   आयोग के
  सदस्यों द्वारा
  ऐसे सदस्य
  न रहने
  पर पद
  धारण करने
  के सम्बंध
  में प्रतिषेध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-320  | 
  
   लोकसेवा आयोग
  के कृत्य  | 
 
| 
   अनुच्छेद-321  | 
  
   लोक सेवा
  आयोगों के
  कृत्यों
  का विस्तार
  करने की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-322  | 
  
   लोक सेवा
  आयोगों के
  व्यय  | 
 
| 
   अनुच्छेद-323  | 
  
   लोक सेवा
  आयोगों के
  प्रतिवेदन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-323A  | 
  
   प्रशासनिक अधिकरण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-323B  | 
  
   अन्य विषयों
  के लिए
  अधिकरण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-324  | 
  
   निर्वाचनो के
  अधिक्षण निर्देशन
  और नियंत्रण
  का निर्वाचन
  आयोग में
  निहित होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-325  | 
  
   धर्म, मूलवंश,
  जाति या
  लिंग के
  आधार पर
  किसी व्यक्ति
  का निर्वाचक
  नामावली में
  सम्मिलित किए
  जाने के
  लिए अपात्र
  न होना
  और उसके
  द्वारा किसी
  विशेष निर्वाचक-नामावली
  में सम्मिलित
  किए जाने
  का दावा
  न किया
  जाना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-326  | 
  
   लोक सभा
  और राज्यों
  की विधान
  सभाओं के
  लिए निर्वाचनों
  वयस्क
  मताधिकार के
  आधार पर
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-327  | 
  
   विधान मंडल
  के लिए
  निर्वाचनों के
  संबंध में
  उपबंध करने
  की संसद
  की शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-328  | 
  
   किसी राज्य
  के विधान
  मंडल के
  लिए निर्वाचनों
  के संबंध
  में उपबंध
  करने की
  उस विधान
  मंडल की
  शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-329  | 
  
   निर्वाचन संबंधी
  मामलों में
  न्यायालय के
  हस्तक्षेप का
  वर्णन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-330  | 
  
   लोक सभा
  में अनुसूचित
  जाति और
  अनुसूचित जनजाति
  के लिये
  स्थानो का
  आरणण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-331  | 
  
   लोक सभा
  में आंग्ल
  भारतीय समुदाय
  का प्रतिनिधित्व  | 
 
| 
   अनुच्छेद-332  | 
  
   राज्य के
  विधान सभा
  में अनुसूचित
  जाति और
  अनुसूचित जनजातियों
  के लिए
  स्थानों का
  आरक्षण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-333  | 
  
   राज्य की
  विधानसभा में
  आंग्ल भारतीय
  समुदाय का
  प्रतिनिधित्व  | 
 
| 
   अनुच्छेद-334  | 
  
   स्थानों
  के आरक्षण
  और विशेष
  प्रतिनिधित्व
  का साठ
  वर्ष के
  पश्चात
  न रहना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-335  | 
  
   सेवाओं और
  पदों के
  लिए अनुसूचित
  जातियों और
  अनुसूचित जनजातियों
  के दावे  | 
 
| 
   अनुच्छेद-336  | 
  
    कुछ
  सेवाओं में
  आंग्ल-भारतीय
  समुदाय के
  लिए विशेष
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-337  | 
  
   आंग्ल
  भारतीय समुदाय
  के लाभ
  के लिए
  एवं शैक्षिक
  अनुदान के
  लिए विशेष
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-338  | 
  
   राष्ट्रीय
  अनुसूचित जाति
  आयोग  | 
 
| 
   अनुच्छेद-338A  | 
  
   राष्ट्रीय
  अनुसूचित जनजाति
  आयोग  | 
 
| 
   अनुच्छेद-339  | 
  
   अनुसूचित क्षेत्रों
  के प्रशासन
  और अनुसूचित
  जनजातियों के
  कल्याण
  के बारे
  में संघ
  का नियंत्रण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-340  | 
  
   पिछड़े वर्गों
  की दशाओं
  के अन्वेषण
  के लिए
  आयोग की
  नियुक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-341  | 
  
   अनुसूचित जातियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-342  | 
  
   अनुसूचित जनजातियां  | 
 
| 
   अनुच्छेद-343  | 
  
   संघ की
  परिभाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-344  | 
  
   राजभाषा के
  संबंध में
  आयोग और
  संसद की
  समिति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-345  | 
  
   राज्य
  की राजभाषा
  या राजभाषाएं  | 
 
| 
   अनुच्छेद-346  | 
  
   एक राज्य
  और दूसरे
  राज्य
  के बीच
  या किसी
  राज्य
  और संघ
  के बीच
  पत्रादि की
  राजभाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-347  | 
  
   किसी राज्य
  की जनसंख्या
  के किसी
  अनुभाग द्वारा
  बोली जाने
  वाली भाषा
  के सम्बन्ध
  में विशेष
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-348  | 
  
   उच्चतम
  न्यायालय
  और उच्च
  न्यायालयों
  में और
  अधिनियमों, विधेयकों
  आदि के
  लिए प्रयोग
  की जाने
  वाली भाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-349  | 
  
   भाषा से
  संबंधित कुछ
  विधियां अधिनियमित
  करने के
  लिए विशेष
  प्रक्रिया  | 
 
| 
   अनुच्छेद-350  | 
  
   व्यथा
  के निवारण
  के लिए
  अभ्यावेदन
  में प्रयोग
  की जाने
  वाली भाषा  | 
 
| 
   अनुच्छेद-350A  | 
  
   प्राथमिक स्तर
  पर मातृभाषा
  में शिक्षा
  की सुविधाएं  | 
 
| 
   अनुच्छेद-350A  | 
  
   भाषाई अल्पसंख्यक
  वर्गों के
  लिए विशेष
  अधिकारी  | 
 
| 
   अनुच्छेद-351  | 
  
   हिंदी भाषा
  के विकास
  के लिए
  निर्देश  | 
 
| 
   अनुच्छेद-352  | 
  
   आपात की
  उदघोषणा का
  प्रभाव  | 
 
| 
   अनुच्छेद-353  | 
  
   आपात की
  उदघोषणा का
  प्रभाव  | 
 
| 
   अनुच्छेद-354  | 
  
   जब आपात
  की उदघोषणा
  प्रवर्तन में
  है तब
  राजस्वों
  के वितरण
  संबंधी उपबंधों
  का लागू
  होना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-355  | 
  
   बाह्य आक्रमण
  और आंतरिक
  अशांति से
  राज्य
  की संरक्षा
  करने का
  संघ का
  कर्तव्य  | 
 
| 
   अनुच्छेद-356  | 
  
   राज्य में
  संवैधानिक तंत्र
  के विफल
  हो जाने
  की दशा
  में उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-357  | 
  
   अनुच्छेद
  356 के अधीन
  की गई
  उदघोषणा के
  अधीन विधायी
  शाक्तियों का
  प्रयोग  | 
 
| 
   अनुच्छेद-358  | 
  
   आपात के
  दौरान अनुच्छेद
  19 के उपबंधों
  का निलंबन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-359  | 
  
   आपात के
  दौरान भाग
  3 द्वारा प्रदत्त
  अधिकारों के
  प्रवर्तन का
  निलबंन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-359A  | 
  
   (निरसित)  | 
 
| 
   अनुच्छेद-360  | 
  
   वित्तीय आपात
  के बारे
  में उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-361  | 
  
   राष्ट्रपति
  और राज्यपालों
  और राजप्रमुखों
  का संरक्षण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-361A  | 
  
   संसद और
  राज्यों
  के विधान
  मंडलों की
  कार्यवाहियों की
  प्रकाशन का
  संरक्षण  | 
 
| 
   अनुच्छेद-361A  | 
  
   लाभप्रद राजनीतिक
  पद पर
  नियुक्ति के
  लिए निरर्हता  | 
 
| 
   अनुच्छेद-362  | 
  
   (निरसित)  | 
 
| 
   अनुच्छेद-363  | 
  
   कुछ संधियों,
  करारों आदि
  से उत्पन्न
  विवादों में
  न्यायालयों
  के हस्तक्षेप
  का वर्जन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-363A  | 
  
   देशी राज्यों
  के शासकों
  को दी
  गई मान्यता
  की समाप्ति
  और निजी-उपाधियों
  का अंत  | 
 
| 
   अनुच्छेद-364  | 
  
   महापत्तनों और
  विमानक्षेत्रों के
  बारे में
  विशेष उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-365  | 
  
   संघ द्वारा
  दिए गए
  निदेशों का
  अनुपालन करने
  में या
  उनको प्रभावी
  करने में
  असफलता का
  प्रभाव  | 
 
| 
   अनुच्छेद-366  | 
  
   परिभाषाएं  | 
 
| 
   अनुच्छेद-367  | 
  
   निर्वचन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-368  | 
  
   सविधान का
  संशोधन करने
  की संसद
  की शक्ति
  और उसकी
  प्रक्रिया  | 
 
| 
   अनुच्छेद-369  | 
  
   राज्य
  सूची के
  कुछ विषयों
  के सबंध
  में विधि
  बनाने की
  संसद की
  इस प्रकार
  अस्थायी
  शक्ति मानो
  वे समवर्ती
  सूची के
  विषय हों  | 
 
| 
   अनुच्छेद-370  | 
  
   जम्मू-कश्मीर
  राज्य के
  संबंध में
  अस्थायी उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-371  | 
  
   महाराष्ट्र
  और गुजरात
  राज्यों
  के संबंध
  में विशेष
  उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-372  | 
  
   विद्यमान विधियों
  का प्रवृत्त
  बने रहना
  और उनका
  अनुकूलन  | 
 
| 
   अनुच्छेद-372A  | 
  
   विधियों का
  अनुकूलन करने
  की राष्ट्रपति
  की शक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-373  | 
  
   निवारक निरोध
  में रखे
  गए व्यक्तियों
  के संबंध
  में कुछ
  दशाओं में
  आदेश करने
  की राष्ट्रपति
  की शाक्ति  | 
 
| 
   अनुच्छेद-374  | 
  
   फेडरल न्यायालय
  के न्यायाधीशों
  और फेडरल
  न्यायालय
  में या
  सपरिषद हिज
  मेजेस्टी
  के समक्ष
  लंबित कार्यवाहियों
  के बारे
  में उपबंध  | 
 
| 
   अनुच्छेद-375  | 
  
   संविधान के
  उपबंधों के
  अधीन रहते
  हुए न्यायालयों,
  प्राधिकारियों और
  अधिकारियों का
  कृत्य
  करते रहना  | 
 
| 
   अनुच्छेद-376  | 
  
   उच्च न्यायालयों
  के न्यायधीशों
  के बारे
  में उपबंध।  | 
 
| 
   अनुच्छेद-377  | 
  
   भारत के
  नियंत्रक - महालेखा
  परीक्षक के
  बारे में
  उपबंध।  | 
 
| 
   अनुच्छेद-378  | 
  
   लोक सेवा
  आयोगों के
  बारे में
  उपबंध।  | 
 
| 
   अनुच्छेद-378A  | 
  
   आंध्र प्रदेश
  विधान सभा
  की अवधि
  के बारे
  में विशेष
  उपबंध।  | 
 
| 
   अनुच्छेद-379 से
  391  | 
  
    (निरस्त)।  | 
 
| 
   अनुच्छेद-392  | 
  
   कठिनाईयों को
  दूर करने
  की राष्ट्रपति
  की शक्ति।  | 
 
| 
   अनुच्छेद-393  | 
  
   संक्षिप्त नाम।  | 
 
| 
   अनुच्छेद-394  | 
  
   प्रारंभ।  | 
 
| 
   अनुच्छेद-394A  | 
  
   राष्ट्रपति अपने
  अधिकार के
  अंतर्गत इस
  संविधान का
  हिंदी भाषा
  में अनुवाद
  कराएगा.  | 
 
| 
   अनुच्छेद-395  | 
  
    (निरस्त)।  | 
 
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